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चंडीगढ़ में अधर में 23 चार्जिंग स्टेशन का काम, कैसे चलेंगे ई वाहन?

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Published : Jun 15, 2023, 5:40 PM IST

Updated : Jun 15, 2023, 7:20 PM IST

electric vehicle in chandigarh
2023-24 वित्त वर्ष में चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल 300 पंजीकृत.

चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए टू व्हीलर वाहनों के पंजीकरण को बंद करने का फैसला किया है. प्रशासन अब शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने पर जोर दे रहा है. इस वित्तीय वर्ष में चंडीगढ़ में अब तक 257 इलेक्ट्रिक टू व्हीलर वाहनों का पंजीकरण हो चुका है, लेकिन समस्या ये है कि अभी तक सावर्जनिक चार्जिंग स्टेशनों को शुरू नहीं किया गया है. अब सवाल ये उठ रहा है कि बिना चार्जिंग स्टेशन के वाहन कैसे चलेंगे.

चंडीगढ़: शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने टू व्हीलर वाहनों के पंजीकरण को बंद कर दिया है. अब चंडीगढ़ प्रशासन शहर में टू व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने पर जोर दे रहा है. ईवी (इलेक्टिक वाहन) नीति के मुताबिक जुलाई के पहले सप्ताह में टू व्हीलर व्हीकल का पंजीकरण बंद हो जाएगा.

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चंडीगढ़ प्रशासन के मुताबिक शहर में पेट्रोल से चलने वाले सिर्फ 6,202 टू व्हीलर वाहनों का रजिस्ट्रेशन होना है. इसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा और सिर्फ इलेक्ट्रिक टू व्हीलर वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा. अगले वित्तीय वर्ष से पेट्रोल से चलने वाले टू व्हीलर वाहनों के पंजीकरण का कोई प्रावधान नहीं होगा.

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चंडीगढ़ में चार्जिंग स्टेशन के लिए रूट मैप.

चंडीगढ़ में 257 इलेक्ट्रिक व्हीकल पंजीकृत: चंडीगढ़ प्रशासन के मुताबिक अप्रैल से अब तक 4,032 टू व्हीलर वाहनों का पंजीकरण हो चुका है. अब केवल 2,170 टू व्हीलर वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हो सकेगा. इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में अब तक शहर में 257 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का पंजीकरण किया गया है. इससे शहर के टू व्हीलर (पेट्रोल) डीलरों को आर्थिक नुकसान हो सकता है. लिहाजा उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से पेट्रोल वाले टू व्हीलर वाहनों के पंजीकरण को बंद ना करने अनुमति मांगी है.

इलेक्ट्रिक टू व्हीलर वाहनों के पंजीकरण का लक्ष्य: ईंधन पर चलने वाले टू व्हीलर और थ्री व्हीलर वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए प्रशासन ने 2022-23 में न्यूनतम 35% इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को पंजीकृत करने की योजना बनाई है. 2023-24 में 70% और 2024-25 से 100% टू व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की योजना है. इसी तरह प्रशासन ने ईंधन पर चलने वाले फोर व्हीलर वाहनों में 10% की कमी की योजना बनाई गई थी. चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए कारों में 20% और बाइकों में 70% की कमी की योजना बनाई गई है.

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इलेक्टिक वाहनों का पंजीकरण

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चंडीगढ़ में 23 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन: चंडीगढ़ में स्थापित किये गए पहले 23 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन अब तक शुरू नहीं किए गए हैं, जबकि यूटी ने 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का वादा किया था. 23 सितंबर 2022 में शहर में 37 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए, जिसमें 23 सार्वजनिक है. इसमें से अभी तक कोई भी शुरू नहीं हो पाया है. मौजूदा समय में देखने में आया है कि जिन लोगों के पास इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल हैं, वो भी निजी स्टेशनों पर जाकर चार्जिंग कर रहे हैं.

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चंडीगढ़ में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन

चंडीगढ़ के लिए 48 चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी: बता दें कि केंद्र ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) इंडिया स्कीम के फेज 1 के तहत चंडीगढ़ के लिए 48 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी थी. चंडीगढ़ प्रशासन ने भी आश्वासन दिया था कि ईवी उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए, जल्द ही मोबाइल ऐप विकसित की जाएगी. जिसमें चार्जिंग स्टेशनों के बारे में रीयल-टाइम जानकारी प्रदान की जाएगी. इस ऐप से लोगों के ये पता चल सकेगा कि कहां कौन सा चार्जिंग स्टेशन फ्री है और कहां चार्जिंग स्टेशन पर लोड है, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है.

क्रेस्ट को इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की जिम्मेदारी: इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल का जिम्मा चंडीगढ़ प्रशासन ने क्रेस्ट कंपनी को सौंपा है. इस बारे में क्रेस्ट के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमारा काम जोरों पर है. न केवल पिछले वाले चालू किए जाएंगे बल्कि नए 44 स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया में भी हैं. ये 44 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन एलांते मॉल की पार्किंग, सेक्टर 17 में मल्टीलेवल पार्किंग, सेक्टर 44-डी बाजार के पार्किंग क्षेत्र और मनीमाजरा कार बाजार में विकसित किए जाएंगे.

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चंडीगढ़ में चार्जिंग स्टेशन.

चंडीगढ़ में चार्जिंग स्टेशन: इंडस्ट्रियल एरिया-2 में 30 किलो वाट के चार स्टेशन हैं, एक 15 किलो वाट का स्टेशन है. सेक्टर-36 में 30 किलो वाट का एक स्टेशन है, सेक्टर-21 में 3 किलो वाट का एक स्टेशन, सेक्टर-20 में 25 किलो वाट का एक स्टेशन, सेक्टर-39 में एक और सेक्टर-28 एक स्टेशन है. वही तीन स्टेशन एलांते मॉल में लगाए गए हैं. इसके अलावा सेक्टर-31, सेक्टर-29 और सेक्टर 24 और 30- 30 किलोवाट के स्टेशन लगाए गए हैं. एक इलेक्ट्रिक स्कूटर 1.20 लाख रुपये में आता है. जबकि, एक ईवी कार औसतन 14 से 16 लाख रुपये के पास बिक रही है.

प्राइवेट कंपनियों के हाथों में 19 चार्जिंग स्टेशन: चंडीगढ़ में इस इस समय प्रोजेक्ट वॉलपेपर कंपनी द्वारा ईवी चार्जिंग का सिस्टम संभाला जा रहा है. इस समय 9 प्राइवेट ईवी चार्जिंग स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं, जिन्हें 15 जुलाई तक शुरू किए जाएगा. इसके अलावा जीवा एंड कैश ईवी चार्जिंग स्टेशन 30 जुलाई 2023 को शुरू किए जाएंगे. वहीं, इस समय 19 चार्जिंग स्टेशन प्राइवेट कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे हैं.

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चंडीगढ़ के लिए 48 चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी.

ये है चार्जिंग रेट: अपने वाहनों को घर पर चार्ज करने वाले मालिकों को घरेलू दरों का भुगतान करना होगा, जबकि सार्वजनिक स्टेशनों पर चार्ज करने वालों से धीमी या मध्यम चार्जिंग के लिए 8 रुपये प्रति यूनिट, फास्ट चार्जिंग के लिए 10 रुपये प्रति यूनिट और बैटरी स्वैपिंग के लिए 11 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क लिया जाएगा.

इलेक्ट्रिक वाहन के नुकसान: एक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पूरी तरह चार्ज होकर 50 किलोमीटर तक चल सकता है और एक मध्यम आकार की इलेक्ट्रिक कार अधिकतम 200 किलोमीटर तक चल सकती है. अगर चंडीगढ़ के किसी व्यक्ति को काम के लिए चंडीगढ़ से अंबाला जाना हो तो वह एक बार जा सकता है, लेकिन वह वापस नहीं आ सकता. अगर किसी को कोई निजी चार्जिंग स्टेशन मिल जाता है, तो वाहन को पूरी तरह से चार्ज करने में लगभग छह से सात घंटे लगते हैं. वहीं, फास्ट चार्जिंग में 60 मिनट तक का समय लगता है. इसके लिए व्यक्ति को 1 घंटा चार्जिंग स्टेशन में ही इंतजार करना पड़ेगा.

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इलेक्टिक वाहन के फायदे और नुकसान

बंद होगी टू व्हीलर वाहनों की डीलरशिप? इस बीच, फेडरेशन ऑफ द चंडीगढ़ रीजन ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि यूटी में ईंधन से चलने वाले टू व्हीलर वाहनों की बिक्री को प्रतिबंधित करने की नीति का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. चंडीगढ़ ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ईंधन से चलने वाले वाहन, इंजन और संबंधित घटकों का उत्पादन करने वाली कई कंपनियां थीं. जिनपर इसका सीधा असर पड़ेगा. जिससे हजारों की नौकरी छूट जाएगी और स्थानीय व्यवसायों को भारी नुकसान होगा. इसके अलावा, वर्तमान में डीलरों के पास 100 करोड़ रुपये की इन्वेंट्री है, जो दांव पर है. आदेश के परिणामस्वरूप, दोपहिया वाहनों की डीलरशिप बंद हो जाएंगी और अधिकतर लोग दिवालिया हो जाएंगे. लगभग 10,000 व्यक्ति आर्थिक रूप से प्रभावित होंगे.

Last Updated :Jun 15, 2023, 7:20 PM IST
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