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हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी को दी मंजूरी, जल्द जारी होगी अधिसूचना

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Published : Dec 20, 2022, 6:25 PM IST

Haryana government approves new MBBS board policy
हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी को दी मंजूरी

हरियाणा में MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही इस संबंध में संशोधित अधिसूचना जारी की जाएगी. बॉन्ड पॉलिसी की अवधि 7 साल से घटाकर 5 साल कर दी गई है. आखिर बॉन्ड पॉलिसी विवाद क्या है और छात्रों की क्या मांगें हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (MBBS Bond Policy Controversy in Haryana)

चंडीगढ़: बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सरकार और एमबीबीएस विद्यार्थियों के बीच गतिरोध को लेकर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल हरियाणा सरकार ने प्रदेश में MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. इस संबंध में जल्द ही संशोधित पॉलिसी की अधिसूचना जारी की जाएगी. प्रदेश में बॉन्ड पॉलिसी की अवधि 7 साल से घटाकर 5 साल कर दी गई है. इसके साथ ही बॉन्ड राशि 40 लाख से घटाकर 30 लाख की गई है. संशोधित पॉलिसी के अनुसार 1 साल के अंदर अनुबंध के आधार पर नौकरी की गारंटी दी जाएगी. बता दें कि बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ एमबीबीएस स्टूडेंट्स पिछले कई दिनों से विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सरकार और एमबीबीएस विद्यार्थियों के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है. इसी बीच बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस छात्रों ने वार्षिक परीक्षाओं (MBBS students boycott annual exam) का ​बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है. एमबीबीएस ​की वार्षिक परीक्षाएं 26 दिसंबर से शुरू होने जा रही है. एमबीबीएस विद्यार्थियों का कहना है कि वे पिछले डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है. इसलिए उन्होंने परीक्षाओं के बहिष्कार का निर्णय लिया है. (MBBS studesnts demand) (MBBS Bond Policy in haryana)

ये हैं एमबीबीएस छात्रों की मुख्य मांगें-

  1. सरकारी कॉलेज से पास आउट छात्रों के लिए सिर्फ एक साल सरकारी अस्पताल में नौकरी का प्रावधान हो.
  2. डिग्री पूरी होने के दो महीने में एमबीबीएस छात्र को पोस्टिंग दी जाए, ऐसा नहीं होने पर छात्र को बॉन्ड से मुक्त किया जाए.
  3. कोई छात्र नौकरी जॉइन नहीं करता है तो बॉन्ड उल्लंघन की राशि अधिकतम 10 लाख होनी चाहिए.
  4. बैंक द्वारा छात्र के नाम पर लोन उस स्थिति में सेक्शन किया जाना चाहिए, जब वह सरकारी पोस्टिंग को ठुकराता है.
  5. छात्र को अगर पीजी, एमडी, एमएस में दाखिला मिल जाता है तो उसे कोर्स पूरा करने के बाद सेवा पूरी करने की अनुमति दी जाए.

ये भी पढ़ें: बॉन्ड पॉलिसी विवाद: वार्षिक परीक्षाओं का ​बहिष्कार करेंगे एमबीबीएस विद्यार्थी

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