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Police Solved Kidnapping Case: 12 घंटे में अपहरण की गुत्थी को सुलझाकर पुलिस ने चार को दबोचा, फिरौती की रकम बरामद

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Published : Jun 26, 2023, 7:36 PM IST

राजधानी में पुलिस ने व्यक्ति का अपहरण करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास वह रकम भी बरामद की गई है, जो इन्होंंने पीड़ित के परिवार से ली थी.

DCP Dr Gurikbal Singh Sidhu
DCP Dr Gurikbal Singh Sidhu

डीसीपी डॉ गुरइकबाल सिंह सिद्धू

नई दिल्ली: दिल्ली की अमन विहार पुलिस ने अपहरण की एक गुत्थी को सुलझाते हुए महज 12 घंटे में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर एक युवक को सकुशल रेस्क्यू किया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से वारदात में इस्तेमाल की गई टॉय गन और पांच लाख रुपए भी बरामद किया है.

रोहिणी जिले के डीसीपी डॉ गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि बीते 25 जून को मंजीत नाम के एक शख्स के अपहरण और फिरौती की मांग के संबंध में अमन विहार थाने में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी. पीड़ित परिवार ने बताया कि था कि अपहरणकर्ताओं ने युवक की रिहाई के बदले 12 लाख रुपये मांगे थे. अमित ने बताया था कि उसका जीजा मंजीत मर्चेंट नेवी में कर्मचारी है. 21 जून को वह उसके घर आया था, जिसके बाद 23 जून को वो मुंबई में अपनी ड्यूटी फिर से चला गया था.

लेकिन 24 जून को मंजीत के भाई सुमित द्वारा सूचित किया गया कि उसे मंजीत के व्हाट्सएप नंबर से फिरौती के लिए कॉल आया था. इसके बाद पीड़ित परिवार से डेढ़ लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए. वहीं बाकी पैसों के लिए अपहरणकर्ताओं ने उसे पानीपत आने के लिए कहा. इसके बाद पीड़ित परिवार पानीपत के समालखा पहुंचे और वहां पर मामले को लेकर पीसीआर कॉल की. इस बीच अपहरणकर्ता भी वहां आ गए, लेकिन पीसीआर वैन देखकर वे भाग निकले. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर एक टीम गठित की.

जांच के दौरान टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस टीम ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों की पहचान त्रिलोक सिंह, गुर सिमरन सिंह, अभिषेक उर्फ विक्की और अक्षय के रूप में हुई. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया वे सभी आरोपी एक-दूसरे को जानते थे. अभिषेक और अक्षय बचपन के दोस्त थे और एक ही गांव के रहने वाले हैं. वहीं गुरसिमरन और त्रिलोक चंद पंजाब से हैं. अभिषेक अपने एक रिश्तेदार को न्यूजीलैंड भेजना चाहता था. इसलिए उसने गुरसिमरन से संपर्क किया. गुरसिमरन ने फेसबुक पर मंजीत से बात की और अभिषेक के रिश्तेदार को न्यूजीलैंड भेजने के लिए उससे मदद मांगी. जांच के दौरान पता चला कि आवश्यक दस्तावेज के लिए मंजीत को 7 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. लेकिन दस्तावेजों की कमी के कारण अभिषेक के रिश्तेदार को आईजीआई हवाई अड्डे से निर्वासित कर दिया गया. इसके बाद वे मंजीत पर अपने पैसे लौटाने का दबाव बनाने लगे और उसके साथ मारपीट की.

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इसके बाद उसी दिन आरोपियों ने पीड़ित मंजीत को दिल्ली के महिपालपुर स्थित एक होटल में बुलाया. वे मंजीत पर अपने पैसे लौटाने का दबाव बनाने लगे और उसके साथ मारपीट की. आरोपी व्यक्तियों को 3,50,000 का भुगतान किया गया और पीड़ित ने बाकी चुकाने के लिए कुछ और समय मांगा, लेकिन, आरोपी नहीं माने और उसका अपहरण कर लिया और पीड़ित के भाई से उसकी भलाई के लिए और पैसे की मांग की.

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