नई दिल्ली: किताबों को प्रकाशित करने वाली एक कंपनी की किताब में कोरोना संक्रमण को फैलाने के लिए तबलीगी मरकज़ और जमात का नाम लिखने पर जमीअत-उलमा-ए-हिंद ने आपत्ति जताई है. जिसके लिए जमीयत के एक प्रतिनिधिमंडल ने किताब प्रकाशित करने वाली कंपनी में जाकर वहां के लोगों से बात की.
जमीयत-उलमा-ए-हिंद के मीडिया प्रभारी मौलाना अज़ीम उल्लाह सिद्दीकी ने बताया कि किताब में कोरोना के फैलने के लिए तबलीगी जमात को ज़िम्मेदार लिखा गया है. जैसा कि साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने वाले कहते रहे हैं.
विवादित लेख को हटाने का आश्वासन
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की इस पर काफी आपत्ति थी, जिसके बाद हमारे महासचिव मौलाना महमूद मदनी के कहने पर हमारा एक प्रतिनिधिमंडल कंपनी के ज़िम्मेदारों से मिलने गए और अपनी बात रखी. जिस पर प्रकाशन के ज़िम्मेदारों ने किताब से विवादित लेख की हटाने का आश्वासन दे दिया है.
मार्केट से वापस मंगायी जाएंगी किताबें
वहीं जमीयत उलमा हिंद के सचिव मौलाना हकीम उद्दीन क़ासमी ने कहा कि इन्होंने अपनी गलती मान ली है और जो विवादित बात लिखी गयी थी, उसे निकाल दिया गया है. नए एडिशन से इन्होंने विवादित बात निकाल दी है और जो किताबें मार्केट में जा चुकी है. उन्हें वापस मंगाने का इन्होंने यकीन दिलाया है.
ये भी पढ़ें:-जमीयत उलमा-ए-हिंद ने दायर की धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गिरफ्तारियों के खिलाफ याचिका
साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के जिम्मेदारों ने कहा कि वो महमूद मदनी साहब को पत्र लिख कर माज़रत करेंगे और यकीन दिखाएंगे की तब्लीगी जमात को लेकर ऐसी गलती फिर नहीं होगी.