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Haryana AAP Mission 2024: हरियाणा को लेकर आप की क्या है रणनीति, कांग्रेस के संगठन न बनने और इंडिया गठबंधन को लेकर क्या बोले अशोक तंवर?

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 29, 2023, 8:05 AM IST

Haryana Assembly Election 2024
हरियाणा को लेकर आप की क्या है रणनीति

Haryana Assembly Election 2024 लोकसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आम आदमी पार्टी हरियाणा में जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है. इसी कड़ी में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 29 अक्टूबर को हरियाणा के रोहतक दौरे पर आ रहे हैं. आगामी चुनाव को लेकर आप की क्या रणनीति रहने वाली है, इसको लेकर आप हरियाणा कैंपेन कमेटी चेयरमैन अशोक तंवर ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. (Haryana Assembly Election 2024 AAP preparations for Haryana Assembly Election 2024)

आगामी चुनाव को लेकर क्या है आम आदमी पार्टी की रणनीति?.

चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी लगातार हरियाणा में जमीनी स्तर पर एक्टिव दिखाई दे रही है. वहीं, पार्टी ने प्रदेश में बड़े स्तर पर अपना संगठन भी खड़ा कर दिया है. पार्टी आने वाले दिनों में किस तरह से प्रदेश में आगे बढ़ने जा रही है? इंडिया गठबंधन को लेकर क्या चल रहा है? पार्टी चुनाव 2024 को लेकर क्या उम्मीद कर रही है? इन सब बातों को लेकर ईटीवी भारत ने आप के हरियाणा कैंपेन कमेटी के चेयरमैन डॉ. अशोक तंवर से खास बातचीत की.

सवाल: आगामी चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी की क्या तैयारी है?

जवाब: आम आदमी पार्टी की चुनाव को लेकर तैयारियां जोरदार है. जब आम आदमी तैयार हो जाए, जब किसान और कर्मचारी जिन पर सरकार ने लाठियां बरसाई हैं, वह तैयार हो जाए तो फिर लड़ाई आसान हो जाती है. चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए हम पूरी तरह से जुटे हुए हैं. सरकार जिस तरीके का झूठ बोल रही है और विपक्ष (कांग्रेस) ने जिस तरीके का पहले काम किया. उस सब को हम जनता के बीच लेकर जा रहे हैं. जनता का हमें आशीर्वाद मिल रहा है. आम आदमी पार्टी का परिवार बढ़ता जा रहा है. जब हमने परिवार जोड़ो अभियान शुरू किया, हरियाणा के हर परिवार तक पहुंचाने की हमने कोशिश की, उनके सुख-दुख में जब हम शामिल हुए तो, एक मजबूत जन आधार तैयार हुआ. इसके साथ ही मजबूत संगठन भी आम आदमी पार्टी का हरियाणा में तैयार हो गया. जिनके शपथ ग्रहण के लिए 5 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हरियाणा आएंगे.

  • फेल बीजेपी सरकार के 9 साल
    आम आदमी के 9 सवाल

    आज दूसरा सवाल - बेरोजगारी@mlkhattar सरकार में इतने पेपर लीक हुए हैं कि लोग इस सरकार को ही 'लीक सरकार' कहने लगे हैं। pic.twitter.com/arBAadeNiU

    — Anurag Dhanda (@anuragdhanda) October 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सवाल: आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में बड़ी तेजी के साथ अपना संगठन बना लिया, आपकी पुरानी पार्टी कांग्रेस अभी तक अपना संगठन घोषित नहीं कर पाई है आप इसे कैसे देखते हैं?

जवाब: कांग्रेस की गुटबाजी और पार्टी का जो वर्किंग कल्चर है यह उसका दोष है. वे आज भी यह सोचते हैं कि आजादी के बाद लंबे समय तक उनकी सरकार रही. लोगों ने उनको वैसे ही वोट दे दिया, क्योंकि कोई दूसरा नहीं था. लोग उनका झूठ सच सबको मानते रहे, उसे स्वीकार करते रहे वह लूटते रहे, देश देखता रहा. आज 75 साल हो गए, उसके बावजूद आज भी लोगों तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई. वहीं, 2014 के बाद भाजपा की सरकार बनी. उन्होंने कहा कि हम हालात बदल देंगे, किसानों की आय दुगनी कर देंगे, शहरों को स्मार्ट सिटी बना देंगे, कोई बेरोजगार नहीं रहेगा, 2 करोड़ रोजगार देने की बात कही, कर्मचारी बेहतर जीवन जिएंगे. लेकिन, आज उसके बिल्कुल विपरीत स्थिति है. आज 9 साल बाद देश और प्रदेश दोनों बदहाल है. जनता कंगाल हो गई, दोस्त मालामाल हो गए. यह सरकार की उपलब्धियां है. जिसको लेकर मैं सोचता हूं कि प्रदेश की जनता ज्यादा सहन नहीं करेगी. 2024 के अंदर इस देश में एक नया विकल्प सामने आएगा. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई, उसके बाद पंजाब में आई और उससे भी बड़ा मैंडेट हरियाणा में जनता आम आदमी पार्टी को देगी.

सवाल: आम आदमी पार्टी के विरोधी चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी उनके नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में बड़ी चुनौती नहीं है आप इस पर क्या कहेंगे?

जवाब: आम आदमी पार्टी कितनी बड़ी चुनौती है इसका एहसास अंदर से उनको है. रातों की नींद चली गई दिन का चैन चला गया. लेकिन, अब करें भी तो क्या करें. क्योंकि अब वह कुछ कर भी नहीं सकते. कुछ करना आता तो यह हालत न होते. आम आदमी पार्टी तो पूरा मजबूत झाड़ू लगाती है. दिल्ली में लंबे समय तक कांग्रेस और बीजेपी का शासन रहा. लेकिन, 2014 के बाद की स्थिति आपके सामने है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सब की दुकान बंद कर दी, कोई समान ही नहीं छोड़ा. पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने ऐसा ही किया. वहां भी बड़े-बड़े राजनीतिक परिवार थे, राजनीति के सूरमा थे, राजे महाराजे थे, सबको ध्वस्त कर दिया. आम आदमी पार्टी नाम है जो कि आम आदमी के सपनों को ध्यान में रखकर उनको साकार करने के लिए काम करती है. हरियाणा में भी यही होगा जो यह कहते हैं कि हम बड़ी चुनौती नहीं है असलियत उनको भी पता है. शरीर के लिए भी दो पैरों की जरूरत होती है. लेकिन, उनके पास तो दो पर भी नहीं है, ना ही उनके पास कोई दिव्य दृष्टि है, और उनका दिमाग भी खाली है.

  • इनेलो के पूर्व युवा अध्यक्ष, गांव ब्राह्मणवास के पंच और लाढोत के नंबरदार समेत किलोई विधानसभा के करीब एक दर्जन स्थानीय नेता व कार्यकर्ता जजपा, कांग्रेस और इनेलो छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। pic.twitter.com/9FMT7YCWyv

    — AAP Haryana (@AAPHaryana) October 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सवाल: आपके विरोधी एसवाईएल के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरने की कोशिश करेंगे, इसको लेकर आप क्या कहेंगे?

जवाब: वे मजबूती से हम पर वार करें, हमारे पास कवच है ढाल है. हम लड़ने के लिए सक्षम है. हम अपनी बात कहेंगे कि आजादी से लेकर आज तक इसका समाधान क्यों नहीं हुआ? सारी पार्टियों की केंद्र में और राज्य में सरकार रही. अगर उनकी नीयत ठीक होती तो यह बहुत पहले समाधान कर लेते. अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा है कि प्रधानमंत्री हमें बुलाएं हम बताएंगे कि समाधान कैसे हो सकता है. पानी की जरूरत सबको है, पंजाब को भी हरियाणा को भी, राजस्थान को भी, किस को पानी नहीं चाहिए. जल ही जीवन है उसके बिना कुछ नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने बुलाया क्या? इसको चुनावी स्टंट ना बनाएं. चुनावी इवेंट ना बनाएं. चुनाव से पहले इसकी चर्चा होती है उसके बाद लोगों से भूल जाते हैं. जनता यह बर्दाश्त नहीं करेगी. जनता जानती है कि उसका हितेषी कौन है. उसी हितेषी की सोच थी कि पंजाब में बदलाव आया अब हरियाणा की बारी है.

सवाल: आने वाले दिनों के लिए आम आदमी पार्टी की किस तरह की तैयारी है? क्या कोई बड़े पार्टी के कार्यक्रम होने जा रहे हैं?

जवाब: धरातल पर जब अरविंद केजरीवाल आते हैं तो वह हमसे बात करते हैं वे फिर हमें दिशा निर्देश देते हैं, जो जमीन का फीडबैक है वह हम उनको बताते हैं. हमारा लगातार संवाद चलता है. पिछली बार जब वे भिवानी आए तो उन्होंने कहा कि परिवार जोड़ना है. फिर एक, डेढ़ में महीने में हमारा परिवार जोड़ो अभियान चला. बाढ़ के दौरान भी हम लोगों के बीच में गए. आज परिवार जोड़ो अभियान के तहत हमने ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत संगठन तैयार किया है. उनके शपथ ग्रहण के लिए 5 तारीख को वे हरियाणा आएंगे. अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भी रहेंगे. इसमें भी जो दिशा निर्देश देंगे, उसे पर हम काम करेंगे. आगे लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, विधानसभा के चुनाव कभी भी हो सकते हैं, हम कदम दर कदम चल रहे हैं. हम यह नहीं कहते कि हम लंबी छलांग लगाने के बारे में नहीं सोचते हैं. हम एक-एक कदम चलकर लंबी दूरी तय करना चाहते हैं. कांग्रेस और बीजेपी की यही गलतफहमी है कि वे खुद को सर्वशक्तिमान समझते हैं, वे सबसे बेईमान है. ऐसे बेईमानों का जनता इलाज करेगी.

सवाल: आप ने रोहतक में कार्यक्रम करने की तैयारी की है, वह भी हुड्डा के गढ़ में कितनी बड़ी चुनौती हुड्डा को देने जा रहे है?

जवाब: चुनौती तो जनता देगी. अभी तो वेन्यू तय होगा, लेकिन यह तय हो चुका है कि 5 तारीख को कार्यक्रम होगा. पहले यह कार्यक्रम 29 तारीख को था, लेकिन त्योहारों की वजह से इसकी तारीख को बदल गया. इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता भी अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त हैं. धीरे-धीरे अब पार्टी की गतिविधियां भी तेज हो जाएगी. जिसके पास संगठन है, जिसके पास वह सेना है उस का प्रयोग व कहीं भी कर सकते हैं. जिनके पास सेना नहीं है, वह उसका क्या प्रयोग करेंगे और क्या जनता की लड़ाई लड़ेंगे. वे खुद की लड़ाई नहीं लड़ सकते तो जनता की क्या लड़ाई लड़ेंगे. लोगों का धीरे-धीरे मन बन चुका है कि पूरा उत्तर भारत आम आदमी पार्टी के साथ जोड़ना है. इसका नतीजा आपको लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

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सवाल: लोकसभा चुनाव में आप इंडिया गठबंधन के साथ है विधानसभा में आप अकेले लड़ रहे हैं, ऐसे में लोगों के बीच आप किस तरीके से संदेश देंगे ?
जवाब: देखिए इंडिया गठबंधन हो गया है. लेकिन, हम सब लोग अगर देश के भाव को समझेंगे लोगों का भाव यह है कि देश खतरे में है, देश का लोकतंत्र और संविधान खतरे में है. देश की जनता खतरे में है. इनके खिलाफ खड़े होने वाले लोगों के खिलाफ फैसले जा रहे हैं. ऐसे में सभी को व्यक्तिगत स्वार्थ छोड़ने पड़ेंगे. बात हुई थी कि विधानसभा चुनाव में भी मिलकर जा सकते हैं. लेकिन, अभी तक तो कुछ ऐसा नहीं हुआ. अगर इंडिया गठबंधन विधानसभा चुनाव में भी होता है तो वह बेहतर होगा. लेकिन, कई नेताओं के दिमाग भी खराब है. वह कुछ भी बयान दे देते हैं. लेकिन, उसका कहीं ना कहीं प्रतिकूल असर भी पड़ता है. मर्यादा में रहकर सबको काम करना चाहिए, बोलना चाहिए. इंडिया गठबंधन के घटक दलों से यही हमारी गुजारिश है.

सवाल: हुड्डा साहब भी कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में भी अकेले लड़ेंगे, क्या आप मानते हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अगर हरियाणा में मिलकर लड़े तो ज्यादा बेहतर होगा?

जवाब: जब कांग्रेस पार्टी का हाई कमान, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष, वह कुछ कहीं तो तब यह बात होगी. यहां के कहने वालों से कुछ नहीं होगा. जब वे गठबंधन करने के लिए तैयार है और यहां वाले कह रहे हैं कि हम अकेले लड़ेंगे, फिर यह विरोधाभास क्यों है. पहले तो वे अपने घर को ऑर्डर में लेकर आए. वे अपने हाउस को ऑर्डर में करें, फिर आगे की चर्चा होगी. अगर वह अकेले लड़ने के लिए तैयार हैं तो मैं समझता हूं कि हम तो और भी ज्यादा इसके लिए तैयार हैं. क्योंकि हमारे पास संगठन है हमारे पास नेतृत्व है, हमारे पास लोगों का विश्वास है. आम आदमी पार्टी तो आम आदमी पार्टी है वह लोगों के हिसाब से चलती है.

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