दौड़ना यानी रनिंग को हमेशा एक बेहतरीन व्यायाम माना जाता है. ना सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बल्कि शरीर की सभी मांसपेशियों को दुरुस्त तथा सक्रिय रखने के लिए भी व्यायाम को काफी फायदेमंद माना जाता है. यहीं नही कई शोध बताते हैं कि नियमित दौड़ने की आदत व्यक्ति की आयु भी बढ़ा सकी है.
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के निष्कर्षों में बताया गया है कि नियमित तौर पर दौड़ने वाले लोगों को, नहीं दौड़ने वाले लोगों की तुलना में मृत्यु का जोखिम 27 % तक कम होता हैं. शोध में बताया गया था कि दिनचर्या में दौड़ने को शामिल करने से अच्छी सेहत तथा आयु बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. विक्टोरिया विश्वविद्यालय, मेलबर्न के शोधकर्ताओं ने इस शोध में 2,33,149 लोगों पर 14 अलग तरह के अध्ययन किए थे. जिनमें 5.5 साल से लेकर 35 साल तक के लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखी गई थी.
लेकिन चाहे जॉगिंग हो, रनिंग या खेल के किसी भी स्वरूप में दौड़ना हो यदि इसके दौरान सावधानियाँ नही बरती जाय तो रनिंग इंजरी होने का खतरा हो सकता है. इसलिए दौड़ने के दौरान कुछ नियम व सावधानियां बरतनी जरूरी है जिससे दौड़ते समय धावक को किसी प्रकार की चोट या रनिंग इंजरी ना हो. क्योंकि कई बार रनिंग करते समय छोटी सी गलती भी काफी जटिल परिणाम दे सकती है.
पुणे की खेल फिजियोंथेरेपिस्ट डॉ रति श्रेष्ठ बताती है कि आमतौर पर दौड़ते समय पाँव या घुटने में मोच आना, टखने में चोट या मांसपेशियों का खिंच जाना जैसी समस्याएं कई बार गंभीर रूप ले सकती हैं. वह बताती हैं कि दौड़ने के दौरान जिन समस्याओं का सामना आमतौर पर लोगों को करना पड़ता है उनमें सबसे आम हैं घुटने में चोट लगना या पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम, अचिलीज टेनडीनीटिस/ एड़ी के पीछे मांसपेशियों में सूजन, शिन स्पिलिंट्स यानी दौड़ने के कारण पिंडलियों और पांव के निचले हिस्से में होने वाला दर्द, कमर के नीचे और बाहरी कूल्हों में दर्द, स्ट्रैस फ्रैक्चर्स, पैरों व मांसपेशियों में दर्द व सूजन तथा हैमस्ट्रिंग इंजरी आदि.
रनिंग के दौरान इंजरी से बचने के टिप्स
डॉ रति श्रेष्ठ बताती है कि बहुत जरूरी है कि चाहे किसी श्रेणी की दौड़ हो लेकिन उससे पहले तथा दौड़ के दौरान कुछ सावधानियों का पालन किया जाय. जिससे रनिंग इंजरी से बचा जा सके. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- रनिंग या जॉगिंग से पहले वार्मअप जरूर करें. विशेष रूप से जांघों और शरीर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करें.
- दौड़ने की शुरुआत बहुत तेज गति से दौड़ने से नही करनी चाहिए. शुरुआत हमेशा कम गति से करनी चाहिए तथा धीरे-धीरे गति बढ़ानी चाहिए.
- दौड़ पूरी करने के बाद कूल-डाउन व्यायाम अवश्य करना चाहिए.
- दौड़ते समय हमेशा आरामदायक लेकिन ऐसे चुस्त कपड़े पहनने चाहिए जिनमें धावक के उलझ कर गिरने का खतरा कम हो.
- ज्यादा व्यस्त सड़कों, ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर दौड़ने से हमेशा बचना चाहिए.
- दौड़ते समय हमेशा दौड़ने वाले जूते पहन कर ही दौड़ना चाहिए.
- जो लोग हेडफोन लगाकर दौड़ते हैं उन्हे ध्यान रखना चाहिए कि उनकी आवाज ज्यादा तेज ना हो .
- दौड़ने से कुछ समय पहले और उसके कुछ देर बाद शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी या जूस का सेवन करना चाहिए.