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बारिश से बेहाल किसान, मंडी में पड़ा धान हुआ गीला, प्रशासन को नहीं खबर

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Published : Sep 30, 2019, 11:58 PM IST

Farmer's paddy wet due to rain in ambala mandi

पिछले दिनों हुई बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. किसानों के धान की आवक मंडियों में शुरू हो गई लेकिन प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके वजह में मंड़ी किसानों का धान पूरा गीला हो गया.

अंबाला: दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से मंडी में किसानों का धान गीला हो गया है. अंबाला-दिल्ली रोड स्थित मंडी में सरकार सभी सुविधा होने का दावा करती है, लेकिन किसानों एक ही बारिश ने सरकार और प्रशासन के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है. खुले में पड़ा किसानों का सारा धान गीला हो गया है.

खुले में पड़ा धान बारिश से हुआ गीला

इस मंडी में बने अधिकांश शैड के नीचे हैफेड, एफसीआई और अन्य खरीद एजेंसियों का बारदाना और लक्कड़ के बोरी रखने वाले स्टैंड पड़े हैं. मंडी में धान लेकर आने वाले किसानो को अपनी फसल खुले में रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

अंबाला मंडी में गीला किसान का धान, देखें वीडियो

गीले धान के कम मिलेंगे रेट

किसानो का आरोप है कि पिछले चार दिनों से वे मंडी में धान लेकर बैठे हैं किसी ने उसे नहीं खरीदा और ऊपर से आई बारिश ने धान गीला हो गयी जिससे उनका काफी नुकसान हो गया है. अब उनकी फसल को कम दामों मे खरीदा जाएगा.

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नई अनाज मंडी में बैठे मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि इस बार मंडी में आवक शुरू हो गई है, लेकिन थोड़ी धीमी हुई है. बरसात के कारण धान भीग गई है. हमने खरीद एजेंसियों को शेड के नीचे पड़ी धान को उठाने को कहा है, जिससे किसानो का धान वहां लगाया जा सके. जल्द ही किसानों की समस्या का हल कर दिया जाएगा.

वहीं मार्केट कमेटी सचिव का कहना है कि धान बरसात के समय आई थी जिस बारे आढ़तियों को सूचित कर दिया गया था. बरसात में गीली होने के कारण इसे खुले में डाला गया है, जब यह सुख जाएगी इसे खरीदा जाएगा.

Intro:दो दिनों से चल रही बरसात में पेडी (धान) गीली हो जाने से किसानो के माथे पर पसीना आ गया है ! सरकारी आदेशों के बावजूद मंडी में बने 6 शैड के नीचे सरकारी खरीद एजेंसियों का बारदाना व लक्कड़ के स्टैंड पड़े होने के कारण किसानो को मंडी में धान की फसल खुले में रखनी पड़ रही है ! अचानक आई बरसात ने किसानों द्वारा ट्रालियों में भरकर मंडी लाई धान के भीगने से जहाँ नमी आने के बाद उसे कम रेट पर बेचने को मजबूर होना पड़ेगा ! यहीं नहीं कहने को तो किसानो के पैसे से "किसान भवन" बनाया गया है लेकिन मार्किटिंग बोर्ड उस पर ताले लगा देता है ! वहीँ मार्कीट कमेटी के चेयरमेन सरकार को पत्र लिखकर किसानो को राहत की बात कर रहे हैं वहीँ मंडी सचिव सारा दोष अचानक आई बरसात पर मढ़ रहे हैं !Body:पिछले दो दिनों से लगातार आ रही बारिश ने पैड़ी (धान) के भीगने से किसानो के माथे पर पसीना ला दिया है ! अंबाला-दिल्ली रोड पर सभी सुविधाओं से लैस का दावा करने वाली भाजपा सरकार की इस बरसात ने पोल खोल कर रख दी है ! इस मंडी में बने अधिकांश शैड के नीचे हैफेड, एफसीआई और अन्य खरीद एजेंसियों का बारदाना और लक्कड़ के बोरी रखने वाले स्टैंड पड़े हैं और मजबूरन इस मंडी में धान लेकर आने वाले किसानो को मजबूरन अपनी फसल को खुले में रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है ! किसानों का आरोप है कि मौसम विभाग द्वारा चार दिन बारिश की चेतावनी के बावजूद न तो खरीद एजेंसियों, आढ़तियों और न ही मार्किटिंग बोर्ड की तरफ से कोई इंतजाम किये गए जिससे किसानो की भीग रही फसल को बचाया जा सके ! वहीँ किसानों का कहना है कि बरसात में मजदुर भी बाहर नहीं निकलते और बारिश में उनका आधा धान बहने से उनको भारी नुक्सान हो गया जिसकी भरपाई कौन करेगा ? किसानो का आरोप है कि पिछले चार दिनों से वे मंडी में धान लेकर बैठे हैं किसी ने उसे नहीं ख़रीदा और ऊपर से आई बारिश ने धान गीला करके उनका और नुकसान कर दिया ! वैसे भी आढ़ती और खरीद एजेंसी धान खरीदने में कई बहाने लगते हैं अब तो इसके भीगने से और कम रेट मिलेगा ! किसानों का आरोप है कि अगर सरकार 25 तारीख से पहले खरीद कर लेती तो एहि अनाज खुले में न होकर शैड के नीचे होता और उनका नुक्सान नहीं होता ! उनका कहना है मंडी में बने 6 शैड में से कोई भी खाली नहीं है जहाँ किसान अपनी फसल रख सके ! उनका कहना है किसान के लिए न तिरपाल की व्यवस्था है न यहाँ खाने की व्यवस्था है बेचारा किसान भी खुले में रहने को मजबूर है ! यहीं नहीं कहने को तो किसानो के पैसे से किसान भवन बनाया गया है लेकिन मार्किटिंग बोर्ड उस पर ताले लगा देता है ! किसान को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है वहीँ सार्वजानिक शौचालयों में गन्दी है !

बाईट -अंग्रेज सिंह, किसान !
बाईट -राजू, किसान !
बाईट -रणधीर, किसान !
बाईट -राम सिंह, किसान !

वीओ-वहीँ नई अनाज मंडी में बैठे मार्किटिंग बोर्ड के चेयरमेन का कहना है इस बार मंडी में आवक शुरू हो गई है लेकिन थोड़ी धीमी हुई है ! फिर बरसात के कारण धान भीग गई है ! हमने खरीद एजेंसियों को शैड के नीचे पड़ी धान को उठाने को कहा है जिससे किसानो की पैड़ी वहां लगाईं जा सके ! उनका कहना है किसानों की परेशानियों से निपटने को कमेटी भी बनाई है जो समय समय पर उनकी समस्याओं का निपटान करती है ! जब उनका धयान किसान भवन में किसानो को घुसने की पाबन्दी पर दिलवाया तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है ! उनका कहना है उन्होंने सरकार को किसानो की भीगी फसल बारे पत्र लिखा है !

बाईट -बलविंदर सिंह, चैयरमेन, मार्कीट कमेटी !

वीओ-- इस बाते मार्कीट कमेटी सचिव का कहना है कि यह जीरी बरसात के समय आई थी जिस बारे आढ़तियों को सूचित कर दिया गया था ! बरसात में गीली होने के कारण इसे खुले में डाला गया है जब यह सुख जाएगी इसे ख़रीदा जायेगा ! उनका कहना है कि किसान भी गीली जीरी लेकर आ गया था और आढ़तियों ने बचने का प्रयास किया गया है ! इसकी भरपाई बारे उन्होंने साफ़ मना किया कि कौन करेगा भरपाई हाँ यह पुरे मोल में बिकेगी ?

बाईट -राम कुमार, मार्कीट सचिव अम्बालाConclusion:
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