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गंभीर समस्या है सेक्स एडिक्शन

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Published : Aug 15, 2021, 9:01 AM IST

सेक्स एडिक्शन को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पहले मानसिक विकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता था, लेकिन इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए इंटरनेशनल स्टेटिकल क्लासीफिकेशन ऑफ डिजीज एंड रिलेटेड हेल्थ प्रॉब्लमस द्वारा वर्ष 2022 से लागू होने वाले आइसीडी11 में सेक्स की लत को अलग तरह से परिभाषित किया जा रहा है।

सेक्स एडिक्शन एक ऐसी अवस्था है, जहां व्यक्ति का अपने विचारों तथा यौन व्यवहार पर से नियंत्रण कम हो जाता है और उसके दिमाग में हमेशा कामुक उत्तेजनाओं या सेक्स से भरे विचार रहते है, साथ ही उसे बार-बार यौन क्रिया करने की इच्छा होती है। जिससे उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ उसके सामाजिक और भावनात्मक व्यवहार पर भी काफी असर पड़ता है।

‘कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर डिसऑर्डर' हो सकता है सेक्स एडिक्शन

गौरतलब है की अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के (आइसीडी10) और अमेरिकन मनोचिकित्सक एसोसिएशन (एपीए) द्वारा सेक्स की लत को मानसिक विकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता था , जिसका कारण था- अलग-अलग लोगों में अलग-अलग सेक्स ड्राइव का होना। लेकिन अब इस थ्योरी में कुछ बदलाव लाया जा रहा है।

अगले वर्ष से लागू होने वाले आइसीडी11 में बताई गई सेक्स एडिक्शन नई परिभाषा के अनुसार जब कोई व्यक्ति अपनी लत पर नियंत्रण नहीं रख पाता है और बार-बार सेक्स के प्रति आकृष्ट होता है तो उसका यह बर्ताव उसके व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक जीवन को प्रभावित करता है तो इसे ‘कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर डिसऑर्डर’ माना जा सकता है।

मई 2019 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में प्रस्तुत किए गए आईसीडी11 के अनुसार छह महीने या उससे अधिक के समय में किसी व्यक्ति में यदि सेक्स के प्रति अनियंत्रित इच्छा हो रही हो, उसका अपनी इच्छाओं पर रोक ना हो तो इसका एक विकार के रूप में निदान किया जाना चाहिए।
क्या हैं सेक्स की लत और उसकी जटिलताएं
सेक्स एडिक्शन की गंभीरता के बारे में ETV भारत सुखीभव को विस्तार से जानकारी देते हुए वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. वीणा कृष्णन बताती हैं की इस लत के चलते पीड़ित व्यक्ति पोर्नोग्राफी और हस्तमैथुन का भी आदी हो जाता है। वहीं कई मामलों में व्यक्ति अपनी वासना को शांत करने के लिए एक से ज्यादा लोगों के साथ तथा वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओं के साथ भी संबंध बनाने लगता है। इस समस्या के सही समय पर ज्ञात न होने की अवस्था और समय पर इलाज ना मिलने पर व्यक्ति अपनी लत से वशीभूत होकर यौन अपराधों में शामिल होने से भी खुद को रोक नहीं पाता है।

सेक्स एडिक्शन के कारण

डॉ. कृष्णन बताती है की कई बार मानसिक बीमारियों के चलते, अस्वस्थ हार्मोन के चलते, पोर्नोग्राफी सरीखे मस्तिष्क को बीमार करने वाली दृश्य सामग्री को लगातार देखने के चलते, साथ घटी किसी दुर्घटना के फलस्वरूप या किसी शारीरिक बीमारी के कारण लोगों में यह लत जन्म ले सकती है। इसके अतिरिक्त अवसाद, चिंता, लर्निंग डिसेबिलिटी और जुनूनी बाध्यकारी प्रवृति के चलते भी व्यक्ति को यह लत लग सकती है। आजकल ओटीटी यानि ऑनलाइन टीवी चैनल्स पर दिखाए जाने वाले पॉर्न सरीखे वेब धारावाहिक तथा फिल्में भी व्यक्ति को आकर्षित और उत्तेजित करती है, जिससे उनके दिमाग में अधिकांश समय सेक्स संबंधी विचार ही भरे रहते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग जिनके परिवार के किसी सदस्य में इस तरह के एडिक्शन का इतिहास रहा हो, उनके भी सेक्स एडिक्ट होने की संभावनाएं हो सकती है। इसके अलावा कई मानसिक अवस्थाएं भी होती है, जिनके चलते किसी व्यक्ति में इस प्रकार की लत उत्पन्न हो सकती है।

सेक्स एडिक्शन के लक्षण

  • व्यक्ति लगातार सेक्स के बारे में सोचता है।
  • जब व्यक्ति एक से ज्यादा साथी के साथ संबंध बनाए।
  • अधिकांश समय पोर्नोग्राफी देखने में बिताए।
  • संभोग के लिए वेश्याओं के पास जाए।
  • स्वयं को नियंत्रण में ना रख पाए।
  • हस्तमैथुन का आदि हो जाए।

सेक्स एडिक्शन के उपचार

डॉ. कृष्णन बताती है की विभिन्न थेरेपियों तथा दवाइयों की मदद से इस लत को नियंत्रण में लाया जा सकता है। इन उपचारों की मदद से पीड़ित के स्वयं पर नियंत्रण तथा इस लत से लड़ने के लिए उसकी मानसिक शक्ति को मजबूत करने का कार्य किया जा सकता है।

इनमें कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी, थेरप्यूटिक विधियां तथा दवाइयों की मदद से रोगियों को उनके विचारों और व्यवहारों को दूसरी दिशा में केंद्रित करने की कोशिश की जाती है। इसके अलावा दवाइयों की मदद से व्यक्ति में सेक्स के आवेग को कम करने तथा दिमाग को शांत रखने की कोशिश की जाती है।

पढ़ें: मानसिक बीमारी है सेक्स एडिक्शन

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