आशा वर्कर्स ने गृहमंत्री अनिल विज के निवास के बाहर किया प्रदर्शन, धरने पर बैठी

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Published : Dec 6, 2021, 8:09 PM IST

asha workers protest in ambala

प्रदेश भर से आई आशा वर्कर्स ने सोमवार को स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज के निवास के बाहर अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन (asha workers protest in ambala) किया. आशा वर्कर्स का कहना है कि जब तक अनिल विज से बात नहीं होती वे दिन रात धरने पर बैठेंगी.

अंबाला: लंबे समय से लंबित मांगों और सरकार द्वारा वायदे पूरे न करने से खफा प्रदेश भर की आशा वर्कर सोमवार को अंबाला स्थित स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज (Anil Vij) के निवास स्थान के बाहर एकत्रित हुई. आशा वर्कर्स ने अनिल विज के घर के बाहर जोरदार नारेबाजी (asha workers protest in ambala) करते हुए अपनी लंबित मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई. आशा वर्कर के जोरदार प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा.

इस दौरान डीएसपी ने बताया कि अनिल विज आज अंबाला से बाहर हैं और वे आशा वर्कर को उनसे आने के बाद जरूर मिलेंगे. वहीं आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष सुरेखा ने कहा कि कोरोना महामारी में आशा वर्कर ने कोरोना योद्धा की तरह कार्य किया है. हम पिछले 1 साल से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के समय जो भी आशा वर्कर वहां कार्यरत थी उनको सरकार की तरफ से 1000 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा था जो अब सरकार ने बंद कर दिया है. हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने एनएचएम कार्यरत वर्कर्स की दामों में बढ़ोतरी की है. वहीं हमारी मांगों को रद्द कर दिया.

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रेखा का कहना है कि कोरोना काल के दौरान काम करते हुए हमारी कई आशा वर्कर की मृत्यु भी हो गई थी. जबकि सरकारी नियमों के अनुसार उन्हें मुआवजा राशि सभी को मिलनी चाहिए थी. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती वे अपना आंदोलन गृहमंत्री निवास स्थल से नहीं हटाएंगे. उन्हें दिन और रात भी क्यों ना यहां प्रदर्शन और धरना देना पड़े.

उन्होंने कहा कि हमें 4 हजार जोखिम भत्ता दिया जाए और कोविड-19 के लिए दिए जा रहे 1 हजार प्रोत्साहन राशि का 50 प्रतिशत दिया जाए. इसके अलावा रिकॉर्ड मेंटेनेंस के लिए रजिस्टर छपवा कर दिए जाएं और गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए. आशा को ग्राम स्तरीय स्थायी कर्मचारी बनाया जाए. जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए.

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