स्टांप बिक्री को लेकर पानीपत में खुलेआम चल रहा भ्रष्टाचार, दस का स्टांप 15 में बेचते पकड़ी गई महिला

author img

By

Published : Jul 6, 2022, 9:57 AM IST

Panipat Mini Secretariat

अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि हरियाणा में भ्रष्टाचार (Corruption In Haryana) पर नकेल गई है तो ये आपका भ्रम है. ताजा मामला पानीपत के लघुसचिवालय से सामने आया है जहां स्टांप विक्रेता मनमाने दाम पर स्टांप बेचकर जनता के खून- पसीने की कमाई को लूट रहे (stamp sale corruption panipat) हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि भ्रष्टाचार का इस खेल को जिला प्रशासन के ठीक नाक के नीचे अंजाम दिया जा रहा है.

पानीपत: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बातें करने वाली बीजेपी सरकार में अधिकारी से लेकर छोटे-मोटे स्टांप विक्रेता भी आम जनता का खून चूसने में जुटे हुए हैं. हैरानी की बात यह है कि आम जनता को लूटने का यह खेल पानीपत जिला प्रशासन की ठीक नाक के नीचे धड़ल्ले से अंजाम दिया जा रहा है. जी हां हम बात कर रहे है पानीपत लघुसचिवालय (Panipat Mini Secretariat) बैठे स्टांप विक्रेताओं की जिन्होंने स्टांप के रेट अपनी मनमर्जी के हिसाब तय कर रखे है और धड़ल्ले से जनता की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं.

लगातार मिल रही स्टांप विक्रेताओं की शिकायत के बाद जब ईटीवी की टीम ने इस मामले की पड़ताल की तो पाया गया कि दस रुपये के स्टांप को 15 रुपये और 100 रुपये के स्टांप को एक सौ दस रुपये में बेचा जा रहा था. महिला स्टांप विक्रेता को दस रुपये का स्टांप 15 रुपये में बेचते हुई पकड़ी गई. स्टांप लेने वाले व्यक्ति ने कर्मचारी को 50 रुपये का नोट दिया और 10 रुपये का स्टांप खरीदा जिसके बदले में महिला कर्मचारी ने व्यक्ति को 35 रुपये वापस लौटाए.

स्टांप बिक्री को लेकर पानीपत में खुलेआम चल रहा भ्रष्टाचार, दस का स्टांप 15 में बेचते पकड़ी गई महिला

जब महिला से इस बारे में सवाल किया गया तो महिला स्टांप विक्रेता की बोलती बंद हो गई. वहीं इस मामले को जिला उपायुक्त सुशील सारवान के संज्ञान में भी मामला डाला गया. इसके बाद जब जिला उपायुक्त से इस बारे में सवाल किया गया कि आपकी कुर्सी के नीचे भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है तो जिला उपायुक्त सुशील कुमार सारवान ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.

बता दें स्टांप मकान की खरीद, जमीन के बेचने- खरीदने, मकान को किराए पर लेने के लिए स्टांप की आवश्यकता पड़ती है. दिन भर स्टांप खरीदने वालों की लाइन लगी रहती है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि अब तक ये स्टांप विक्रेता लाखों रुपए अपनी जेब में डाल चुके होंगे. अब देखने वाली बात ये होगी कि प्रशासन के संज्ञान में मामला आने के बाद भी कोई कार्रवाई अमल में लाई जाती है या नहीं या फिर आम जनता की जेब पर ये डकैत ऐसे ही डकैती डालते रहेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.