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JNU में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित हुआ वेबिनार, 3R से पर्यावरण के संरक्षण का मिला संदेश

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Published : Jun 6, 2021, 1:23 AM IST

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नेचर एंड वाइल्डलाइफ कल्चर कमेटी (Jawaharlal Nehru University Nature and Wildlife Culture Committee) और इंटर हॉल एडमिनिस्ट्रेशन (Inter Hall Administration) के द्वारा चिपको आंदोलन (Chipko Movement) का नेतृत्व करने वाले सुंदरलाल बहुगुणा (Sundar Lal Bahuguna) को समर्पित रिविजिटिंग चिपको आंदोलन इन कोविड-19 टाइम्स (Revisiting Chipko Andolan in Covid-19 Times) का आयोजन किया गया.

JNU में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित हुआ वेबिनार
JNU में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित हुआ वेबिनार

नई दिल्ली: विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नेचर एंड वाइल्डलाइफ कल्चर कमेटी (Jawaharlal Nehru University Nature and Wildlife Culture Committee) और इंटर हॉल एडमिनिस्ट्रेशन (Inter Hall Administration) के द्वारा चिपको आंदोलन (Chipko Movement) का नेतृत्व करने वाले सुंदरलाल बहुगुणा (Sundar Lal Bahuguna) को समर्पित रिविजिटिंग चिपको आंदोलन इन कोविड-19 टाइम्स (Revisiting Chipko Andolan in Covid-19 Times) का आयोजन किया गया.

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इस दौरान इकोसिस्टम रिफारेस्टेशन थीम पर चर्चा की गई. वहीं इस मौके पर अखिल भारतीय पर्यावरण संरक्षण संयोजक गोपाल आर्य ने ज़िंदगी के थ्री आर (3R) यानि रिसेट, रिडिफाइन और रीस्टार्ट (Reset, redefine and restart) लाइफ पर बात की और बताया कि कैसे पर्यावरण के प्रति सजग रहते हुए ज़िंदगी जी जा सकती है.


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वहीं विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार (JNU Vice Chancellor Professor M. Jagadesh Kumar) ने जेएनयू के युवा छात्रों की सराहना की जो प्रकृति के संरक्षण के लिए लगातार कार्यरत हैं. साथ ही उन्होंने भारत के प्रति अपनी चिंता भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है ऐसे में उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित किया कि वह कुछ ऐसे डिजाइन सोचे जो प्रकृति से सामंजस्य बिठाते हुए जीवन जीने में मदद करें. इस दौरान उन्होंने कार्बन के उत्सर्जन को कम करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों की भूमिका पर जोर दिया.

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वहीं इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय पर्यावरण संरक्षण संयोजक (All India Environment Conservation Coordinator) गोपाल आर्य ने पर्यावरण को लेकर अपने अनुभव साझा किए. साथ ही सबसे कम उम्र के पर्यावरणविद 12 वर्षीय आर्य छाबड़ा ने लगातार हो रहे क्लाइमेट चेंज पर चिंता जाहिर की. साथ ही कहां की है पता लगाने की जरूरत है कि पर्यावरण को जो क्षति पहुंची है उसे कैसे सुधारा जा सकता है.


वहीं जानी मानी पर्यावरणविद् नीता गांगुली (Environmentalist Neeta Ganguly) ने पर्यावरण को लेकर अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह पर्यावरण से हम अपना अपनी पकड़ खोते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें बाहर दुश्मन ढूंढने की जरूरत नहीं हम स्वयं ही अनेक रूपों में पर्यावरण की दुश्मन बनते जा रहे हैं.

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