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17 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा, हेलिकॉप्टर-ड्रोन से से होगी सुरक्षा की निगरानी

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Published : Jul 8, 2019, 11:47 AM IST

कांवड़ यात्रा एक पर्व की तरह होती है. लाखों कांवड़ियों की सुरक्षा दांव पर लगी होती है, प्रशासन की ओर से इस बार यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

7 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा

नई दिल्ली/नोएडा: 17 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसके लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के अफसरों के साथ पहले ही कोऑर्डिनेशन मीटिंग कर ली गई है.

कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त किया जाएगा
कांवड़ियों की सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए हेलिकॉप्टर और ड्रोन के साथ ही स्नाइपरों की तैनाती की जाएगी. ये जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद पांडेय और डीजीपी ओपी सिंह ने दी है.

7 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा

भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के अफसरों के साथ इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन मीटिंग हुई थी. कांवड़ यात्रा सुखद और सुरक्षित हो इसके लिए 8000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. पूरे रास्ते पर निगरानी के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली जाएगी.

RAF, PAC के जवान भी होंगे तैनात
यूपी पुलिस के 8000 जवानों के अलावा,रैपिड एक्शन फोर्स,पीएसी के जवानों को भी तैनात किया जाएगा. सभी अफसर अलर्ट,मोबाइल और सेंसिटिव रहेंगे. वो डिजिटल इंफॉरमेशन भी शेयर करेंगे. आईबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से भी तालमेल बना रहेगा.


डीजीपी ने बताया कि आतंकी गतिविधियों पर भी सुरक्षा बलों की विशेष नजर रहेगी.इसके लिए एटीएस की तैनाती की जाएगी. दो स्पॉट टीम मेरठ- मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के बीच तैनात होगी.

रिस्पांस टाइम को कम करना उद्देश्य
साल-2017 में छोटी बड़ी 36 घटनाएं हुई थी. साल-2018 में सिर्फ 17 घटनाएं हुईं. इस बार कोशिश की जा रही है कि इस बार रिस्पांस टाइम पिछले बार के मुकाबले और कम हो.

Intro:Noida -- सावन के महीने में होने वाले काँवड़ यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के अफसरों के साथ पहले ही कोऑर्डिनेशन मीटिंग कर ली गई है। 17 जुलाई से शुरू होने वाले कांवड़ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जमीन से आसमान तक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बार कांवड़ियों की सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए हेलिकॉप्टर और ड्रोन के साथ ही स्नाइपरों की तैनाती की जाएगी। यह जानकारी इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में हुई प्रेस कान्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद पांडेय और डीजीपी ओपी सिंह ने दी।



Body:डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले दिल्ली, हरियाणा, राजस्थाना और उत्तराखंड के अफसरों के साथ इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन मीटिंग हुई थी। उनकी प्राथमिकता कांवड़ यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाना है। उन्होंने बताया कि कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए 8000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। पूरे रास्ते पर निगरानी के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली जाएगी। ड्रोन की भी तैनाती होगी, जिससग एरियल सर्विलांस हो सके। कांवड़ यात्रा के मार्ग पर सुरक्षा के मद्देनजर कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी। उनकी कोशिश है कि इस बार रिस्पांस टाइम पिछले बार के मुकाबले और कम हो। वर्ष-2017 में छोटी बड़ी 36 घटनाएं हुई थीं। वर्ष-2018 में सिर्फ 17 घटनाएं हुईं। उनकी कोशिश है कि इस वर्ष इसे और कम करने की कोशिश होगी। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली शराब और मीट की दुकानें बंद रहेंगी।
डीजीपी ने बताया कि आतंकी गतिविधियों पर भी सुरक्षा बलों की विशेष नजर रहेगी। इसके लिए एटीएस की तैनाती की जाएगी। दो स्पॉट टीम मेरठ व मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के बीच तैनात होगी। यह पूरी तरह से मोबाइल रहेगी। इस बार कांवड़ यात्रा और कांवड़ मेले को सुरक्षित बनाने के लिए स्पाइपर्स को भी तैनात किया जाएगा। पिछली बार चार स्थानों पर आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। कुछ जगहों पर देखा गया था कि भीड़ को रौंदने के लिए वाहनों के इस्तेमाल की कोशिश की गई थी। इसलिए इस ओर भी उनकी कड़ी नजर रहेगी। उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस के 8000 जवानों के अलावा, रैपिड एक्शन फोर्स, पीएसी के जवानों को भी तैनात किया जाएगा। सभी अफसर एलर्ट, मोबाइल और सेंसिटिव रहेंगे। वे डिजिटल इंफॉरमेशन भी शेयर करेंगे। आईबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से भी तालमेल बना रहेगा।

बाइट -- ओपी सिंह, डीजीपी यूपी

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद पांडेय ने बताया कि 17 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो रही है। उसी के साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। सावन के प्रत्येक सोमवार और 30 जुलाई को महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे। कांवड़ यात्रा के मद्देनजर रविवार को हुई बैठक में हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान के बड़े अफसर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि बैठक में कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें सड़कें, साफ-सफाई, बिजली, पानी, ट्रैफिक डायवर्जन के साथ ही चिकित्सा व्यवस्था की तैयारियों के बाबत भी चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पांच किलोमीटर पर डायल-100 और रिस्पॉस टीम तैनात रहेगी।

बाइट -- अनूप चंद पांडेय मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश

नेशनल हाइवे और पीडब्ल्यूडी के अफसरों के साथ ही स्थानीय निकाय के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मार्ग की टूटी सड़कों को विलंबतम 18 जुलाई तक ठीक कर लें। यात्रा के दौरान ट्रैफिक को किस तरह डायवर्ट किया जाए, जिससे आम लोगों को दिक्कतें न हों, उस पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सिंचाई विभाग के अफसरों से गंग नहर की पटरियों के दुरुस्तीकरण के बाबत भी समीक्षा की गई। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ भी चर्चा की गई कि कहां-कहां पर हेल्थ कैंप लगाए जाने हैं। एंबुलेंस की क्या व्यवस्था होगी और उनकी तैनात कहां होगी। बिजली विभाग को कहां कनेक्शन देने हैं। कहां बिजली के तार ढीले हैं, जिससे हादसे हो सकते हैं, उन्हें तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में नगर आयुक्तों के साथ भी सफाई और लाइटिंग पर चर्चा की गई।

बाइट -- अनूप चंद पांडेय मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश


Conclusion:मुख्य सचिव ने बताया कि मेले में तैनात होने वाले अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपना व्यवहार मधुर रखें। उन्होंने बताया कि उनका और सरकार का संकल्प है कि कुंभ मेले की तरह ही कांवड़ मेले को भी सफलता से संपन्न कराएंगे। इसमें सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जाएगी। बैठक में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थाना और उत्तराखंड के अफसरों के साथ एडीजी प्रशांत कुमार, मेरठ की कमिश्नर अनिता सी मेश्राम, उत्तराखंड के एडीजी एडीजी लॉ एंड आर्डर के अलावा उत्तर प्रदेश की समावर्ती इलाकों में तैनात अफसर मौजूद थे।
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