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Haryana Police DGP: हरियाणा में सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन एक्टिव, मद्रास IIT ब्लैक स्पॉट्स पर करेगी रिसर्च, खास APP का भी होगा इस्तेमाल

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 22, 2023, 8:45 PM IST

Haryana Police DGP
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर

Haryana Police DGP: हरियाणा पुलिस प्रशासन ने प्रदेश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए नई पहल की है. इसको लेकर पुलिस प्रशासन अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई के साथ मिलकर काम करेगा. इसके लिए एक ऐप का निर्माण किया जाएगा. जो पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेगी और ब्लैक स्पॉट्स का अध्ययन करके उन्हें भई चिन्हित किया जाएगा.

चंडीगढ़: हरियाणा में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से परिवर्तनकारी पहल की जा रही है. दरअसल, हरियाणा पुलिस प्रशासन अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई (IIT मद्रास) के साथ मिलकर सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक पहल करने जा रहा है. इस योजना को लेकर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में डायल 112 के कार्यालय में सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक हुई.

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घायलों को 'गोल्डन ऑवर' जरूरी: बैठक में डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि जिन स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती है और जिस जगह को ब्लैक स्पॉट कहा जाता है, उनके कारणों का पता लगाते हुए संबंधित विभागों के साथ तालमेल स्थापित किया जाएगा और सुधार की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी है कि सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को 'गोल्डन ऑवर' यानी समय पर उपचार मिलना जरूरी है. समय पर घायल को अस्पताल पहुंचाया जाना चाहिए.

'संजया ऐप से कनेक्ट होगी प्रक्रिया: इसके अलावा, अस्पतालों की भी परफॉर्मेंस के हिसाब से रेटिंग की जाएगी. जिस अस्पताल में घायल व्यक्ति का 'सर्वाइवल रेट' जितना अधिक होगा, उस अस्पताल को उतनी ही अच्छी रेटिंग दी जाएगी. जहां पर घायल व्यक्ति की मृत्यु का आंकड़ा अधिक होगा, उसकी रेटिंग उतनी ही कम होगी. इन सारी प्रक्रिया को मोबाइल ऐप 'संजया' से कनेक्ट किया जाएगा. इस मोबाइल ऐप पर जिले की बड़ी सड़कों, नेशनल हाईवे, राज्य मार्ग और अन्य जिले की सड़कों के मैप को जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश भर के अस्पतालों और एंबुलेंस का डाटा भी इस मोबाइल ऐप में उपलब्ध होगा.

सड़कों पर स्पीड लिमिट होगी सेट: रविवार को हुई इस बैठक में सितंबर माह के दौरान हुए सड़क हादसों के कारणों को लेकर भी चर्चा हुई. महानिदेशक ने आईजी ट्रैफिक हरदीप दून से कहा कि वो प्रदेशभर की सड़कों पर अलग-अलग स्थान पर जरुरत के हिसाब से स्पीड लिमिट सेट करने की दिशा में जरूरी कदम उठाए. बैठक में बताया गया कि पिछले कुछ वर्षों में वाहनों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन सड़क हादसों का आंकड़ा बीते साल की अपेक्षा कम हुआ है.

ज्यादातर मौत की वजह क्या: मीटिंग में सड़क हादसों के कारणों सहित घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा कर उसका इलाज करवाने की प्रक्रिया पर गहन मंथन किया गया है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना में ज्यादातर मौतें सिर में चोट लगने की वजह से होती है. इसलिए जरूरी है कि आसपास के क्षेत्र में ट्रामा सेंटरों को सूचीबद्ध करके आपस में समन्वय स्थापित करते हुए काम करें.

प्लानिंग के हिसाब से होगा काम: हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को लेकर तंत्र से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की जवाबदेही तय की जाएगी. किसको कैसे काम करना है और क्या काम करना है, इस बारे में स्पष्टता से काम किया जाएगा. इसके अलावा, प्रदेशभर के अस्पतालों, एंबुलेंस तथा उनके चालकों और ब्लड बैंकों को भी साथ में जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि घायल व्यक्ति की सूचना मिलने के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाने और उसका इलाज शुरू होने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखी जाएगी.

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