ETV Bharat / state

हरियाणा सरकार तैयार करेगी फसलों की क्लस्टर, इन फसलों से पहचाने जाएंगे प्रदेश के जिले

author img

By

Published : Apr 8, 2021, 10:03 PM IST

Haryana government cluster of crops, हरियाणा सरकार क्लस्टर फसल
हरियाणा सरकार तैयार करेगी फसलों की क्लस्टर, इन फसलों से पहचाने जाएंगे प्रदेश के जिले

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि किसान का बेटा समृद्ध हो इसके लिए सरकार काम कर रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कृषि उत्पादों की पहचान विदेश में भी हो सके. उन्होंने कहा कि फॉरेन कॉर्पोरेशन विभाग भी इन उत्पादों को विदेश तक पहचान दिलाने के लिए विदेशी फूड कंपिनयों के साथ चर्चा करेगा.

चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश में हर जिले की एक महत्वपूर्ण फसल के क्लस्टर को लेकर सरकार योजना बना रही है, प्रदेश में केंद्र की एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए हर जिले के एक-एक उत्पादन की पहचान कर ली गई है. अब इन्हीं उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ उनका उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को न केवल विशेष प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने के से लेकर उसे ब्रांड बनाकर बाजार तक में उतारा जाएगा.

कृषि विभाग तैयार करेगा फसलों की कलस्टर

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि किसान का बेटा समृद्ध हो इसके लिए सरकार काम कर रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कृषि उत्पादों की पहचान विदेश में भी हो सके. केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए हरियाणा के लिए 188 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है, यह योजना 2024 तक है. फॉरेन कॉर्पोरेशन विभाग भी इन उत्पादों को विदेश तक पहचान दिलाने के लिए विदेशी फूड कंपिनयों के साथ चर्चा करेगा. इसके साथ ही प्रदेश में अन्य इंडस्ट्री और उत्पादों को लेकर कलस्टर बनाकर वह उत्पाद भी बाजार में उतारने के लिए विदेशी कंपनियों से संपर्क की कोशिश शुरू हो गई है.

हरियाणा सरकार तैयार करेगी फसलों की क्लस्टर, इन फसलों से पहचाने जाएंगे प्रदेश के जिले, देखिए वीडियो

ये भी पढ़ें: हरियाणा में चलने से 1 घंटा पहले ट्रेन में लगी भयंकर आग, ऐसे बची सैकड़ों जिंदगियां

इन फसलों से पहचाने जाएंगे जिले

योजना के तहत देश भर के 707 जिले चिन्हित किए गए हैं, इनमें प्रदेश के भी सभी 22 जिले शामिल हैं. कृषि विभाग चरखी दादरी और फरीदाबाद को कद्दू उत्पादन में तो अम्बाला को प्याज, पानीपत को गाजर और सिरसा को किन्नू में पहचान दिलवाएगा. अम्बाला जिले में प्याज ज्यादा होता है, इसलिए यही उत्पाद इस स्कीम में शामिल किया गया है. इस तरह भिवानी और फतेहाबाद के खट्‌टे फल, रोहतक, चरखी दादरी व फरीदाबाद कद्दू, गुड़गांव का आंवला, हिसार और कैथल के दूध व दूध से बने उत्पादन, झज्जर के अमरुद, जींद का मुर्गी पालन, करनाल की पत्तेदार सब्जियां, कुरुक्षेत्र का आलू, महेंद्रगढ़ और नारनौल का साइट्रस, नूंह और पलवल का टमाटर स्कीम में शामिल किए हैं.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद: बिजली का करंट लगने से युवक का शरीर बुरी तरह झुलसा

आढ़तियों की समस्या का समाधान

फसल खरीद को लेकर हुई बैठक के बाद हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली है. तमाम जिलों से रिपोर्ट आई है कि हमारी मंडियों में ठीक तरीके से खरीद चल रही है. किसानों को किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. मुख्यमंत्री के साथ कुछ दिन पहले आढ़ती एसोसिएशन और उनके पदाधिकारियों के साथ 3 घंटे बैठक हुई थी. आढ़तियों की सभी बाते मान ली गई थी उनकी समस्याओं ‌का समाधान कर दिया गया है. आज से जो थोड़ी ‌बहुत पेमेंट ‌पिछली‌ खरीद की रूकी भी उस पर ब्याज मिलना शुरू हो जाएगा. किसानों को आढ़तियों ‌के जरिए नहीं बल्कि‌ सीधा पेमेंट उनके खाते‌ में मिले इसे लेकर आढ़तियों ‌से बात‌ नहीं बनी, सरकार नीति से चलेगी किसानों को सीधा पेमेंट करेगी.

गौरतलब है कि फॉरेन कॉर्पोरेशन डिपार्टमेंट की हरियाणा के हर जिले की एक खास फसल को पहचान दिलाने की योजना है. बजट भाषण में क्रॉप क्लस्टर बनाने का जिक्र किया गया था. हरियाणा के हर जिले के सबसे एक फल या एक सब्जी की फसल को प्रोत्साहित करने की योजना है. जैसे सिरसा का किन्नू , कही गाजर कहीं टमाटर कही मूंगफली ‌का है अच्छा उत्पादन उसी योजना पर सरकार काम कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.