Rapid Rail: पहले चरण में 17 किमी रूट पर छह कोच के साथ चलेगी देश की पहली रैपिड रेल

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Published : May 11, 2023, 9:31 AM IST

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नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में रैपिड रेल (RapidX) का संचालन अगले महीने शुरू हो सकता है. हाल ही में गाजियाबाद आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच संबोधन के दौरान कहा था कि गाजियाबाद वालों को अगले महीने RapidX की सौगात मिलने जा रही है. हालांकि पहले एनसीआरटीसी द्वारा मार्च 2023 तक प्रायोरिटी सेक्शन पर संचालन शुरू करने की बात कही गई थी. अब जून में संचालन शुरू होने की बात सामने आ रही है. 9 कोच वाली रैपिड रेल का परिचालन, शुरुआत में छह कोच से होगी.

निर्माण कार्य पूरा: RapidX के पीआरओ पुनीत वत्स ने बताया कि प्रायरिटी सेक्शन पर निर्माण कार्य समाप्त हो चुका है. प्रायोरिटी सेक्शन पर साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन, गुलधार रैपिडएक्स और दुहाई डिपो का काम पूरा हो चुका है. गाज़ियाबाद रैपिडएक्स स्टेशन का काम भी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. सिर्फ तीन एंट्री एग्जिट प्वाइंट का काम चल रहा है, जोकि जल्द पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि गाजियाबाद रैपिडएक्स स्टेशन कुल पांच एंट्री एग्जिट प्वाइंट हैं. दो एंट्री एग्जिट पॉइंट्स बनकर तैयार हैं. अब तक रैपिडएक्स के कुल 10 ट्रेन सेट दुहाई डिपो पहुंच चुके हैं. रैपिडएक्स का एक ट्रेन सेट सोमवार को दुहाई डिपो पहुंचा है. पांच से अधिक रैपिडएक्स ट्रेन सेट्स को रूटीन ऑपरेशंस की तरह रूट पर दौड़ाया जा रहा है, जबकि बाकी की स्टेटिक टेस्टिंग, डायनेमिक टेस्टिंग और सिग्नल इनेटग्रेशन चल रहा है. 

इस रूट पर दौड़ेगी RapidX: शुरुआत में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर के प्रायरिटी सेक्शन पर रैपिडएक्स दौड़ेगी. प्रायरिटी सैक्शन में साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन, गाजियाबाद रैपिडएक्स स्टेशन, गुलधर रैपिडएक्स स्टेशन, दुहाई रैपिडएक्स स्टेशन और दुहाई डिपो रैपिडएक्स स्टेशन हैं. 

कुल 25 स्टेशन होंगे: 82 किलोमीटर के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिडएक्स कॉरिडोर पर कुल 25 स्टेशन होंगे. जिसमें 18 एलिवेटेड स्टेशन, 4 अंडरग्राउंड स्टेशन और तीन डिपो स्टेशन (at grade) होंगे. रैपिडएक्स मेरठ से दिल्ली तक यात्रा के समय को 60 मिनट से कम कर देगा. दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ रैपिडएक्स कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग ढाई लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है. रैपिडएक्स हर 5 से 10 मिनट के बीच उपलब्ध रहेगी. 

मेट्रो से तीन गुना होगी रफ्तार: रैपिडएक्स ट्रेन सेट्स को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर दौड़ने के लिए डिजाइन किया गया है. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर रैपिडएक्स ट्रेन सेट की ऑपरेशनल स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. जबकि एवरेज स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. रैपिडएक्स को 100 किलोमीटर का सफर तय करने में महज 60 मिनट का वक्त लगेगा. 

इतने लोग कर पाएंगे सफर: शुरुआत में रैपिडएक्स ट्रेन में कुल 6 एयर कंडीशन कोच होंगे. जिनको बाद में बढ़ाकर 9 कोच तक किया जा सकता है. प्रत्येक ट्रेन सेट में एक प्रीमियम कोच होगा. प्रीमियम कोच में 60 सीटें जबकि स्टैंडर्ड कोच में 70 सीटें होंगी. रैपिडएक्स में सीटिंग और स्टैंडिंग कैपेसिटी को मिलाकर एक बार में 1500 से अधिक लोग सफर कर सकेंगे. रैपिडएक्स में ऑन बोर्ड वाईफाई, मोबाइल लैपटॉप चार्जिंग, स्ट्रक्चर समेत मरीज को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन ले जाने की सहूलियत आदि मौजूद रहेगी.

रैपिडएक्स और मेट्रो के बीच अंतर

रैपिडएक्स को दो शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए चलाया जाता है, जबकि मेट्रो एक ही शहर के कई हिस्सों को जोड़ती है.  

मेट्रो की तुलना में रैपिडएक्स की रफ्तार तीन गुना है. रैपिडएक्स 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन है जो कि लगभग एक घंटे में लगभग 100 किमी की दूरी तय करती है.  

रैपिडएक्स में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया 2x2 ट्रांसवर्स सीटिंग (Transverse Seating) है जबकि मेट्रो में लोंगिट्यूडनल सीटिंग (Longitudinal Seating) होती है.  

रैपिडएक्स में प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की सुविधा है जबकि मेट्रो में ऐसा नहीं है.  

रैपिडएक्स में प्रीमियम और स्टैंडर्ड क्लास के कोच हैं. जबकि मेट्रो में सभी कोच एक जैसे हैं.  

रैपिडएक्स के कोच में मरीज को लेकर जाने के लिए भी व्यवस्था मौजूद है. कोच में स्ट्रेचर रखने के लिए अलग स्पेस है साथ ही व्हीलचेयर को सुरक्षित खड़ा करने के लिए बेल्ट की मौजूद है. हालांकि मेट्रो में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती है.

 ० रैपिड रेल में ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा है, जबकि मेट्रो में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती है.

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एनसीआरटीसी ने बुधवार को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिडएक्स कॉरिडोर पर गाज़ियाबाद में एक और टनल ब्रेकथ्रू में सफलता हासिल की है. टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) सुदर्शन 4.3 ने वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास निर्मित रिट्रीवल शाफ्ट से इस टनल का ब्रेकथ्रू किया. इससे पहले, सुदर्शन 4.1 द्वारा इसी साल अप्रैल में दिल्ली सेक्शन की पहली टनल का सफल ब्रेकथ्रू किया गया था.

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