नई दिल्ली: आजादी दिवस नजदीक है. जगह-जगह लोग 15 अगस्त के दिन तिरंगा झंडा फहराएंगे. वहीं दूसरी तरफ आसमान में रंग बिरंगे पतंग भी उड़ाए जाएंगे. हालांकि, दिल्ली में पतंगबाजी अगस्त के पूरे माह चलती है. इस दौरान कई बार देखने को मिलता है कि पतंगबाजी के दौरान चाइनीज मांझा का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आसमान में उड़ने वाले पक्षी और सड़क पर चलने वाले लोग भी चपेट में आ जाते हैं. गत वर्षों में मांझा की चपेट में आने से कई बार लोग घायल हुए तो कुछ की मौत हो गई.
पतंग उड़ाने में ज्यादातर युवा और स्कूली छात्र होते हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग ने अपने सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को आगाह किया है कि वह पतंगबाजी करने के दौरान मांझा का इस्तेमाल न करे. इसके लिए शिक्षक छात्रों को बताएंगे कि पतंग उड़ाना है तो सूती धागे का इस्तेमाल करें. आइए जानते हैं शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में क्या कहा है?
मांझा पर प्रतिबंध के संबंध में जागरूकता पैदा करना
शिक्षा विभाग ने कहा कि पतंग उड़ाना छोटे बच्चों के बीच एक लोकप्रिय खेल है और यह हर साल अगस्त के महीने में स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले, उसके दौरान और उसके बाद गति पकड़ता है. हालांकि, प्लास्टिक, नायलॉन या इसी तरह की सिंथेटिक सामग्री से बने धागे, चीनी मांझा या कांच/धातु से बने मांझे का इस्तेमाल करने से मनुष्यों और पक्षियों को बहुत अधिक चोट लगती है. इन सभी के लिए यह समय घातक हो जाता है. इसके अलावा पतंग उड़ाने वाले ऐसे धागे नॉन-बायोडिग्रेडेबल होने के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. इनके परिणामस्वरूप कभी-कभी मांझा बिजली लाइनों में जाने से उपभोक्ताओं को बिजली बाधित होती है, तनाव होता है और नुकसान होता है. कई बार करंट भी लग जाता है.
क्या मिला है निर्देश
शिक्षा विभाग ने सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे स्कूल के छात्रों के बीच जागरूकता अभियान चलाएं और यह सुनिश्चित करें कि पतंगबाजी केवल सूती धागे से की जाए, जो किसी भी तेज/धातु/कांच के घटकों/चिपकने वाले/धागे को मजबूत करने वाली सामग्री से मुक्त हो.
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