शारदीय नवरात्रि 2022: जानिए कैसे निर्धारित होती है मां दुर्गा की सवारी, माता के किस वाहन से क्या फल मिलता है

author img

By

Published : Sep 20, 2022, 9:05 PM IST

Etv Bharat

26 सितंबर से इस साल शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri 2022) की शुरुआत हो रही है. हर वर्ष नवरात्र में समय और दिन के हिसाब से मां दुर्गा की पूजा का विधान तय होता है. मां दुर्गा नवरात्र के पहले दिन अपने खास वाहन पर सवार होकर आती हैं. माता के वाहन की भी एक कहानी है. मां की सवारी में शेर अक्सर नजर आता है लेकिन शास्त्रों और पुराणों के हिसाब माता की सवारी दिन के अनुसार तय होती है. मां दुर्गा की हर सवारी का एक विशेष फल होता है. आइये आपको बताते हैं कि मां दुर्गा कब किस सवारी पर आती हैं. मां की हर सवारी का क्या मतलब होता है.

हिसार: नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. नवरात्र की तैयारी में अभी लोग जुट गये हैं. नवरात्रि में 9 दिन भक्त मां दुर्गा की पूजा करते हैं. मां दुर्गा का वाहन (Maa Durga Sawari) ज्यादातर लोग शेर को ही जानते हैं. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष समय और संवत के अनुसार नवरात्रि के शुरुआत दिन के हिसाब से मां दुर्गा के आने का वाहन तय होता है. वाहन के अनुसार ही हमारे समाज में काल और समय की घटनाओं पर भी इसका असर पड़ता है.

हाथी पर सवार होकर आयेंगी मां दुर्गा- नवरात्रों की शुरुआत को लेकर हिसार के पंडित उदय भान शास्त्री ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस बार 26 सितंबर या सोमवार से नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं. हिंदू पंचांग के हिसाब से मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथ देवी भागवत के अनुसार अगर मां हाथी पर सवार (Maa Durga will come on an elephant) होकर आती हैं, तो ऐसे में पानी ज्यादा होने की बात कही गई है. यानि मां के हाथी पर आने के पीछे यह मान्यता है कि इस वर्ष अधिक बारिश होगी.

शारदीय नवरात्रि 2022: जानिए कैसे निर्धारित होता है माता का वाहन, मां के किस वाहन से क्या फल मिलता है

कैसे तय तय होता है माता का वाहन- देवी मां किस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं, यह दिन और समय के आधार पर तय होता है. देवी भागवत ग्रंथ के श्लोक में इन सब का विस्तार से वर्णन किया गया है. शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे, गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता. इसका हिंदी अर्थ है कि सोमवार या रविवार को घट स्थापना ( नवरात्र शुरू होने का दिन) होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा होता है. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र प्रारंभ होने पर देवी मां डोली में बैठकर पधारती हैं.

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि आखिर 9 दिन की ही क्यों होती हैं, जानिए सभी नौ दिनों के खास महत्व

बुधवार से नवरात्र शुरुवात होने पर मां दुर्गा की सवारी नाव होती है. इस बार 26 सितंबर सोमवार का दिन है. इस हिसाब से देवी मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. पंडित उदय भान शास्त्री बताते हैं कि देवी भागवत में वर्णन किया गया है कि माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार वर्ष में होने वाली घटनाओं का भी अनुमान लगाया जाता है. ग्रंथ में लिखे गए श्लोक के अनुसार कुछ वाहन शुभ फल देने वाले और कुछ अशुभ फल देने वाले होते हैं. देवी भागवत में लिखे गए इस श्लोक में किया गया है शुभ अशुभ का वर्णन. गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे, नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्.

इस श्लोक का हिंदी अनुवाद और अर्थ है, कि देवी जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो पानी ज्यादा होता है यानी बारिश ज्यादा होती है. मां की सवारी घोड़े पर आती हैं, तो देश में राज भंग होने की संभावना होती है और युद्ध की आशंका बढ़ जाती है. देवी मां नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसी तरह से अगर मां डोली पर आएं तो ज्यादा संख्या में मृत्यु होती है या महामारी का भय बना रहता हैं. इन सभी का वर्णन देवी भागवत ग्रंथ में किया गया है.

ये भी पढ़ें- शारदीय नवरात्रि 2022: जानिए मां को क्यों चढ़ाई जाती है केवल लाल रंग की चुनरी, इस नवरात्रि ऐसे करें माता को प्रसन्न

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.