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गाजियाबाद की उर्वा ओलंपिक्स में लाना चाहती हैं गोल्ड, एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में 3 मेडल जीतकर किया नाम रौशन

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 8, 2023, 4:32 PM IST

Updated : Nov 8, 2023, 5:12 PM IST

गाजियाबाद की रहने वाली उर्वा चौधरी ने परिवार के साथ-साथ पूरे देश का मान बढ़ाया है. उत्तर कोरिया में आयोजित एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में तीन मेडल जीते हैं. उर्वा 2024 में आयोजित ओलंपिक्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहती हैं. urva chaudhary of Ghaziabad, Asian shooting championship, Olympics 2024

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गाजियाबाद की उर्वा चौधरी ने जीता मेडल

नई दिल्ली: गाजियाबाद की उर्वा चौधरी ने पूरे देश का मान बढ़ाया है. उसने उत्तर कोरिया के चांगवान शहर में आयोजित एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में मिक्स टीम में गोल्ड, इंडिविजुअल में ब्रॉन्ज और टीम में सिल्वर मेडल हासिल किया है. गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन की रहने वाली उर्वा फिलहाल हेरिटेज अकादमी में 11वीं कक्षा की छात्रा हैं.

कोविड से पहले शुरू की थी प्रैक्टिस: उर्वा पढ़ाई और खेल के बीच बैलेंस बनाकर चलती हैं. पढ़ाई के साथ-साथ हर दिन तकरीबन तीन घंटे शूटिंग प्रैक्टिस में देती हैं. वह बताती हैं कि 2018 में उन्होंने शूटिंग की दुनिया में कदम रखा. बहन शूटिंग की प्रैक्टिस करने के लिए शूटिंग अकादमी जाती थी. अक्सर वह अपनी बड़ी बहन के साथ शूटिंग अकादमी जाया करती थी, जहां से उनकी शूटिंग में रुचि डेवलप होनी शुरू हुई.

गाजियाबाद की उर्वा चौधरी ने जीता मेडल
गाजियाबाद की उर्वा चौधरी ने जीता मेडल

कुछ वक्त शूटिंग की प्रैक्टिस की, लेकिन फिर कोविड के चलते शूटिंग अकादमी बंद हो गई. कोविड के बाद हालात सामान्य हुए और फिर उर्वा ने अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी. हर दिन तकरीबन तीन घंटे शूटिंग प्रैक्टिस करती हैं. इसके साथ-साथ वर्कआउट भी होता है. वह बताती हैं कि शुरुआत में पढ़ाई के साथ शूटिंग को मैनेज करने में परेशानी हुई लेकिन गुजरते वक्त के साथ समन्वय स्थापित करना आसान हो गया. अब पढ़ाई और शूटिंग दोनों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं.

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अब तक जीते कई गोल्ड मेडल: उर्वा बताती हैं कि कोविड के बाद उन्होंने प्री स्टेट प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया. प्री स्टेट और नेशनल लेवल पर भी कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. स्टेट और राष्ट्रीय स्तर पर कई गोल्ड मेडल जीते. इस के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं का सफर शुरू हुआ. यहां तक पहुंचने में उनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है. पापा प्रेक्टिस करने साथ में लेकर जाते हैं. साथ ही जहां पर भी प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है. वहां पर भी मेरे साथ रहते हैं. मेरे पापा मेरी सबसे बड़ी ताकत है.

उर्वा ने इस उम्र से ही अपना लक्ष्य तय कर लिया है. 2024 में आयोजित होने वाले ओलंपिक्स में वह भारत के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहती हैं. इसके लिए वह लगातार प्रैक्टिस कर रही हैं और अपनी शूटिंग को धार दे रही हैं. उर्वा के पिता विनय कुमार बताते हैं कि आज बहुत गर्व महसूस होता है कि हमारी बेटी दुनिया में देश का नाम रौशन कर रही है. हमारा शुरू से ही मन था कि वह जिस क्षेत्र में भी जाना चाहेगी हम उसमें हम पूरा सपोर्ट करेंगे.

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Last Updated :Nov 8, 2023, 5:12 PM IST
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