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'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' के आंकड़े डेढ़ साल पुराने, जल्द होगा रैंकिंग में सुधार- दुष्यंत चौटाला

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Published : Sep 8, 2020, 7:27 AM IST

'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' आंकड़े डेढ़ साल पुराने, जल्द होगा रैंकिंग में सुधार-दुष्यंत चौटाला
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'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' की रैंकिंग में तीसरे से सीधा 16वें स्थान पर पहुंचा हरियाणा. उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ये आंकड़े डेढ़ साल पुराने हैं. आने वाले में समय में रैंकिंग में सुधार जरूर होगा.

चंडीगढ़: 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' की रैंकिंग में तीसरे से सीधा 16वें स्थान पर फिसलने के बाद हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जारी एक बयान में विस्तार से जानकारी दी है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार की संस्था द्वारा हाल ही में घोषित की गई ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिग दरअसल वित्तीय वर्ष 2018-19 की है.

इस रैंकिंग में दिखाई गई राज्यों की स्थिति मौजूदा साल या बीते वित्त वर्ष का नहीं बल्कि डेढ़ से दो साल पहले की है. उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि 1 अक्तूबर से राज्य में नई इंटरप्राइजेज एंड एम्पलॉयमेंट प्रोमोशन पॉलिसी लागू हो रही है. जिसमें सभी आवश्यक बिंदु समाए हुए होंगे.

डिप्टी सीएम ने कहा कि ईज आफ डूइंग बिजनेस की 2018-19 की रैंकिंग से ना केवल हरियाणा बल्कि कई राज्यों की रैंकिंग कम हो गई है. कुछ छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग बढ़ी है, लेकिन उद्योगों के लिए पहचान बनाने वाले ज्यादातर राज्यों की रैंकिंग घट गई है.

ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत राज्यों की रैंकिंग तैयार करने के लिए 2019 में नए मानकों के आधार पर सर्वे हुआ है. इस सर्वे में 25 से ज्यादा नए मानक शामिल किए गए थे, जबकि पहले से लागू कई मानक हटा दिए गए थे.

यानी इस रैंकिंग में 2018 के कुछ महीने और 2019 के शुरूआती महीनों में निवेशकों के अनुभव को ही शामिल किया गया है। ईज आफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग का आधार डीआइपीपी द्वारा 2019 में राज्यों के लिए घोषित एडवाइजरी डाक्यूमेंट रहा है, जिसे बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान 2019 का नाम दिया गया था.

तीसरे से 16वें स्थान पर फिसला हरियाणा

नए मानकों के आधार पर हुए इस सर्वे में कुछ राज्यों की रैंकिंग में अप्रत्याशित उछाल आया है, जैसे उत्तर प्रदेश की रैंकिंग 12 से सीधे दो पर पहुंच गई. दिल्ली 23वें स्थान से 12वें स्थान पर आ गया है. नए मानकों के आधार पर तैयार रैंकिग में नुकसान पाने वाले राज्यों में उड़ीसा 14वें स्थान से 29वें स्थान पर पहुंच गया, जबकि हरियाणा तीसरे स्थान से 16वें स्थान पर पहुंच गया है. बिहार राज्य 18वें स्थान पर था, मगर नए सर्वे रैंकिंग का उसे भी नुकसान उठाना पड़ा और वो अब 26वें स्थान पर पहुंच गया है. केरल 21वें स्थान पर था, जो अब 28वें स्थान पर आ गया है, जबकि कर्नाटक 8वें से 17वें स्थान पर और गुजरात 5वें से 10वें स्थान पर खिसक गया है.

उत्तर प्रदेश को छोड़कर किसी बड़े और औद्योगिक रूप से विकसित राज्य को रैंकिंग में फायदा नहीं हुआ, जबकि कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, उड़ीसा, बिहार और केरल जैसे अधिक औद्योगिकीकरण वाले राज्यों को नए सर्वे में बहुत नुकसान हुआ है.

KMP हाईवे के दोनों तरफ नई इंडस्ट्री लगने की संभावना- दुष्यंत चौटाला

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास होने के चलते यहां कुंडली-मानेसर-पलवल हाईवे (केएमपी) के दोनों तरफ खाली जमीनों पर नई इंडस्ट्री लगने की काफी संभावना है. इसके अलावा प्रदेश सरकार पंचायती खाली जमीनों को नए उद्योग लगाने के लिए पट्टे पर देने का प्रस्ताव तैयार कर रही है.

साथ ही राज्य में विभिन्न स्थानों पर छोटे उद्योगों के कलस्टर तैयार किए गए हैं. चीन में स्थापित 60 से ज्यादा कंपनियों ने हरियाणा में निवेश की इच्छा जताई है. ऐसे में मौजूदा वित्त वर्ष और आने वाले वर्षों में हरियाणा की रैकिंग में सुधार होना तय है.

बीजेपी के समय में हुआ रैंकिंग में सुधार- दुष्यंत चौटाला

ये बात भी महत्वपूर्ण है कि राज्य में कांग्रेस के कार्यकाल के आखिरी साल में हरियाणा की रैंकिंग 14वें स्थान पर थी. कांग्रेस के जाने के बाद यह छठे स्थान पर आई और फिर ये तीसरे स्थान पर पहुंची. सिर्फ इस साल को छोड़कर हरियाणा में बीते 6 सालों में लगातार औद्योगिक सरलता की रैंकिंग में सुधार हुआ है.

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