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चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की मुहिम लाई रंग! इस साल कम हुए डेंगू और मलेरिया के केस

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Published : Nov 25, 2019, 7:28 PM IST

doctor upender singh maleria department cahndigarh

चंडीगढ़ में इस बार पिछले साल की तुलना में 10 गुना ज्यादा चालान काटे गए हैं. घर से स्कूल तक जागरुकता अभियान चलाया गया. मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए विभाग की ओर से घर-घर जाकर लोगों को बताया जा रहा है.

चंडीगढ़: लोगों में हड़कंप मचाने वाला डेंगू और मलेरिया बुखार के मामलो में इस बार चंडीगढ़ में कमी आई है. इन दोनों बीमारियों से संबंधित केस अपेक्षाकृत कम होने लगे हैं. कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां विशेष ध्यान की जरूरत है, मगर कुल मिलाकर मलेरिया और डेंगू बुखार पर काफी हद तक नियंत्रण किया गया है.

चंडीगढ़ स्वास्थ्य महकमे ने इस दिशा में एक अभियान के तहत काम करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है. आगे भी ये बुखार और नियंत्रित रहे, इसके लिए स्वास्थ्य महकमे की विशेष टीमें फील्ड में उतरी हुई हैं. डॉ. उपेन्द्रजीत सिंह गिल ने बताया कि चंडीगढ़ को मलेरिया और डेंगू से मुक्त बनाने के लिए विभाग अब एक अभियान के साथ जुट गया है, यह उसी के परिणाम हैं कि इन मामलों में कमी आई है.

डेंगू और मलेरिया विभाग के उपनिदेशक जानकारी देते हुए, देखिए वीडियो

जागरुकता फैलाने में लोगों ने दिया सहयोग
हेल्थ डिपार्टमेंट इसे जागरूकता कार्यक्रमों के साथ ही लोगों के सहयोग का परिणाम मान रहा है. उसके बावजूद बचाव और जागरूकता कार्यक्रम व्यापक स्तर पर जारी है. कार्रवाई के डर का असर मलेरिया विभाग की ओर से इस साल पिछले वर्षो की तुलना में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई है. नोटिस, शोकॉज नोटिस के साथ काफी संख्या में काटे गए चालान का ही असर है कि लोग मच्छरों से बचाव के प्रति सजग हुए हैं.

10 गुना ज्यादा चालान काटे
इस बार पिछले साल की तुलना में इस बार 10 गुना ज्यादा चालान काटे गए हैं. घर से स्कूल तक कर रहे जागरूक मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए विभाग की ओर से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही स्कूलों और अन्य स्थानों पर भी अभियान चलाया जा रहा है. जिसका असर नजर आ रहा है. स्कूलों में बच्चों को प्रार्थना सभा के बाद मच्छरों से बचाव से जुड़ी जानकारी दी जा रही है. साथ ही उन्हें अपने परिवार के लोगों व पड़ोसियों को भी इससे अवगत कराने को कहा जा रहा है.

'इस साल बुखार के केस घटे हैं'
वर्ष 2017 से लेकर नवंबर 2019 तक के सरकारी आंकड़े अगर देखें तो दोनों तरह के बुखार के केस घटे हैं. डेंगू बुखार की बात करें तो 2017 में चंडीगढ़ में मलेरिया के 114, 2018 में 44 और 2019 में 21 मामले आये थे जबकि डेंगू बुखार के 2017 में 1930, 2018 में 285 और 2019 में 232 मामले सामने आये है. वहीं इस साल अन्य राज्यों से जो मामले अभी तक सामने आये वो है 1305 जो तुलना में काफी नियंत्रित हैं.

2019 में अभी तक 234 चालान हुए
मलेरिया विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक कार्यवाई की गयी है इसमें 2017 में 3040 नोटिस दिए गए थे 2018 में 13332 और 2019 में 18039 वहीँ शो कॉज नोटिस 2017 में 6 ,2018 में 80 और 2019 में 210 नोटिस दिए गए. वहीं चालान की बात की जाये तो 2017 में 8 ,2018 में 22 और 2019 में अभी तक 234 चालान किये गए है. जिनमे सरकारी कार्यालय भी शामिल है.

ये पढ़ें- सीएम और डिप्टी सीएम को शराब की बोतलें गिफ्ट करेंगे नवीन जयहिंद, जाने क्यों?

लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
चंडीगढ़ मलेरिया विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. उपेन्द्रजीत सिंह गिल का कहना है कि मौसम में नमी बढऩे के साथ ही डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के बढ़ने का खतरा तेज हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि लोग डेंगू से बचाव के प्रति सचेत रहे और घर और आस-पास साफ-सफाई रखें. पानी एकत्र करने की आदत से तौबा कर लें. डेंगू के लक्षण के साथ बुखार आये तो उसे नजरअंदाज करने की बजाय तत्काल डॉक्टर के पास जाए. डेंगू पर काबू के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है.

इलाज के लिए बनाए गए आइसोलेटेड वार्ड
डॉ. उपेन्द्रजीत सिंह गिल ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए हर स्तर पर व्यवस्था पूरी कर ली है. डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की एलाइजा जांच के साथ ही पॉजिटिव केस में मरीज को भर्ती कर इलाज के लिए आइसोलेटेड वार्ड बनाया गया है. जिससे उन मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए.

वहीं असिस्टेंट डायरेक्टर मलेरिया का कहना है कि डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर ड्राइव चलाया जा रहा है. जागरूकता अभियान का असर नजर आ रहा है. लोग अपने घर और आस-पास के क्षेत्रों में मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने लगे हैं.

Intro:लोगों में हड़कंप मचाने वाला डेंगू और मलेरिया बुखार के मामलो में इस बार चंडीगढ़ में कमी आयी है । इन दोनों बीमारियों से संबंधित केस अपेक्षाकृत कम होने लगे हैं। कुछेक ऐसे इलाके हैं, जहां विशेष ध्यान की जरूरत है, मगर कुल मिलाकर मलेरिया और डेंगू बुखार पर काफी हद तक नियंत्रण किया गया है। चंडीगढ़ स्वास्थ्य महकमे ने इस दिशा में एक अभियान के तहत काम करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है। आगे भी ये बुखार और नियंत्रित रहे, इसके लिए स्वास्थ्य महकमे की विशेष टीमें फील्ड में उतरी हुई हैं।

Body:डॉ उपेन्द्रजीत सिंह गिल ने बताया कि चंडीगढ़ को मलेरिया और डेंगू से मुक्त बनाने के लिए विभाग अब एक अभियान के साथ जुट गया है, यह उसी के परिणाम हैं कि इन मामलों में कमी आई है।हेल्थ डिपार्टमेंट इसे जागरूकता कार्यक्रमों के साथ ही लोगों के सहयोग का परिणाम मान रहा है। उसके बावजूद बचाव और जागरूकता कार्यक्रम व्यापक स्तर पर जारी है। कार्रवाई के डर का असर मलेरिया विभाग की ओर से इस साल पिछले वर्षो की तुलना में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई है। नोटिस, शोकॉज नोटिस के साथ काफी संख्या में काटे गए चालान का ही असर है कि लोग मच्छरों से बचाव के प्रति सजग हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार 10 गुना ज्यादा चालान काटे गए हैं। घर से स्कूल तक कर रहे जागरूक मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए विभाग की ओर से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही स्कूलों और अन्य स्थानों पर भी अभियान चलाया जा रहा है। जिसका असर नजर आ रहा है। स्कूलों में बच्चों को प्रार्थना के बाद मच्छरों से बचाव से जुड़ी जानकारी दी जा रही है। साथ ही उन्हें अपने परिवार के लोगों व पड़ोसियों को भी इससे अवगत कराने को कहा जा रहा है। वहीं, घर में किसी को बुखार होने पर बरती जाने वाली सावधानी व इलाज से जुड़ी अन्य बातें बताई जा रही हैं।

वर्ष 2017 से लेकर नवंबर 2019 तक के सरकारी आंकड़े यदि देखें तो दोनों तरह के बुखार के केस घटे हैं। डेंगू बुखार की बात करें तो 2017 में चंडीगढ़ में मलेरिया के 114 ,2018 में 44 और 2019 में 21 मामले आये थे जबकि डेंगू बुखार के 2017 में 1930 ,2018 में 285 और 2019 में 232 मामले सामने आये है। वहीँ इस साल अन्य राज्यों से जो मामले अभी तक सामने आये वो है 1305 जो तुलना में काफी नियंत्रित हैं।

मलेरिया विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक कार्यवाई की गयी है इसमें 2017 में 3040 नोटिस दिए गए थे 2018 में 13332 और 2019 में 18039 वहीँ शो कॉज नोटिस 2017 में 6 ,2018 में 80 और 2019 में 210 नोटिस दिए गए। वहीँ चालान की बात की जाये तो 2017 में 8 ,2018 में 22 और 2019 में अभी तक 234 चालान किये गए है ... जिनमे सरकारी कार्यालय भी शामिल है।

चंडीगढ़ मलेरिया विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ उपेन्द्रजीत सिंह गिल का कहना है कि मौसम में नमी बढऩे के साथ ही डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के बढऩे का खतरा तेज हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि लोग डेंगू से बचाव के प्रति सचेत रहे और घर और आस-पास साफ-सफाई रखें। पानी एकत्र करने की आदत से तौबा कर लें। डेंगू के लक्षण के साथ बुखार आये तो उसे नजरअंदाज करने की बजाय तत्काल डॉक्टर के पास जाए। डेंगू पर काबू के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है।
डॉ. उपेन्द्रजीत सिंह गिल ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए हर स्तर पर व्यवस्था पूरी कर ली है। डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की एलाइजा जांच के साथ ही पॉजिटिव केस में मरीज को भर्ती कर इलाज के लिए आइसोलेटेड वार्ड बनाया गया है। जिससे उन मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए। वहीं असिस्टेंट डायरेक्टर मलेरिया का कहना है कि डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर ड्राइव चलाया जा रहा है। जागरूकता अभियान का असर नजर आ रहा है। लोग अपने घर और आस-पास के क्षेत्रों में मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने लगे हैं।

अचानक तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द, भूख न लगना, छाती और ऊपरी अंगो पर चकत्ते आना, घबराहट, मिचली।

वातावरण में नमी बढ़ने से बढ़ा डेंगू का खतरा

आपको बता दे डेंगू मानव संर्पक के माध्यम से नहीं फैलता है, बल्कि वायरस फैलाने वाले मच्छर मादा एडीज के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह साफ पानी और साफ स्थान पर पाया जाता है।

बाइट डॉ उपेन्द्रजीत सिंह गिल , असिस्टेंट डायरेक्टर, मलेरिया विभागConclusion:
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