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हिसार लघु सचिवालय में की गई मॉकड्रिल, लोगों में मची अफरा-तफरी

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Published : Feb 6, 2020, 7:27 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 7:51 PM IST

fire mock drill in hisar
fire mock drill in hisar

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा गुरुवार को लघु सचिवालय में फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान आग लगने के बाद उससे निपटने के लिए बचाव, आग पर नियंत्रण करने के तरीके, आग में झुलसे लोगों को प्राथमिक उपचार दिलाने आदि का अभ्यास किया गया.

हिसार: मॉक ड्रिल के दौरान आग लगने की घटना के हालात उत्पन किए जाने के बाद लघु सचिवालय परिसर में हड़कंप मच गया. विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और आमजन पार्क में एकत्र हो गए. मॉक ड्रिल का पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली.

दोपहर को जैसे ही लघु सचिवालय के सायरन ने आग लगने की चेतावनी जारी की, सभी कार्यालयों में अफरा-तफरी मच गई. प्रत्येक मंजिल पर कर्मचारियों ने विभागों में जाकर बताया कि लघु सचिवालय में आग लग गई है और जल्द से जल्द नीचे उतरें.

हिसार लघु सचिवालय में की गई मॉकड्रिल, लोगों में मची अफरा-तफरी.

इसके साथ ही सभी लोग जल्दी नीचे उतरे. आपदा प्रबंधन विभाग व जिला रेडक्रॉस के स्वयंसेवकों ने अभ्यास के लिए प्रतीक रूप में घायलों को उठाकर भवन से बाहर निकाला गया. वहीं उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी अन्य उच्चाधिकारियों के साथ मौजूद रही जो पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रही थीं.

ये भी पढ़ेंः- गोहाना: नगर परिषद ने हटाया अतिक्रमण, रेहड़ी चालकों और दुकानदारों का सामान किया जब्त

जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि दोपहर को सचिवालय में मॉक ड्रिल के लिए आग लगने के हालात उत्पन्न किए गए. आग की घटना को आपदा घोषित किया गया और अग्निशमन तथा इमरजेंसी सेवाओं को सूचित किया गया. इसके बाद लघु सचिवालय की बिजली सप्लाई को काटा गया. सूचना पर फायर ब्रिगेड 5 मिनट में सचिवालय पहुंची. एंबुलेंस 15 मिनट में आई.

गौर करने वाली बात है कि हिसार लघु सचिवालय की चारों मंजिलों में लगे अग्नि शमन यंत्र एक्सपायरी तिथि के हैं. वहीं वॉटर नोजल आदि उपकरण कबाड़ हो चुके हैं. इन उपकरणों पर अधिकारियों का ध्यान नहीं है. वहीं उपायुक्त से लघुसचिवालय में खराब और एक्सपाइरी डेट के फायर एस्टिंग्यूशर और अन्य उपकरणों के बारे में सवाल किया गया तो उपायुक्त ने कहा कि उन्हें अभी फंड प्राप्त हो चुका है और एक सप्ताह में फायर सेफ्टी के सभी उपकरणों को बदल दिया जाएगा.

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Intro:
एंकर - आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा गुरुवार को लघु सचिवालय में फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान आग लगने के बाद उससे निपटने के लिए बचाव, आग पर नियंत्रण करने के तरीके, आग में झुलसे लोगों को प्राथमिक उपचार दिलाने आदि का अभ्यास किया गया। हालांकि मॉक ड्रिल के दौरान आग लगने की घटना के हालात उत्पन किए जाने के बाद लघु सचिवालय परिसर में हडक़ंप मच गया। विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और आमजन नीचे पार्क में एकत्र हो गए। मॉक ड्रिल का पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली। दोपहर को जैसे ही लघु सचिवालय के सायरन ने आग लगने की चेतावनी जारी की, सभी कार्यालयों में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्येक मंजिल पर कर्मचारियों ने विभागों में जाकर बताया कि लघु सचिवालय में आग लग गई है और जल्द से जल्द नीचे उतरें। इसके साथ ही सभी लोग जल्दी नीचे उतरे। आपदा प्रबंधन विभाग व जिला रेडक्रॉस के स्वयंसेवकों ने अभ्यास के लिए प्रतीक रूप में घायलों को उठाकर भवन से बाहर निकाला गया। वहीँ उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी अन्य उच्चाधिकारियों के साथ मौजूद रही जो पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रही थीं।

गौर करने वाली बात है की हिसार लघु सचिवाल की चारों मंजिलों में लगे अग्नि शमन यंत्र एक्सपायरी तिथि के है वहीं वॉटर नोजल आदि उपकरण कबाड़ हो चुके है। इन उपकरणों पर अधिकारीयों का ध्यान नहीं है। क्या केवल मॉकड्रिल करने से भविष्य में इस प्रकार की आपदा से निपटा जा सकता है यह बहुत बड़ा सवाल है।

Body:वीओ - उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि दोपहर को सचिवालय में मॉक ड्रिल के लिए आग लगने के हालात उत्पन्न किए गए। आग की घटना को आपदा घोषित किया गया और अग्निशमन तथा इमरजेंसी सेवाओं को सूचित किया गया। इसके बाद लघु सचिवालय की बिजली सप्लाई को काटा गया तथा इसके तुरंत बाद राहत और बचाव के कार्य आरंभ कर दिए गए। आग लघु सचिवालय के प्रथम तल पर लगी थी, जिसमें कुल 11 लोग घायल होने की सूचना आपदा प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा दी गई। इनमें से सात घायलों को प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दे दी गई, जबकि चार अन्य का डॉक्टरों की टीम द्वारा उपचार किया गया। इनमें से दो घायल गंभीर श्रेणी के हैं।
उन्होंने बताया कि सूचना पर फायर ब्रिगेड 5 मिनट में सचिवालय पहुंची। एंबुलेंस 15 मिनट में आई। राहत और बचाव कार्यों के बाद आपदा की घोषणा को वापस लिया गया।

वही उपायुक्त से लघुसचिवालय में खराब और एक्सपाइरी डेट के फायर एस्टिंग्यूशर और अन्य उपकरणों के बारे में सवाल किया गया तो उपायुक्त ने कहा कि उन्हें अभी फंड प्राप्त हो चूका है और एक सप्ताह में फायर सेफ्टी के सभी उपकरणों को बदल दिया जाएगा।

बाइट - डॉ प्रियंका सोनी, उपायुक्त, हिसारConclusion:
Last Updated :Feb 6, 2020, 7:51 PM IST
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