गृह विभाग वापस लिए जाने की बात कहे जाने पर मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की पेशकश की : विज

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Published : Dec 30, 2021, 3:51 PM IST

Haryana Minister Anil Vij
हरियाणा के मंत्री अनिल विज (फाइल फोटो) ()

हरियाणा के मंत्री अनिल विज (Haryana Minister Anil Vij) ने कहा कि उन्होंने तब मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने का प्रस्ताव किया जब शहरी स्थानीय निकाय विभाग न केवल नए मंत्री को सौंप दिया गया बल्कि उनसे कहा गया कि उनसे गृह विभाग भी लिया जा सकता है. पढ़िए पूरी खबर...

चंडीगढ़ : हरियाणा के मंत्री अनिल विज (Haryana Minister Anil Vij) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने तब मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की पेशकश की जब शहरी स्थानीय निकाय विभाग नए मंत्री को सौंप दिया गया और कहा गया कि उनसे गृह विभाग भी वापस लिया जा सकता है.

राज्य मंत्रिपरिषद में दो नए मंत्रियों को शामिल किए जाने के साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सलाह पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विभागों का आवंटन और नए सिरे से आवंटन किया. शहरी स्थानीय निकाय विभाग नए मंत्री कमल गुप्ता को आवंटित किया गया है. मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने अधीन एक विभाग 'सभी के लिए आवास' की जिम्मेदारी भी हिसार से दो बार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक गुप्ता को दी है.

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की पेशकश की है, विज ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब मुख्यमंत्री ने उनसे गृह विभाग वापस लेने और इसे अपने पास रखने की इच्छा व्यक्त की तो 'मैंने कहा कि यदि वह ऐसा चाहते हैं तो वह सभी विभाग ले सकते हैं.' विज ने कहा, 'मैंने कहा कि मैं अपने सभी विभाग छोड़ने को तैयार हूं, सिर्फ एक या दो ही क्यों.' विभागों के पुन: आवंटन के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक विज के पास अब गृह, स्वास्थ्य, आयुष, तकनीकी शिक्षा तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग हैं.

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नवनियुक्त मंत्रियों- भाजपा के कमल गुप्ता और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के देवेंद्र सिंह बबली को बुधवार को विभागों का आवंटन किया गया. नवनियुक्त मंत्रियों के मंगलवार को शपथग्रहण समारोह में विज की अनुपस्थिति के कारण संदेह पैदा हुआ था. समारोह से कुछ समय पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ बैठक की थी. समारोह में विज की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश भाजपा प्रमुख ओपी धनखड़ ने मंगलवार को कहा था, 'वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं और हम उनसे सलाह-मशविरा करने के बाद निर्णय लेते हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या विज किसी मुद्दे पर नाखुश हैं, धनखड़ ने कहा, 'वह हमारे वरिष्ठ और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नेता हैं.'

पिछले साल सीआईडी के नियंत्रण को लेकर खट्टर के साथ कई दिनों तक टकराव के बाद विज से संबंधित विभाग का प्रभार वापस ले लिया गया था और बाद में इसे मुख्यमंत्री ने अपने पास रख लिया था. तब विज ने सीआईडी द्वारा विभिन्न मुद्दों पर जानकारी या 'फीडबैक' नहीं दिए जाने पर नाखुशी जाहिर की थी. हालांकि, सीआईडी विभाग का प्रभार वापस लिए जाने के बाद विज ने कहा था कि उन्होंने हमेशा कहा है कि मुख्यमंत्री सर्वोच्च हैं और किसी भी विभाग का प्रभार वापस ले सकते हैं या इसे बांट सकते हैं.

इस साल जुलाई में अनिल विज ने आरोप लगाया था कि उनके विभागीय काम में कुछ अधिकारी खट्टर को 'खुश' करने के लिए बाधा डाल रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दोनों के बीच मतभेद हैं. उन्होंने यह टिप्पणी पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के कार्यकाल को लेकर मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद की थी. खट्टर जहां यादव को राज्य के पुलिस प्रमुख के रूप में बनाए रखने के इच्छुक थे, वहीं विज इस साल की शुरुआत में दो साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें बदलने के पक्ष में थे.

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फरवरी 2015 में, हरियाणा में पहली बार अपने दम पर भाजपा के सत्ता में आने के तीन महीने से भी कम समय में विज ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा था, 'मेरे विभागों में गहरी दिलचस्पी लेने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद. मैं निश्चिंत हूं.' विज के पास तब स्वास्थ्य, खेल और युवा मामलों का प्रभार था.

(पीटीआई-भाषा)

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