चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Khattar controversial statement) के विवादित बयान को लेकर किसान नेताओं से लेकर विपक्षियों ने सीएम को घेरना शुरू कर दिया है. सोमवार को हरियाणा में जगह-जगह सीएम के खिलाफ प्रदर्शन किए गए और इस्तीफा देने की मांग की गई. दरअसल, रविवार को चंडीगढ़ में किसान मोर्चा के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री खट्टर ने विवादित बयान दिया था.
सीएम के कथित बयान का वीडियो सोशल मीडिया (CM khattar video viral) पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में सीएम खट्टर कह रहे हैं कि उठालो लठ, उग्र किसानों को तुम भी जवाब दो, देख लेंगे. दो चार महीने जेल में रह आओगे तो बड़े नेता बन जाओगे. इसके अलावा सीएम खट्टर ने कहा कि जमानत की परवाह मत करो. मुख्यमंत्री के इस बयान का विपक्ष जमकर विरोध कर रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा सीएम के इस्तीफे की मांग कर चुकी हैं.
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हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री जी शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ कुछ लोगों को सरेआम भड़का रहे हैं और हिंसा करने की बात कर रहे हैं. यह अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है. यदि यह वीडियो अनएडिटेड है तो क्या यही भाजपा का असली चाल, चरित्र और चेहरा है. सीएम को इस्तीफा देना चाहिए.
वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर होते हुए ऐसा बयान देना अप्रजातांत्रिक है और लठ मारना प्रजातंत्र नहीं है. वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री की वीडियो के साथ दो ट्वीट किए. उन्होंने लिखा कि मा. खट्टर जी, भाजपा समर्थक लोगों को आंदोलनकारी किसानों पर लट्ठों से हमला करने, जेल जाने और वहां से नेता बनकर निकलने का आपका ये गुरूमंत्र कभी कामयाब नहीं होगा. संविधान की शपथ लेकर खुले कार्यक्रम में अराजकता फैलाने का ये आह्वान देशद्रोह है. मोदी-नड्डा जी की भी सहमती लगती है.
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उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा कि अगर प्रदेश का मुख्यमंत्री ही हिंसा फैलाने, समाज को तुड़वाने और क़ानून व्यवस्था को ख़त्म करने की बात करेंगे, तो प्रदेश में क़ानून और सविंधान का शासन चल ही नहीं सकता. आज भाजपा के किसान विरोधी षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो ही गया. ऐसी अराजक सरकार को चलता करने का समय आ गया है.
वहीं इनेलो की ओर से कहा गया कि मुख्यमंत्री के इस बयान को देखकर ऐसा लगता है कि करनाल में जो लाठीचार्ज हुआ था वह भी मुख्यमंत्री के इशारे पर ही हुआ होगा. उनके बयान का असर तो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर तक में देखने को मिला. जहां पर कई किसानों की कार चढ़ाकर हत्या कर दी गई. आम लोग किसके सहारे रहेंगे जब प्रदेश का मुख्यमंत्री खुद ही देश में अराजकता फैलाने, दंगे कराने और अशांति फैलाने का काम कर रहा हो.
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