Poster War in Delhi Politics: BJP और AAP में छिड़ी एक-दूसरे को पछाड़ने की जंग, जानें क्या कहता है नियम
Published: Mar 23, 2023, 7:02 PM


Poster War in Delhi Politics: BJP और AAP में छिड़ी एक-दूसरे को पछाड़ने की जंग, जानें क्या कहता है नियम
Published: Mar 23, 2023, 7:02 PM

राजधानी दिल्ली में प्रदेश की राजनीति में पोस्टर वॉर छिड़ गया है. बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ पोस्टर छपा था. वहीं उसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पोस्टर जगह-जगह चिपकाए गए. हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब पोस्टर के जरिए विरोध जताया गया है. आइए जानते हैं पोस्टर को लेकर कब-कब विरोध हुआ था? वहीं पोस्टर को लेकर नियम क्या कहता है?
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ महीने से आम आदमी पार्टी और भाजपा में जमकर पोस्टर वार चल रहा है. शराब घोटाले और मनी लांड्रिंग के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी को लेकर दोनों पार्टियों में खूब पोस्टर वार हुआ था. लेकिन अब नया मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए आपत्तिजनक पोस्टर को लेकर है. दिल्ली नगर निगम में मेयर और स्थाई समिति के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान भी दोनों पार्टियों के बीच ऐसा ही घमासान हो रहा था. अब आम आदमी पार्टी के ऊपर मोदी हटाओ देश बचाओ जैसे नारे लिखे हुए पोस्टर लगाने का आरोप लगा है. इस मामले में पुलिस अब तक 136 एफआईआर दर्ज कर 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने गुरुवार से जंतर-मंतर पर भाजपा के खिलाफ नया अभियान छेड़ दिया है.
एमसीडी के मेयर चुनाव से शुरू हुआ था पोस्टर वारः दिल्ली नगर निगम में मेयर के चुनाव से दोनों पार्टियों के बीच शुरू हुआ पोस्टर वार अभी तक जारी है. समय के साथ दोनों दलों के मुद्दे बदल रहे हैं, लेकिन पोस्टर वार लगातार जारी है. एमसीडी चुनाव में बहुमत पाने के बावजूद आम आदमी पार्टी को अपना मेयर बनाने में भाजपा के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था. दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए थे.
यह आरोप कहीं पोस्टर से तो कहीं ट्विटर पर छिड़ी जंग के रूप में नजर आए थे. इसके बाद शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया. फिर तो यह जंग चरम पर पहुंच गई. बाद में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने भी मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया. इस दौरान उनके समर्थकों का प्रदर्शन भी जारी रहा.
स्कूली बच्चों को भी कर दिया शामिलः मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद स्कूली बच्चों ने आई लव मनीष सिसोदिया अभियान चला दिया. भाजपा का दावा है कि आम आदमी पार्टी ने सरकारी स्कूल के शिक्षकों के स्कूलों पर दबाव डालकर या अभियान चलाया था. सूत्रों का कहना है कि बच्चों को फेल करने की धमकी देकर उन्हें अभियान में शामिल किया गया था.
भाजपा का दावा है कि आम आदमी पार्टी ने इमोशनल कार्ड खेला और सिसोदिया को बचाने के लिए स्कूली बच्चों का इस्तेमाल किया. इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने भी सख्त कदम उठाते हुए आम आदमी पार्टी समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया और पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. वहींं सोशल मीडिया पर तरह-तरह की मीन बनाकर इस अभियान का मखौल उड़ाया गया.
अब मोदी को बनाया निशानाः पिछले दिनों राजधानी के कई इलाकों में मोदी हटाओ देश बचाओ के नारे वाले पोस्टर लगाए गए थे. पुलिस ने प्रॉपर्टी एक्ट और प्रिंटिंग प्रेस एक्ट के तहत 138 मामले दर्ज कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने एक वैन को इंटरसेप्ट किया था जिसकी जांच के बाद पता चला कि यह पोस्टर आम आदमी पार्टी कार्यालय से आए थे.
हालांकि, इन पोस्टरों पर न तो छपवाने वाले का नाम था और न ही उस प्रिंटिंग प्रेस का नाम था जहां पर इन्हें छपवाया गया था. इसलिए पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए जहांगीरपुरी निवासी पप्पू समेत पांच और लोगों को गिरफ्तार किया था.
पोस्टर संबंधी यह हैं नियमः सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता जूही अरोड़ा ने बताया कि प्रेस रेगुलेशन एक्ट के तहत यदि कोई व्यक्ति कोई पोस्टर छपवाता है या उसे कहीं लगवाता है तो उस पर उसकी और संबंधित प्रिंटिंग प्रेस के बारे में जानकारी होना आवश्यक है. गुमनाम तरीके से पोस्टर छापना, छपवाना या लगवाना अपराध की श्रेणी में आता है. कोई व्यक्ति यदि ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो कानून के तहत उसे 6 माह या उससे अधिक की सजा हो सकती है. उस पर अर्थदंड भी लगाया जा सकता है. जिस प्रिंटिंग प्रेस में ऐसे गुमनाम पोस्टर छापे गए हैं उससे संबंधित मालिक व मुद्रक पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
