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PMC बैंक के टेकओवर के लिए स्मॉल फाइनेंस बैंक का गठन करेगा रिजर्व बैंक

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Published : Jul 12, 2021, 3:13 PM IST

PMC बैंक
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PMC बैंक को टेकओवर करने के लिए रिजर्व बैंक ने स्मॉल फाइनेंस बैंक का गठन करने की अनुमति दे दी है. रिजर्व बैंक ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि PMC बैंक को टेकओवर करने वाली सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (CFSL) को इसकी अनुमति दी है.

नई दिल्ली : PMC बैंक को टेकओवर करने के लिए रिजर्व बैंक ने स्मॉल फाइनेंस बैंक का गठन करने की अनुमति दे दी है. रिजर्व बैंक ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि उसने सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (CFSL) को इसकी अनुमति दी है जो कि PMC बैंक का टेकओवर करेगा. रिजर्व बैंक की इस दलील के बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई अगस्त में करने के आदेश दिए.




रिजर्व बैंक की ओर से वकील जयंत मेहता ने ये जानकारी हाई कोर्ट को दी. RBI ने ये हलफनामा PMC बैंक के खाताधारकों को पांच लाख रुपये तक की निकासी की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने PMC बैंक को निर्देश दिया था कि वे मेडिकल और एजुकेशनल इमरजेंसी के लिए पैसे निकालने के लिए खाताधारकों के आवेदनों पर नए सिरे से विचार करें. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वे उन खाताधारकों की सूची बैंक को दें जिन्हें मेडिकल और एजुकेशनल इमरजेंसी के लिए पैसे की जरूरत हो.

सुनवाई के दौरान रिजर्व बैंक ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि उसके दिशानिर्देश में एजुकेशनल इमरजेंसी का कोई जिक्र नहीं है. 1 दिसंबर 2020 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि यह सामान्य याचिका नहीं है. हमें बैंक और निवेशक दोनों के हितों का ध्यान रखना होगा. कोर्ट ने रिजर्व बैंक को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने आपात स्थिति में पांच लाख रुपये निकालने का मामला PMC बैंक पर ही छोड़ दिया था.


याचिकाकर्ता बिजॉन कुमार मिश्रा की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा है कि कोरोना संकट की वजह से सभी खाताधारक अपनी जमा-पूंजी के भरोसे ही हैं. उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा, शादी और दूसरी जरूरतें पूरी करनी हैं. ऐसे में PMC खाताधारकों को ऐसी किसी भी आपातस्थिति में धन निकासी की अनुमति दी जाए. पिछली 21 जुलाई को कोर्ट ने PMC बैंक, रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.

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निवेशकों ने हाईकोर्ट के पहले के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने जरूरी काम के लिए पैसे निकालने की इजाजत दी थी. बैंक के कुछ खाताधारकों ने अपनी समस्याओं का हवाला दिया था. PMC बैंक के रवैये से देश के बैंकिंग सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. देश भर में फैले PMC की ब्रांचों के रख-रखाव पर करीब आठ करोड़ रुपये का बेजा खर्च होता है.


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दिल्ली हाई कोर्ट ने इसके पहले रिजर्व बैंक और PMC बैंक को कोरोना के संकट के दौरान खाताधारकों की जरूरतों का ध्यान रखने का निर्देश दिया था. सितंबर 2019 में रिजर्व बैंक ने PMC बैंक के कामकाज पर प्रतिबंध लगाते हुए बैंक से 40 हजार रुपये की निकासी की सीमा तय की थी. PMC बैंक ने HDIL नामक कंपनी को अपने लोन की कुल रकम का करीब तीन चौथाई लोन दे दिया था. HDIL का ये लोन NPA होने की वजह से बैंक अपने खाताधारकों को पैसे देने में असमर्थ हो गया.

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