चंडीगढ़: हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पद से अरुण पराशर को हटाए जाने के हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी उन्हें पद से नहीं हटाया गया. जिसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दायर अवमानना याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान कड़ा रुख अपनाते हुए कोर्ट ने हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अदलखा और रजिस्ट्रार अरुण पराशर को 25 फरवरी के लिए अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
जस्टिस बीएस वालिया ने ये नोटिस जींद निवासी कृष्ण चंद गोयल द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए हैं. हाई कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी कर पूछा है कि हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद क्यों अभी तक अरुण पराशर काउंसिल के रजिस्ट्रार के पद पर काबिज है. ऐसे में इन आदेशों को लागू नहीं करने पर क्यों ना प्रतिवादी पक्ष के लिए अवमानना की कार्रवाई ही शुरू की जाए.
इस मामले को लेकर कृष्ण चंद गोयल ने दायर याचिका में बताया कि उन्होंने ही वर्ष 2018 में अरुण पराशर की काउंसिल के रजिस्ट्रार के पद पर की गई नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने 25 जुलाई 2019 को अरुण पराशर की नियुक्ति के आदेश को रद्द करते हुए नियमों के तहत रजिस्ट्रार की नियुक्ति किए जाने के आदेश दिए थे.
आदेश के बावजूद उन्हें एक्सटेंशन दे दी गई और सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी गई, जिसके बाद इसे डबल बेंच ने खारिज कर दिया. बावजूद इसके अरुण पराशर को अब तक उनके पद से हटाया नहीं जा रहा है.
याचिकाकर्ता ने अब दायर अवमानना याचिका में बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनकी सेवा समाप्त करने को कहा था, लेकिन काउंसिल द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया और वो अब तक पद पर बने हुए हैं.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि ये सीधे तौर पर हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना है. ऐसे में इसके दोषी अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई की जाए. हाई कोर्ट ने याचिका पर काउंसिल के अध्यक्ष सहित रजिस्ट्रार अरुण पराशन को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.