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कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से कुश्ती बाहर: पहलवान नाखुश, बोले-जीवन भर की मेहनत हो जाएगी व्यर्थ

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Published : Oct 9, 2022, 8:18 AM IST

Updated : Oct 9, 2022, 12:49 PM IST

Commonwealth Games 2026
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से कुश्ती बाहर: पहलवान नाखुश, बोले-जीवन भर की मेहनत हो जाएगी व्यर्थ

ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 होने वाले हैं. इन गेम्स में कुश्ती और तीरंदाजी को इस आयोजन से बाहर रखा गया है. जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स में निशानेबाजों की वापसी होगी.

भिवानी: साल 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में अब देश के पहलवान दांव नहीं लगा (Wrestling Game Out Of Commonwealth Games 2026) पाएंगे. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया के विभिन्न शहरों में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल कर कुश्ती को बाहर कर दिया है. राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के इस फैसले से भिवानी के पहलवान व प्रशिक्षक नाखुश हैं. उन्होंने महासंघ के इस फैसले को गलत बताया है.

खेल नगरी के नाम से विख्यात भिवानी के खिलाडियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती बाहर (Wrestling Game Out Of Commonwealth Games 2026) से बाहर किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कुश्ती के राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर होने पर उनके जीवन भर की मेहनत व्यर्थ हो जाएगी, इसीलिए कुश्ती को कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल किया जाना चाहिए. वही कुश्ती को राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर करने से भिवानी के कुश्ती खिलाड़ी नाराज (Players Unhappy In Bhiwani) है.

कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से कुश्ती बाहर: पहलवान नाखुश, बोले-जीवन भर की मेहनत हो जाएगी व्यर्थ

खिलाडिय़ों का कहना है कि सरकार को इसके लिए सख्ती से लड़ाई लड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुश्ती के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है, जिससे शरीर तंदुरुस्त भी रहता है. खिलाडिय़ों ने कहा कि इसके जरिए आर्मी, पुलिस जैसी भर्ती खिलाड़ी देख सकता है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मैडल देने वाला ये गेम इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 में शामिल नहीं है, जो कि खिलाडिय़ों व देश के साथ अन्याय है.

बता दें कि कुछ महीने पहले कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (Commonwealth Games 2026) के लिए खेलों की शुरुआती सूची की घोषणा की गई थी. इसमें निशानेबाजी, कुश्ती और तीरंदाजी को शामिल नहीं किया गया था. इसके बाद भारतीय ओलंपिक संगठन ने राष्ट्रमंडल खेल महासंघ को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इन तीनों खेलों का बहिष्कार चौंकाने वाला था, तब शूटिंग को अंतिम सूची में शामिल किया गया.

कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती का बाहर होना भारत के पहलवानों के लिए बहुत बड़ा झटका है. इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पुरुष और महिला पहलवानों का दबदबा रहा. उन्होंने सभी 12 भार वर्गों में पदक जीते. साल 2010 के बाद से लगातार इन खेलों में कुश्ती शामिल है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में कुश्ती लोकप्रिय खेल नहीं है. कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खेलों का चयन मेजबान देश द्वारा ही किया जाता है. वही दूसरी तरफ तीरंदाजी केवल दो बार राष्ट्रमंडल खेलों में खेली गई है. भारत इस खेलों की पदक तालिका में दूसरे स्थान पर है. इसलिए साल 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में तीरंदाजी को शामिल न करने का असर भारत पर भी पड़ेगा.

Last Updated :Oct 9, 2022, 12:49 PM IST
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