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दीपों के पर्व दीपावली पर बुजुर्गों का सम्मान, फूल-मालाएं पहनाकर किया सम्मानित

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Published : Oct 27, 2019, 4:21 PM IST

दीपों के पर्व दीपावली

भिवानी में अजमेर नाम के व्यक्ति आज नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बन चुके हैं. अजमेर हर दिवाली पर बुजुर्गों का सम्मान करते हैं. अजमेर सिर्फ अपने गांव के ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा से बुजुर्गों का सम्मान करते हैं.

भिवानी: आज पूरे देश में हर कोई अपने-अपने हिसाब से दीपों के पर्व दिपावली को मना रहा है. कोई अपने लिए खरीदारी कर रहा है तो कोई अपने घर को सजाने में जुटा है, पर बात करें भिवानी की तो यहां मिताथल गांव में दिवाली को प्रेरणादायी तरीके से मनाया गया है. यहां हर साल की तरह इस साल भी गांव के एक-एक बुजुर्ग को सम्मानित किया गया है.

दिवाली का हर कोई बड़ी बेसब्री से इंतजार करता है. हर कोई दीपों के झिलमिल में तो कोई लड़ियों की चकाचौंध में खो जाता है, पर बुहत से लोग ऐसे हैं जो इन खुशियों में शामिल नहीं हो पाते. उनके लिए ये त्योहार फीका ही रहता है. इसमें सबसे ज्यादा हमारे बुजुर्ग होते हैं, पर मिताथल गांव निवासी अजमेर ने दीपों के पर्व दिपावली को प्रेरणादायी तरीके से मनाने के लिए नई पहल शुरू की हुई है.

दीपों के पर्व दीपावली पर बुजुर्गों का सम्मान, देखें वीडियो

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अजमेर हर साल बुजुर्गों का करते हैं सम्मान
अजमेर हर साल अपने गांव के हर बुजुर्ग को सम्मानित करते हैं. फिर वो बुजुर्ग चाहे सूबे के किसे कौने में क्यों ना हो सबको एक साथ इक्कठा कर सम्मानित करते हैं. अजमेर का कहना है कि जिस घर या गांव में बुजुर्गों का सम्मान नहीं होगा, वहां ना संस्कार होंगे ना ही तरक्की और शांति होगी.

'अपने गांव में सम्मानित होना गर्व की बात'
दीपों के पर्व पर सम्मान पाने वाले बुजुर्ग भी बेहत खुश हैं. गुरुग्राम से अपने पैतृक गांव सम्मानित होने पहुंचे एक बुजुर्ग ने बताया कि सम्मानित होना अपने आप में गर्व की बात है. ऐसे कार्यक्रमों में अन्य साथियों से भी इस बहाने मुलाकात हो जाती है, जिनसे साल में और किसी दिन मुलाकात नहीं हो पाती.

निश्चित तौर पर अजमेर की ये पहल ना केवल सरहानीय है बल्कि प्रेरणा देने वाली है. हर गांव के हर घर में बुजुर्गों का ऐसा सम्मान होगा तभी आने वाली पीढ़ी को नई सीख मिलेगी और माता-पिता जो अपनी बच्चों को शहनशाहों की तरह पालते हैं उन्हे बुढ़ापे में बादशाहों जैसा एहसास होगा.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानी
दिनांक 27 अक्तूबर।
दीपों के पर्व दीपावली पर बुज़ुर्गों का अनूठा सम्मान
मिताथल गांव में दीपावली पर हुआ बुज़ुर्गों का सम्मान
फ़ुल-मालाएं पहनाकर शॉल देकर किया सम्मानित
पूरे प्रदेश से बुलाए गए अपने गांव के बुजुर्ग, सभी को किया सम्मानित
अजमेर अपने गांव मित्ताथल में हर साल पेश करते हैं ये मिसाल
कहते हैं : जहां बुज़ुर्गों का सम्मान नहीं, उस घर में शांति व तरक्की नहीं
आज पूरे देश में हर कोई अपने-अपने हिसाब से दीपों के पर्व दिपावली को मना रहा है। कोई अपने लिए खरीदारी कर रहा है तो कोई अपने घर को सजाने में जुटा है, पर बात करें भिवानी की तो यहां मिताथल गांव में दिपावली को प्रेरणादायी तरीके से मनाया गया है। यहां हर साल की तरह इस साल भी गांव के एक-एक बुजुर्ग को सम्मानित किया है, जो हम सब के लिए बड़ा सबक भी है।
दीपावली का हर कोई बड़ी बेसब्री से इंतजार करता है। हर कोई दीपों के झिलमिल में कोई कोई लडिय़ों की चकाचौंद में खो जाता है, पर बुहत से लोग ऐसे हैं जो इन खुशियों में शामिल नहीं हो पाते। उनके लिए ये त्यौहार फीका ही रहता है। इसमें सबसे ज्यादा हमारे बुजुर्ग होते हैं, पर मिताथल गांव निवासी अजमेर ने दीपों के पर्व दिपावली को प्रेरणादायी तरीके से मनाने के लिए नई पहल शुरू की हुई है। अजमेर हर साल अपने गांव के हर बुजुर्ग को सम्मानित करते हैं। फिर वो बुजुर्ग चाहे सूबे के किसे कौने में क्यों ना हो। सबको एक साथ इक्कठा कर सम्मानित करते हैं।
Body: अजमेर का कहना है कि जिस घर या गांव में बुजुर्गों का सम्मान नहीं होगा, वहां ना संस्कार होंगे ना ही तरक्की व शांति होगी। वही गांव के अन्य लोग भी अजमेर की इस पहल की सरहाना कर रहे हैं।
अपने आप दीपों के पर्व पर सम्मान पाने वाले बुजुर्ग भी बेहत खुश हैं। गुरुग्राम से अपने पैतृक गांव सम्मानित होने पहुंचे एक बुजुर्ग ने बताया कि सम्मानित होना अपने आप में गर्व की बात है। ऐसे कार्यक्रमों में अन्य साथियों से भी इस बहाने मुलाकात हो जाती है, जिनसे साल में और किसी दिन मुलाकात नहीं हो पाती। इन्होंने कहा कि ऐसा सम्मान हर बुजुर्ग को मिले तो एक अच्छे व सभ्य समाज का निर्माण होगा।
Conclusion: निश्चित तौर पर अजमेर की ये पहल ना केवल सरहानिय बल्कि प्रेरणा देने वाली है। हर गांव के हर घर में बुजुर्गों का ऐसा सम्मान होगा तभी आने वाली पीढी को नई सिख मिलेगी और माता-पिता जो अपनी औलाद को शहनसाहों की तरह पालते हैं उन्हे बुढापे में बादशाहों जैसा एहसाल होगा। तभी हर घर में सुख, शांति व संस्कार आएंगें।
बाइट- अजमेर व अनील एवं रामनिवास बुजुर्ग

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