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Dav College Chandigarh Honours Shooting Stars Asian Games 2023: एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों ने बताया कैसे डीएवी कालेज ने किया सपोर्ट, शिक्षकों के सहयोग की बदौलत जीते मेडल

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 7, 2023, 4:56 PM IST

Dav College Chandigarh Honours Shooting Stars Asian Games 2023 चंडीगढ़ के डीएवी कालेज में एशियन गेम्स 2023 में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों का सम्मान समारोह हुआ. इस दौरान ईटीवी भारत ने खिलाड़ियों से बातचीत की. खिलाड़ियों ने बताया कि कालेज की तरफ से पूरा सपोर्ट किया गया. पढ़ाई को लेकर सभी शिक्षकों ने सहयोग किया. सभी खिलाड़ियों का कहना था कि कालेज की मदद के बिना मेडल पाना संभव नहीं था.

Dav College Chandigarh Honours  Shooting Stars Asian Games 2023
डीएवी कालेज चंडीगढ़ में खिलाड़ियों का सम्मान हुआ
डीएवी कालेज चंडीगढ़ में सम्मानित खिलाड़ियों से ईटीवी की खास बातचीत

चंडीगढ़ : एशियन गेम्स 2023 में डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ के पांच खिलाड़ियों ने भाग लिया. इन खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में मेडल जीते. इसके बाद कालेज ने उनको सम्मानित किया.इस मौके पर खिलाड़ियों ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कालेज के शिक्षकों ने भरपूर मदद की. शिक्षकों की प्रेरणा की वजह से वे मेडल पाने में सफल हुए. कुछ खिलाड़ियों ने कालेज की शूटिंग रेंज में भी प्रेक्टिस की थी. खिलाड़ियों ने इस रेंज को भी बढिया बताया. आइए जानते है किस खिलाड़ी ने क्या कहा?

क्लास में बैठना अच्छा लगता है- आदर्श सिंह: मीडिया से बचने वाले आदर्श सिंह ने यहां खुलकर बात की. आदर्श कालेज से बीए की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. अब यहां से मास्टर की पढ़ाई कर रहे हैं. उनका कहना है,' क्लास में बैठना मुझे अच्छा लगता है.इस बार पढ़ाई को ज्यादा समय नहीं दे पाया.कालेज की तरफ से पढ़ाई के लिए पूरा सहयोग मिलता है.' आदर्श कालेज की 10 मीटर की शूटिंग रेंज में भी प्रेक्टिस करते हैं. पर ये नियमित नहीं हो पाती है क्योंकि वे दिल्ली में रहते हैं. उनका कहना है कि जब चंडीगढ़ रहता हूं तो कालेज की शूटिंग रेंज में प्रेक्टिस करता हूं. आदर्श सिंह की कालेज के साथ अच्छी यादें जुड़ी हुईं हैं.

पढ़ाई के साथ शूटिंग शुरू की-पलक: एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पलक झज्जर की रहने वाली हैं. वहां से पहले वे गुरूग्राम आईं. यहां स्कूल की पढ़ाई की. फिर कालेज की पढ़ाई के लिए उन्होंने डीएवी कालेज में प्रवेश लिया है. इस पूरे किस्से को पलक ने ईटीवी भारत के साथ शेयर किया. पलक का कहना है,'आठ साल की उम्र में परिवार गुरूग्राम आ गया था. झज्जर में लड़कियों के लिए माहौल ठीक नहीं था. इस वजह से ये करना पड़ा. अब डीएवी कालेज में इसी साल प्रवेश लिया है. यहां के शिक्षक बहुत सहयोग कर रहे हैं.' पलक पढ़ाई के साथ शूटिंग की प्रेक्टिस के लिए कालेज को बेहतर बताती हैं. आगे उनका सपना ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने का है.

हरियाणा के किसान के बेटे सरबजोत ने एशियन गेम्स में जीता गोल्ड, पिता बोले- चारों तरफ हो रही बल्ले-बल्ले
एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली मनु भाकर की मां का संघर्ष, बेटी के लिए ठुकराई सरकारी नौकरी, रोचक है गोल्ड मेडलिस्ट के नामकरण की कहानी
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मैच में प्रेशर नहीं था-सरबजोत : सरबजोत दिल्ली में रहते हैं. वे डीएवी कालेज में पढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता है.पर कालेज की वजह से खेल और पढ़ाई दोनों में तालमेल आसानी से वे बैठा लेते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या मैच के दौरान किसी तरह का प्रेशर था. तो उनका जवाब था,' मैच में कोई प्रेशर नहीं होता है. ना ही दिल की धड़कन बढ़ती है. माइंड सेट होता है. जो परिस्थिति के अनुसार बनता है. सरबजोत को नहीं पता था कि गोल्ड जीता है. मैच के बाद उनको पता चला.

शिक्षकों ने साथ दिया-मनु भाकर: कालेज में पिछले साल मनु भाकर ने प्रवेश लिया था. उनका कहना है कि एशियन गेम्स के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. कालेज में शिक्षक और साथ में पढ़ने वाले स्टूडेन्ट बहुत बढ़िया हैं. हर तरह का सहयोग वो करते हैं. अब कालेज के लिए गोल्ड लाना उनका सपना है. बहरहाल सभी खिलाड़ी अपने कालेज में आकर खुश थे. उनको कालेज सम्मान समारोह में 25 हजार रूपए भी दिए गए.

डीएवी कालेज चंडीगढ़ में सम्मानित खिलाड़ियों से ईटीवी की खास बातचीत

चंडीगढ़ : एशियन गेम्स 2023 में डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ के पांच खिलाड़ियों ने भाग लिया. इन खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में मेडल जीते. इसके बाद कालेज ने उनको सम्मानित किया.इस मौके पर खिलाड़ियों ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कालेज के शिक्षकों ने भरपूर मदद की. शिक्षकों की प्रेरणा की वजह से वे मेडल पाने में सफल हुए. कुछ खिलाड़ियों ने कालेज की शूटिंग रेंज में भी प्रेक्टिस की थी. खिलाड़ियों ने इस रेंज को भी बढिया बताया. आइए जानते है किस खिलाड़ी ने क्या कहा?

क्लास में बैठना अच्छा लगता है- आदर्श सिंह: मीडिया से बचने वाले आदर्श सिंह ने यहां खुलकर बात की. आदर्श कालेज से बीए की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. अब यहां से मास्टर की पढ़ाई कर रहे हैं. उनका कहना है,' क्लास में बैठना मुझे अच्छा लगता है.इस बार पढ़ाई को ज्यादा समय नहीं दे पाया.कालेज की तरफ से पढ़ाई के लिए पूरा सहयोग मिलता है.' आदर्श कालेज की 10 मीटर की शूटिंग रेंज में भी प्रेक्टिस करते हैं. पर ये नियमित नहीं हो पाती है क्योंकि वे दिल्ली में रहते हैं. उनका कहना है कि जब चंडीगढ़ रहता हूं तो कालेज की शूटिंग रेंज में प्रेक्टिस करता हूं. आदर्श सिंह की कालेज के साथ अच्छी यादें जुड़ी हुईं हैं.

पढ़ाई के साथ शूटिंग शुरू की-पलक: एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पलक झज्जर की रहने वाली हैं. वहां से पहले वे गुरूग्राम आईं. यहां स्कूल की पढ़ाई की. फिर कालेज की पढ़ाई के लिए उन्होंने डीएवी कालेज में प्रवेश लिया है. इस पूरे किस्से को पलक ने ईटीवी भारत के साथ शेयर किया. पलक का कहना है,'आठ साल की उम्र में परिवार गुरूग्राम आ गया था. झज्जर में लड़कियों के लिए माहौल ठीक नहीं था. इस वजह से ये करना पड़ा. अब डीएवी कालेज में इसी साल प्रवेश लिया है. यहां के शिक्षक बहुत सहयोग कर रहे हैं.' पलक पढ़ाई के साथ शूटिंग की प्रेक्टिस के लिए कालेज को बेहतर बताती हैं. आगे उनका सपना ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने का है.

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मैच में प्रेशर नहीं था-सरबजोत : सरबजोत दिल्ली में रहते हैं. वे डीएवी कालेज में पढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता है.पर कालेज की वजह से खेल और पढ़ाई दोनों में तालमेल आसानी से वे बैठा लेते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या मैच के दौरान किसी तरह का प्रेशर था. तो उनका जवाब था,' मैच में कोई प्रेशर नहीं होता है. ना ही दिल की धड़कन बढ़ती है. माइंड सेट होता है. जो परिस्थिति के अनुसार बनता है. सरबजोत को नहीं पता था कि गोल्ड जीता है. मैच के बाद उनको पता चला.

शिक्षकों ने साथ दिया-मनु भाकर: कालेज में पिछले साल मनु भाकर ने प्रवेश लिया था. उनका कहना है कि एशियन गेम्स के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. कालेज में शिक्षक और साथ में पढ़ने वाले स्टूडेन्ट बहुत बढ़िया हैं. हर तरह का सहयोग वो करते हैं. अब कालेज के लिए गोल्ड लाना उनका सपना है. बहरहाल सभी खिलाड़ी अपने कालेज में आकर खुश थे. उनको कालेज सम्मान समारोह में 25 हजार रूपए भी दिए गए.

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