चंडीगढ़: हरियाणा में गर्मियों के सीजन को लेकर बिजली विभाग पूरी तरीके से तैयार होने का दावा कर रहा है. हरियाणा में फिलहाल बिजली की खपत आने वाले महीनों में बढ़ेगी जब गर्मी के साथ-साध खेतों में धान की रुपाई का काम शुरू होगा. ऐसे में धान के सीजन (paddy season) में बिजली आपूर्ती को लेकर विभाग की क्या तैयारी है? इसकी जानकारी दी बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने.
बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास (Additional Chief Secretary Electricity Department) ने बताया कि प्रदेश में 70 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं. सर्दी के मौसम में हरियाणा उन राज्यों को बिजली सप्लाई करता है जहां इस दौरान खपत ज्यादा होती है. इस प्रक्रिया को बैंकिंग (electricity banking) कहा जाता है. पीके दास ने बताया कि हमें गर्मी के दौरान जुलाई से सितंबर के दौरान जब बिजली की जरूरत होती है तो उन राज्यों से बिजली ली जाती है, जिन्हें सर्दियों में राज्य ने बिजली दी होती है.
उन्होंने बताया कि अक्सर बिजली उस दौरान वापस ली जाती है जब हरियाणा में धान का सीजन चल रहा होता है. इसके अलावा शॉर्ट टाइम पावर परचेज (short time power purchase) का भी बंदोबस्त किया गया है. प्रदेश में जितने भी थर्मल पावर स्टेशन (thermal power station) हैं, उनकी मेंटेनेंस का भी काम किया जा रहा है. विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आगामी धान के सीजन के लिए ज्यादा तैयार रहने के लिए कहा गया है.
प्रदेश में बिजली की मौजूदा स्तिथी
- हरियाणा में बिजली उपभोक्ता 70 लाख 54 हजार हैं
- मौजूदा समय मे बिजली की खपत करीब 7,200 मेगावाट है
- बिजली का उत्पादन 12 हजार 157 मेगावाट है
- धान के सीजन में जुलाई में बिजली की डिमांड बढ़ती है
- 3 जुलाई, 2020 को सबसे ज्यादा 10,894 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी
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इसके साथ ही थर्मल प्लांटों में कोयले संबंधी दिक्कत के सवाल पर अतिरिक्त मुख्यसचिव पीके दास ने बताया कि ऐसी कोई दिक्कत नहीं है. हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कोयले का रिजर्व है. हम कोशिश करेंगे कि इस सीजन में इस रिसर्व को बनाकार रखा जाए.
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