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खेदड़ राख मामला: चौथे दिन भी नहीं हुआ मृतक का अंतिम संस्कार, 13 जुलाई को महापंचायत

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Published : Jul 11, 2022, 8:12 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 8:29 PM IST

Clash between police and villagers in Khedar
Clash between police and villagers in Khedar

हिसार के खेदड़ में किसान की मौत (farmer died in Khedar) के बाद से ही ग्रामीणों और प्रशासन के बीच तनाव बरकरार है. चार दिन बाद भी मृतक किसान का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. सरकार और ग्रामीणों की कमेटी के बीच तीन बार बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हैं.

हिसार: खेदड़ थर्मल प्लांट की राख (Khedar thermal ashes case) को लेकर प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार द्वारा बनाई गई 3 अधिकारियों की कमेटी और धरना दे रहे ग्रामीणों की कमेटी के बीच तीन बार वार्ता होने के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है. अभी तक पुलिस ने मृतक धर्मपाल का शव भी परिजनों को नहीं सौंपा है. 10 जुलाई को ही मृतक धर्मपाल का अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम हो चुका है.

मृतक किसान धर्मपाल के शव को देने के लिए प्रशासन ने शर्त रखी है कि धरने पर ले जाने के बजाय सीधे श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाए. इससे खफा होकर ग्रामीण बिना शव लिए वापस धरने पर लौट आए थे. खेदड़ धरने पर अब बड़ी संख्या में किसान संगठन और नेता पहुंचे चुके हैं. सोमवार को दिन भर कई बड़े राजनीतिक लोग भी इस धरने का समर्थन करने पहुंचे. हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, इनेलो नेता अभय चौटाला, पूर्व मंत्री सम्पत सिंह समेत कई नेताओं ने धरने में शामिल होकर ग्रामीणों का समर्थन किया.

Clash between police and villagers in Khedar
खेदड़ में ग्रामीणों की पहुंची कुमारी सैलजा.

इसके अलावा प्रदेश के कई बड़े किसान नेता भी इस धरने में शामिल हैं. किसान नेता राकेश टिकैत, गुरुनाम चढूनी, रवि आजाद लागतार इस प्रदर्शन से जुड़े हुए हैं. थर्मल प्लांट के गेस्ट हाउस में सरकार की बनाई गई कमेटी और ग्रामीणों की कमेटी के बीच तीन बार बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई . ग्रामीण अपनी सभी मांगो को मनवाने पर अड़े हुए हैं. घटना के चौथे दिन भी अभी तक मृतक धर्मपाल का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. धरना कमेटी की तरफ से प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है जो कि 13 जुलाई को खत्म होगा. 13 जुलाई को धरना स्थल पर एक प्रदेश स्तरीय बड़ी महापंचायत बुलाई गई है. इस महापंचायत में बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

खेदड़ थर्मल प्लांट राख मामला: खेदड़ प्लांट की राख के लिए थर्मल प्रबंधन ने टेंडर निकाला हुआ है. थर्मल प्लांट में कोयला जलने के बाद बनी इसी राख के उठान को लेकर थर्मल प्रबंधन और ग्रामीणों में तनातनी चल रही है. थर्मल प्रबंधन ने राख को बेचने के लिए जब से टेंडर निकाला है ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. ग्रामीण राख उन्हें देने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर ग्रामीण पिछले 88 दिन से भी ज्यादा समय से धरना दे रहे हैं. 8 जुलाई को इसी मामले पर पुलिस और ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई थी. पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया (Police lathi charge in Khedar) और आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में एक ग्रामीण की मौत हो गई. इससे पहले 31 मई को भी पुलिस और गांव वालों में टकराव हो चुका है. इस दिन भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. जिसमें कई गांव वाले घायल हो हुऐ थे.

Clash between police and villagers in Khedar
ग्रामीणों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े.

2010 में जब खेदड़ थर्मल प्लांट शुरू हुआ था तब प्लांट से निकलने वाली कोयले की राख उनके लिए बड़ी समस्या थी. थर्मल प्लांट से बातचीत के बाद गांव वालों ने उस राख को उठाना शुरू किया. गांव वाले धीरे-धीरे उस राख से होने वाले मुनाफे से एक गौशाला का निर्माण कर उसे चलाने लगे. आज के समय में राख का इस्तेमाल सीमेंट बनाने में इस्तेमाल होने लगा है. इसके चलते उसका दाम बढ़ गया. दाम बढ़े तो खेदड़ थर्मल प्लांट ने उससे मुनाफा कमाने के लिए कंपनियों को बेचने का निर्णय लिया. ग्रामीण इसी का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि जब राख फालतू थी तो हम उठा रहे थे. आज मुनाफा आया तो खुद बेचने लगे. राख बेचने के मुनाफे से बनाई गई उस गौशाला में करीब 1000 गाय हैं. गौशाला ने राख हटाने के लिए लाखों रुपए की मशीनें भी खरीदी हैं. अब थर्मल पावर प्लांट उसका टेंडर जारी कर रहा है जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

किसान की मौत (farmer died in Khedar) के बाद से ही ग्रामीण गुस्से में हैं. 10 जुलाई को हांसी पहुंचे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस पूरे मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. इस कमेटी में कमेटी में डीजी जेल मोहम्मद अकील, हिसार की डीसी प्रियंका सोनी, जींद के एसपी नरेंद्र बिजरानियां शामिल हैं. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले पर आगे की कार्रवाई होगी. फिलहाल सरकार की कमेटी और ग्रामीणों के बीच तीन बार हुई बातचीत बेनतीजा रही है.

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Last Updated :Jul 11, 2022, 8:29 PM IST
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