ETV Bharat / city

किसानों ने 3 में से 2 मांगें छोड़ी, प्रशासन एक भी मानने को तैयार नहीं, धरने पर बैठे टिकैत

author img

By

Published : Sep 7, 2021, 6:39 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 6:57 PM IST

karnal mahapanchayat haryana
karnal mahapanchayat haryana

हरियाणा के करनाल में महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) के बाद एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच टकराव बढ़ गया है. प्रशासन के साथ हुई दो दौर की बातचीत फेल हो गई (farmer meeting fail with administration). प्रशासन ने किसानों की मांगें मानने से साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद नाराज किसानों ने लघु सचिवालय घेरने का ऐलान कर दिया.

करनाल: हरियाणा का करनाल एक बार फिर 'कुरुक्षेत्र' बन गया है. प्रशासन और किसान आमने-सामने हैं. करनाल महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) में जुटे किसानों की कोई भी मांग प्रशासन मानने को तैयार नहीं है. सरकार की सख्ती देखकर पहले से ये अंदेशा जताया जा रहा था कि प्रशासन किसानों की मांगों के आगे झुकने वाला नहीं है. आखिरकार यही हुआ और किसानों की मांगे प्रशासन ने मानने से साफ इनकार कर दिया (farmer meeting fail with administration).

बातचीत फेल होते ही किसानों ने भी लघु सचिवालय घेरने (farmer gherav karnal mini secretariat) का ऐलान कर दिया. करनाल अनाज मंडी से निकलकर किसान लघु सचिवालय की तरफ कूच करने लगे. मंगलवार को करनाल में हुई महापंचायत में हरियाणा के किसान नेताओं के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता पहुंचे. जिनमें राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल थे.

karnal mahapanchayat haryana
करनाल में पुलिस और किसान आमने-सामने

प्रशासन के साथ बाचतीच के लिए किसानों की तरफ से 11 सदस्यों की कमेटी बनाई गई. करीब 2 बजे पहले दौर की बातचीत हुई लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. पहले दौर की मीटिंग फेल होने के बाद प्रशासन ने किसानों को करीब 3 बजे दोबारा बातचीत के लिए बुलाया. लेकिन इस बातचीत में भी कोई समझौता नहीं हुआ. किसान अपनी मांग पर अड़े रहे. तो दूसरी तरफ प्रशासन अपनी सख्ती पर कायम रहा. किसानों की पहली और बड़ी मांग ये है कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम को सस्पेंड करके पूरे मामले की जांच की जाए. लेकिन करनाल प्रशासन इसके लिए राजी नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- करनाल महापंचायत LIVE UPDATE: बातचीत विफल, सचिवालय घेरने निकले किसान

मीटिंग के बाद किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा- हमारी प्रशासन से 3 राउंड बात हुई. 15 लोग किसानों की तरफ से शामिल थे. जिसमें राष्ट्रीय नेतृत्व, राज्य नेतृत्व और स्थानीय नेता शामिल थे. आखिर में हमने बिल्कुल न्यूनतम बात रखी. हमने किसी मुआवजे और नौकरी की मांग नहीं की. हमारी मांग थी कि एसडीएम ने जो लाठीचार्ज का आदेश दिया. उस पर कार्रवाई होना चाहिए. हमने अधिकारी को सस्पेंड करके जांच करने की मांग की लेकिन सरकार उस पर भी राजी नहीं हुई. इसलिए हमारे पास कोई रास्ता नहीं है. बातचीत टूट गई है. बाकी फैसला महापंचायत में होगा. इससे पहले किसान लाठी चार्ज का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम (karnal SDM lathi charge video) पर कार्रवाई के अलावा मृतक किसान को 25 लाख का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी की मांग भी कर रहे थे.

वहीं मीटिंग के बाद बाहर निकले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा सरकार अब टकराव चाहती है. हमारी कोई भी मांग सुनने को तैयार नहीं है. वहीं प्रशासन का कहना है कि किसानों की मांगे मानने के लायक नहीं है. बातचीत फेल होने के बाद किसानों ने लघु सचिवालय की तरफ कूच कर दिया. किसान नेता राकेश टिकैत लघु सचिवालय के पास धरने पर बैठ गए हैं.

karnal mahapanchayat haryana
करनाल लघु सचिवालय के पास धरने पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत

ये भी पढ़ें- करनाल महापंचायत: प्रशासन के साथ किसानों की दूसरी बातचीत भी विफल

28 अगस्त को पुलिस लाठीचार्ज के बाद से ही किसानों में उबाल है. लाठीचार्ज को लेकर तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एसडीएम किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. किसानों की नाराजगी की यही सबसे बड़ी वजह है. संयुक्त किसान मोर्चा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई चाहता है. इसके अलावा मृत किसान के लिए 25 लाख का मुआवाजा और उसके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी. ये मांग पूरी नहीं होने पर लघु सचिवालय घेरने की योजना थी. हुआ भी यही. मंगलवार को किसानों के साथ हुई बातचीत फेल हो गई.

किसान महापंचायत और लघु सचिवालय घेराव को लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है. करनाल जिले में धारा-144 लागू है. सोमवार रात 12 बजे से करनाल जिले में इंटरनेट सेवाएं (karnal internet suspendedn) भी बंद कर दी गईं है. दिल्ली से चंडीगढ़ और अंबाला जाने वाला हाइवे का ट्रैफिक भी डायवर्ट (Delhi-Chandigarh Route Diversion) कर दिया गया है. पूरे जिले में प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स (karnal rapid action force) तैनात कर दी है.

ये भी पढ़ें- लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने किए 3 बड़े फैसले, सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम

Last Updated :Sep 7, 2021, 6:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.