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हरियाणा में फसल खरीद की रफ्तार धीमी, किसान को नहीं मिल रहा पैसा: दीपेंद्र हुड्डा

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Published : May 9, 2020, 6:08 AM IST

'डिजिटल चैट' कार्यक्रम में हरियाणा कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से प्रदेश के मौजूदा हालात पर खास बातचीत की. इस दौरान दीपेंद्र ने फसल खरीद प्रक्रिया पर भी सरकार की प्लानिंग पर सवाल किए.

deepender singh hooda said high level investigation should be in liquor scam in haryana
पंजाब के मुकाबले हरियाणा में धीमी है फसल खरीद की गति

चंडीगढ़: ईटीवी भारत हरियाणा के 'डिजिटल चैट' कार्यक्रम में हरियाणा कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से प्रदेश के मौजूदा हालात पर खास बातचीत की. दीपेंद्र हुड्डा ने कोरोना जैसी महामारी के बीच राजनीतिक बयानबाजी से परहेज किया, लेकिन इस बीच उन्होंने सरकार को कई सलाह भी दी कि किसानों को सरकार तुरंत पेमेंट करे ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर सके.

दीपेंद्र हुड्डा ने पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई बढ़ोत्तर पर कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स भारत में पेट्रोल और डीजल पर लग रहा है, जबकी बाकी देशों में पेट्रोल-डीजल सस्ता हुआ है, अगर भारत में भी सस्ता हो तो आम नागरिक को राहत मिलेगी.

देखिए 'डिजिटल चैट' कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से खास बातचीत

सवाल: कृषि मंत्री जेपी दलाल खुद को रबी की खरीद, उठान और पेमेंट प्रक्रिया से संतुष्ट बता रहे हैं. आपका क्या कहना है ?

दीपेंद्र हुड्डा: मैंने सरकार को पहले ही चेताया था कि ये समय एक्सपेरिमेंट करने का नहीं है. सरकार को पुरानी प्रणाली के अनुसार किसानों की फसल की खरीद, उठान और उनकी पेमेंट की व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन सरकार ने पहले उस बात को स्वीकार नहीं किया. जिससे हरियाणा में भी काफी दिक्कत आई. पंजाब में अब तक 90-95 प्रतिशत खरीद हो चुकी है, लेकिन हरियाणा में अभी 60-65 प्रतिशत खरीद हुई है. प्रदेश में खरीद धीमी गति से चल रही है. कई जगह पर खरीद आधी हुई है.

प्रदेश में पहले खरीद में दिक्कत आई. अब उठान में दिक्कत आ रही है. वहीं मंडी से उठान नहीं होने की वजह से जो पिछले हफ्ते बेमौसम बरसात हुई उससे फसल बर्बाद हुई. किसान की फसल खरीदना तो सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन फसल को बचाना भी सरकार की जिम्मेदारी है. बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर गेहूं और सरसों खराब हुई है.

गेहूं उठान में भी सरकार ने सुस्ती दिखाई है. हरियाणा सरकार ने पेमेंट में भी देरी की है. मैं ईटीवी भारत के माध्यम से मैं किसानों से अपील करता हूं कि धैर्य रखें, समय ऐसा है कि थोड़ी देरी हो तो दिक्कत नहीं होनी चाहिए. अगर दो चार दिन में पेमेंट आ जाएगी. वहीं सरकार को भी जल्दी से जल्दी किसान की पेमेंट करें.

सवाल: पेट्रोल और डीजल के रेट बढ़ने के बाद कुछ पार्टियों का विरोध हो रहा है, तो राज्य सरकारों के पास रास्ता क्या है?

दीपेंद्र हुड्डा: जहां तक पेट्रोल और डीजल की बात है वो केंद्र सरकार का फैसला है. मगर इसमें कोई दो राय नहीं कि राज्य सरकार की स्थिति सही नहीं है. बैकअप के लिए राज्य सरकारें कोशिश कर रही हैं. ताकि कुछ राजस्व जुटाया जाय. लोगों का भी सहयोग राज्यों को मिल रहा है, लेकिन इस बात पर आत्म मंथन होना चाहिए कि दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स भारत में पेट्रोल और डीजल पर लग रहा है, जबकी बाकी देशों में पेट्रोल-डीजल सस्ता हुआ है तो उसकी राहत आम आदमी को भी मिलेगी.

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