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HPSC भर्ती घोटाले पर बोले भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 'परचून की दुकान के सामान की तरह बेची जा रही नौकरियां'

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Published : Nov 29, 2021, 4:54 PM IST

Bhupinder Hooda on HPSC recruitment scam
Bhupinder Hooda on HPSC recruitment scam

हरियाणा लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले (HPSC recruitment scam) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में परचून की दुकान के सामान की तरह नौकरियां बेची जा रही हैं.

चंडीगढ़: एचपीएससी भर्ती घोटाले को (Haryana Public Service Commission recruitment scam) लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda) ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. भूपेंद्र हुड्डा का कहना है कि बिना पर्ची खर्ची और पारदर्शिता के साथ नौकरी दिलाने की बात करने वाली सरकार के ये दावे पूरी तरह से फेल हो चुके हैं. प्रदेश सरकार युवाओं के भविष्य के साथ जमकर खिलवाड़ कर रही है. सरकार के पारदर्शिता के दावे नोटों की अटैची में बंद हैं.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार इन मामलों में खुद को निर्दोष तो बता रही है, लेकिन जांच से पीछे हट रही है. अगर सरकार निर्दोष है तो मामलों की निष्पक्ष जांच क्यों नहीं कराई जाती? सरकार इन मामलों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराए तब सब साफ हो जाएगा. भाजपा के राज में अब तक नौकरियों के जितने घोटाले सामने आ चुके हैं, उस वजह से पिछले 7 सालों में जितनी भर्तियां हुई हैं, वह सभी शक के घेरे में आ चुकी है.

HPSC भर्ती घोटाले पर बोले भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 'परचून की दुकान के सामान की तरह बेची जा रही नौकरियां'

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भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में नौकरियां परचून की दुकान में रखे गए सामान की तरह बेची गई. हम इन सभी मुद्दों को आने वाले शीतकालीन सत्र में जोर शोर से उठाएंगे और इन सभी घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग भी करेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश बेरोजगारी में नंबर एक स्थान पर पहुंच चुका है. हम बेरोजगारी, खेती और किसानों के मुद्दों को भी जोर शोर से उठाएंगे. बता दें कि, हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र (haryana assembly winter session) 17 दिसंबर से शुरू होगा. विधानसभा का शीतकालीन सत्र 3 दिन का होगा.

कृषि कानूनों की वापसी पर उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. हालांकि सरकार ने इन कानूनों को निरस्त करने में बहुत देर कर दी, लेकिन फिर भी कम से कम इन कानूनों को रद्द तो किया, जो अच्छी बात है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानों की और भी कई मांगे हैं. जिनमें एमएसपी को कानून बनाना मुख्य मांग है और सरकार को इन मांगों को भी पूरा करना चाहिए.

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