ETV Bharat / sukhibhava

...तो इस वजह से अमरूद को अमृत फल और गरीबों का सेब कहा जाता है, किसान भी होते हैं मालामाल

author img

By IANS

Published : Dec 29, 2023, 2:27 PM IST

Updated : Dec 30, 2023, 11:47 AM IST

Guava benefits : सर्दियों में मिलने वाले अमरूद के फल बेहतर गुणवत्ता के होते हैं. CISH द्वारा विकसित की गयी Guava species स्वास्थ्यवर्धक व किसानों को मालामाल करने वाली हैं. Guava health properties . guava health benifits . Guava varieties . Amrood ke fayde

guava varieties  Guava species   guava cultivation  guava health properties  guava health benifits
अमरूद

लखनऊ : अमरूद स्वास्थ्य को ठीक रखता है, इसमें पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है. स्वाद और मिठास में बेहतर होने पर इनका बाजार भाव भी अच्छा मिलता है. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ( Central Institute of Subtropical Horticulture ) द्वारा विकसित की गयी अमरूद की प्रजातियां धूम मचा रहीं हैं. ये Guava species न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक हैं बल्कि किसानों को भी मालामाल करने वाली हैं. इन प्रजातियों में Guava CISH नाम से जानी जाने वाली ललित, श्वेता, धवल और लालिमा प्रजातियां प्रमुख हैं. संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुशील शुक्ला के अनुसार, इन प्रजातियों के फल, परंपरागत रूप से प्रचलित प्रजातियों से बड़े होते हैं.

guava varieties  Guava species   guava cultivation  guava health properties  guava health benifits
अमरूद

कृषि वैज्ञानिक सुशील शुक्ला बताते हैं कि प्रति 100 ग्राम अमरूद में नमी की मात्रा 81.70 प्रतिशत है जबकि 5.2 प्रतिशत फाइबर, 11.2 प्रतिशत कार्बोज, 0.9 प्रतिशत प्रोटीन, 0.3 प्रतिशत वसा के अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, आयरन आदि भी पाए जाते हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ के रहमान खेडा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ( CISH Rehmankheda ) द्वारा विकसित Guava की प्रजातियों की खासियत इस प्रकार है...

ललित -- इस प्रजाति के फल भीतर से गुलाबी एवं बाहर से आकर्षक लाल आभायुक्त केसरिया पीले रंग के होते हैं. फल का गूदा सख्त एवं शर्करा एवं अम्ल के उचित अनुपात के साथ ही गुलाबी रंग का होता है. ताजे उपभोग एवं परिरक्षण दोनों की ही दृष्टि से यह किस्म उत्तम पायी गयी है. इसके गूदे का गुलाबी रंग परिरक्षण के बाद भी एक वर्ष तक बना रहता है. यह किस्म Guava की लोकप्रिय किस्म इलाहाबाद सफेदा की अपेक्षा औसतन 24 प्रतिशत अधिक उपज देती है. इन्हीं गुणों के कारण यह प्रजाति व्यावसायिक खेती के लिए मुफीद है.

श्वेता-- यह एप्पल कलर किस्म के बीजू पौधों से चयनित खूब फलत देने वाली किस्म है. वृक्ष मध्यम आकार का होता है. फल थोड़े गोल होते हैं. बीज मुलायम होता है. फलों का औसत आकार करीब 225 ग्राम होता है. बेहतर प्रबंधन से प्रति पेड़ प्रति सीजन करीब 90 किग्रा फल प्राप्त होते हैं.

धवल-- यह प्रजाति इलाहाबाद सफेदा से भी लगभग 20 फीसद से अधिक फलत देती है. फल गोल, चिकने एवं मध्यम आकार (200-250 ग्राम) के होते हैं. पकने पर फलों का रंग हल्का पीला और गूदा सफेद, मृदु सुवासयुक्त मीठा होता है. बीज भी अपेक्षाकृत खाने में मुलायम होता है.

लालिमा-- यह एप्पल ग्वावा से चयनित किस्म है. फलों का रंग लाल होता है. प्रति फल औसत वजन 190 ग्राम होता है. फलत भी अच्छी होती है. अमरूद के बाग किसी भी तरह की भूमि पर लगाए जा सकते हैं. उचित जलनिकास वाली बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए उपयुक्त है.

guava varieties  Guava species   guava cultivation  guava health properties  guava health benifits
अमरूद

जाड़े में बेहतर गुणवत्ता के अमरूद
पौधरोपण करते समय पौध से पौध और लाइन से लाइन की मानक दूरी 5 से 6 मीटर रखें. पौधों के बड़े होने तक चार पांच साल तक इसमें सीजन के अनुसार इंटर क्रॉपिंग भी कर सकते हैं. अगर सघन बागवानी करनी है तो यह दूरी आधी कर दें. इसमें प्रबंधन और फसल संरक्षण पर ध्यान देने से पौधों की संख्या के अनुसार उपज भी अधिक मिलती है. जाड़े में मिलने वाले अमरूद के फल अपेक्षाकृत बेहतर गुणवत्ता के होते हैं. मांग अच्छी होने से दाम भी अच्छे मिलते हैं. अगर आप जाड़े में अधिक फल चाहते हैं तो मार्च अप्रैल में आने वाले फूल को शाखाओं सहित निकाल दें. इससे जाड़े की फलत और फलों की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी.

अमृत फल और गरीबों का सेब- अमरूद
रोपण का उचित समय जुलाई अगस्त है. सिंचाई का साधन उपलब्ध होने पर फरवरी में भी पौधे लगा सकते हैं. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन के अनुसार अपने खास स्वाद और सुगंध के अलावा विटामिन सी से भरपूर अमरूद में शर्करा, पेक्टिन भी होता है. साथ ही इसमें खनिज, विटामिंस और रेशा भी मिलता है. इसीलिए इसे अमृत फल और गरीबों का सेब भी कहते हैं.

बागवानी से अधिक समय तक आय
ताजे फलों के सेवन के अलावा प्रोसेसिंग कर इसकी चटनी, जेली, जेम, जूस और मुरब्बा आदि भी बना सकते हैं. संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुशील शुक्ला के अनुसार, बेहतर आय के लिए आम के साथ अमरूद के भी बाग लगा सकते हैं. इसके लिए आम के पौधों की पौध से पौध और लाइन से लाइन की दूरी 10 मीटर रखें. दो पौधों और लाइन से लाइन के बीच 55 मीटर पर अमरूद के पौधे लगाएं. इससे अमरूद के काफी पौधे लग जाएंगे. इससे बागवानों को बेहतर और अधिक समय तक आय होगी. guava varieties . Guava species . guava cultivation . guava health properties . guava health benifits . Guava health properties . guava health benifits . guava benifits . Guava varieties . Amrood ke fayde .

ये भी पढ़ें-

जानिए शानदार पपीते के जानदार गुण, खेती भी है लाभ का सौदा

Last Updated :Dec 30, 2023, 11:47 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.