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Womens को सर्वाइकल कैंसर से बचाने में बेहद लाभकारी हो सकती है सर्ववैक वैक्सीन, एक से अधिक पार्टनर भी हो सकते हैं कैंसर के कारण

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Published : Jan 31, 2023, 12:37 AM IST

Updated : Feb 4, 2023, 4:10 PM IST

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए स्वदेशी वैक्सीन सर्ववैक के लांच के बाद से माना जा रहा है कि यह Quadrivalent human papillomavirus vaccine ( क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन ) Cervical cancer से बचाव में बेहद प्रभावी हो सकती है. लेकिन यह वैक्सीन सिर्फ सर्वाइकल कैंसर ही नहीं बल्कि HPV के कारण होने वाले कुछ अन्य प्रकार के Cancer में भी लाभकारी हो सकती है. World Cancer Day पिछले वर्ष की भांति Close the Care Gap theme ( क्लोज द केयर गैप थीम ) पर मनाया जा रहा है.

World Cancer Day - Cervical cancer
सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर के बारे में डॉक्टर की राय

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष World Cancer Day पिछले वर्ष की भांति Close the Care Gap theme ( क्लोज द केयर गैप थीम ) पर मनाया जा रहा है. राष्ट्रीय बालिका दिवस ( National Girl Child Day ) के अवसर पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ( SII ) द्वारा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन सर्ववैक को लांच किया गया है . Cervavac vaccine को लेकर किए गए पूर्व अध्ययन के नतीजों के आधार दावा किया जा रहा है कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव में यह लगभग 100 फीसदी तक प्रभावी हो सकता है.

World Cancer Day
विश्व कैंसर दिवस

गौरतलब है कि cervical cancer महिलाओं में होने वाले सबसे जानलेवा कैंसर में से एक है, तथा बड़ी तेजी से पिछले कुछ सालों में इसके मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों की माने तो भारत में हर साल लगभग एक लाख से ज्यादा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है जिनमें से हर साल लगभग 67000 महिलायें इस बीमारी के चलते मृत्यु का शिकार बन जाती हैं. वहीं कुछ अन्य रिपोर्ट कि मानें तो हमारे देश में 30 से 69 उम्र की 17 % प्रतिशत महिलाओं की मौत इस कैंसर के कारण होती है.

cervavac vaccine
वैक्सीन लॉन्च करते अमित शाह.

हालांकि cervical cancer से बचाव के लिए और भी वैक्सीन मौजूद रही हैं लेकिन स्वदेशी सर्ववैक वैक्सीन को लेकर माना जा रहा है कि इसकी सफलता का प्रतिशत अपेक्षाकृत काफी ज्यादा है. आखिर क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर? इसके कारण तथा इसके बारें में ज्यादा जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखीभव ने अपने विशेषज्ञों से बात की. साथ ही यह जानने का भी प्रयास किया कि वैक्सीन कैसे इससे बचाव में लाभकारी हो सकती है.

क्या है सर्वाइकल कैंसर : What is cervical cancer
गौरतलब है कि सर्वाइकल कैंसर दरअसल महिलाओं में होने वाला एक घातक कैंसर होता है जो दुनिया भर में महिलाओं में चौथा सबसे प्रचलित कैंसर है. वहीं भारत की बात करें तो यहां यह महिलाओं में दूसरा सबसे प्रचलित कैंसर है. यह ज्यादातर 30 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में होता है. दिल्ली की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ निधि कोठारी ( Dr Nidhi Kothari gynecologist ) बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के सर्विक्स में होता है तथा इसके लिए मुख्य तौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कुछ प्रकारों को जिम्मेदार माना जाता है. यहां यह जानना जरूरी है कि हर प्रकार का एचपीवी सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार नहीं होता है.

दरअसल HPV एक यौन संचारित वायरस है और आमतौर पर इसके कारण संक्रमण होने पर जल्दी इसके तीव्र लक्षण नजर नहीं आते हैं . और जब तक लक्षण नजर आने शुरू होते हैं तब तक संक्रमण काफी ज्यादा फैल चुका होता है. वहीं कई बार जब तक इसके लक्षण नजर आते हैं तब तक इसके यौन संचारित रोग होने के चलते पीड़ित का पार्टनर भी संक्रमित हो चुका होता हैं. सर्वाइकल कैंसर के लिए एचपीवी के कुछ ही प्रकार जिम्मेदार होते हैं लेकिन शुरुआत में संबंधित वायरस के प्रभाव में आने के बाद कुछ अन्य कारक भी होते हैं जो कैंसर के होने की आशंका को बढ़ते हैं. इनमें से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली एक बड़ा कारक होती है. उदारहण के लिए एचपीवी के प्रभाव में आने के बाद भी सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के विकसित होने में 15 से 20 साल लगते हैं, लेकिन वहीं कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाली महिलाओं में यह कैंसर केवल 5 से 10 साल में भी फैल सकता है.

Dr Nidhi Kothari gynecologist बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर सबसे पहले cervix ( गर्भाशय ) के सबसे निचले हिस्से यानी सर्विक्स की कोशिकाओं में पनपना शुरू होता है. सर्विक्स दरअसल योनि से जुड़ा होता है. इस संक्रमण की शुरुआत एक मस्से के रूप में होती है जो बाद में कैंसर की कोशिकाओं में बदलने लगते हैं. Gynecologist Dr Nidhi Kothari gynecologist बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर का Pre cancer stage काफी लंबा (लगभग 10 से 15 साल) होता है . इस बीच यदि समय के टेस्ट या अन्य माध्यम से इस रोग के बारें में पता चल जाए तो इलाज संभव है.

सर्वाइकल कैंसर के बारे में डॉक्टर की राय
डॉक्टर नेहा शर्मा ने बताया कि एक से अधिक पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध होने से HIV और cervical cancer के खतरे को बढ़ाता है. सर्वाइकल कैंसर अब सीधे तौर पर वैक्सीन से रोका जा सकता है. डॉक्टर नेहा शर्मा बताती है कि, इस बीमारी से बचने के लिए HPV वैक्सिनेशन होता है. जिसमें 2, 4 और 5 स्ट्रेन्स होती हैं. ये वैक्सीन लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचा सकती हैं. क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन . Quadrivalent human papillomavirus vaccine .

सर्वाइकल कैंसर के फैलने में मददगार कारक : Cervical cancer Factors
गौरतलब है कि "ह्यूमन पेपिलोमावायरस वायरस के सौ से भी ज्यादा प्रकार माने जाते हैं, जिनमें से एचपीवी 16 व एचपीवी 18 सहित कुछ ही प्रकार होते हैं जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते हैं. आंकड़ों की माने तो 83% सर्वाइकल कैंसर एचपीवी 16 या 18 वायरस के कारण ही होते हैं. इस वायरस के प्रभाव में आने के बाद और भी कुछ कारक होते हैं जो कैंसर को पनपने तथा फैलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जैसे लंबे समय तक हार्मोनल गर्भ निरोधकों का उपयोग, रासायनिक और अन्य कार्सिनोजेन्स के प्रभाव के चलते, कम आयु से ही यौन सक्रियता, कई यौन साथी, तंबाकू का इस्तेमाल या धूम्रपान और एचआईवी के साथ सह-संक्रमण जैसे क्लैमाइडिया, ट्रैकोमैटिस और हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप -2 आदि. इसके अलावा जेनेटिक और इम्यूनोलॉजिकल होस्ट कारक और वायरल कारक भी कभी कभी इस कैंसर के होने की आशंका को बढ़ाते हैं.

क्या है एचपीवी वैक्सीन : What is the HPV vaccine
दरअसल एचपीवी के कई प्रकारों में से कुछ को 'कम जोखिम' तथा कुछ को 'उच्च जोखिम' वाली श्रेणी में रखा जाता है. इनमें से उच्च जोखिम वाले प्रकार कैंसर सहित कुछ अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं. HPV vaccine परेशानी पैदा करने वाले प्रकारों को लेकर एक सुरक्षा कवच बनती है, जो काफी हद तक सफल रहता है. एचपीवी वैक्सीन सिर्फ सर्वाइकल ही नहीं बल्कि वल्वर या अन्य जननांग संबंधी तथा कुछ अन्य प्रकार के कैंसर से बचाव में भी लाभकारी मानी जाता है. यह वैक्सीन एचपीवी के उन प्रकारों से लड़ती है जो इन कैंसर का कारण बनते हैं. भारत में अभी तक सर्वाइकल कैंसर के बचाव के लिए विश्व स्तर पर लाइसेंस प्राप्त दो कंपनियों (गार्डासिल और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन) के टीके (गार्डसिल 9 तथा सेरवेरिक्स ) उपलब्ध रहें हैं. जिनकी सफलता का आंकड़ा 70% तक माना गया है. इन टीकों को सामान्य अवस्था में 9 वर्ष से लेकर 26 वर्ष तक लगवाया जा सकता है.

क्यों खास है स्वदेशी वैक्सीन : Why Cervavac Vaccine is special
प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्ववैक वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर, वलवर या जननांग के अन्य कैंसर, गुदा तथा ऑरोफरीन्जियल कैंसर के साथ-साथ कुछ अन्य प्रकार के कैंसर से बचाव में भी काफी प्रभावी हो सकता है. लेकिन इसे विशेष तौर पर सर्वाइकल कैंसर से बचाव में इसे 100% तक प्रभावी माना जा रहा है. इस वैक्सीन की सफलता तथा प्रभावकारिता के बारे में जानने के लिए किए गए पूर्व अध्ययन में सामने आया है कि यह वैक्सीन एचपीवी वायरस के चार स्ट्रेन- टाइप 6, टाइप 11, टाइप 16 और टाइप 18 के खिलाफ ज्यादा सक्रिय रहती है तथा उनके कारण होने वाले कैंसर के खिलाफ काफी प्रभावी रहती है.

अध्ययन के अनुसार यह क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन चार अलग-अलग एंटीजन तथा अन्य सूक्ष्मजीवों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करके काम करती है तथा शरीर में एक मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को प्रदर्शित करती है. इस वैक्सीन को लेकर माना जा रहा है कि यदि 9 से 14 साल के बीच यौन संपर्क में आने से पहले लड़कियों को यह टीका लगा दिया जाए तो उनमें सर्वाइकल कैंसर के प्रसार को रोकने में 99% कामयाबी मिल सकती है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने सितंबर में बताया था कि इसकी कीमत ₹200 और ₹400 के बीच होगी.

World Cancer Day
विश्व कैंसर दिवस

वैक्सीन के साथ नियमित जांच भी जरूरी
Dr Nidhi Kothari बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव में वैक्सीन काफी लाभकारी है. इसलिये वे अपने पास आने वाली ज्यादातर कम उम्र की महिला मरीजों को इसे जरूर लगवाने की सलाह देती हैं. लेकिन वैक्सीन के साथ ही बहुत जरूरी है कि 21 वर्ष की आयु के बाद नियमित अंतराल पर महिलायें हर अपना रूटीन चैकअप भी करवाएं. विशेषतौर पर हर तीन साल में पैप स्मीयर जांच कराना ना सिर्फ सर्वाइकल कैंसर बल्कि गर्भाशय व जननांग संबंधी कई अन्य गंभीर व आम बीमारियों के होने की अवस्था में लाभकारी हो सकता है. क्योंकि इससे समय पर बीमारी की जानकारी मिलने पर समय से उसका इलाज भी किया जा सकता है.

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Last Updated :Feb 4, 2023, 4:10 PM IST
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