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इंसान ही नहीं चिड़ियाघर के वन्यजीव भी रखते हैं एक दिन का उपवास, जानिए क्या है वजह

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Published : Feb 17, 2023, 3:40 PM IST

दिल्ली चिड़ियाघर की निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि हर शुक्रवार को जू के वन्यजीव खाना नहीं खाते हैं. दिल्ली जू में 90 प्रजाति के करीब छोटे से लेकर बड़े करीब 1100 वन्यजीव सप्ताह के हर शुक्रवार को उपवास पर रहते हैं. एक दिन का उपवास करने से शरीर तंदुरुस्त होने के साथ पाचन तंत्र मजबूत होता है. साथ ही शरीर अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार होता है.

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नई दिल्ली: आपने अक्सर लोगों को देखा होगा कि वे अपने शरीर को फिट रखने के लिए विभिन्न प्रकार के डाइट को फॉलो करते हैं. साथ ही सप्ताह में एक दिन उपवास भी करते हैं. लेकिन कभी आपने यह सुना है कि इंसान तो इंसान वन्यजीव भी उपवास पर रखते हैं. जी हां. दिल्ली स्थित चिड़ियाघर में वन्यजीव उपवास करते हैं. सुनकर आपको हैरानी जरूर हुई होगी, लेकिन यह बात बिल्कुल सच है. हाथी, बाघ, तेंदुआ, शेर, बंदर सहित यहां बड़े से लेकर छोटी प्रजाति के वन्यजीव सप्ताह में एक दिन खाना नहीं खाते हैं. उन्हें जू की ओर से खाना नहीं दिया जाता है. हालांकि, अगर कोई वन्य जीव अगर बीमार रहता है तो उसके लिए बाहर से स्पेशल तौर पर खाना मुहैया कराया जाता है और उपवास तोड़ा जाता है.

दिल्ली चिड़ियाघर की निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि एक दिन का उपवास करने से शरीर तंदुरुस्त होने के साथ पाचन तंत्र मजबूत होता है. साथ ही शरीर अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार होता है. उन्होंने बताया कि हर शुक्रवार को जू के वन्यजीव खाना नहीं खाते हैं. दिल्ली जू में 90 प्रजाति के करीब छोटे से लेकर बड़े करीब 1100 वन्यजीव सप्ताह के हर शुक्रवार को उपवास पर रहते हैं. शुक्रवार को दिल्ली जू बंद रहता है. सारे कर्मचारी छुट्टी पर रहते हैं, जिसके चलते जू के वन्य जीव भी उपवास करते हैं. आकांक्षा महाजन ने बताया कि अगर कोई वन्य जीव बीमार रहता है तो उसके लिए उपवास करने की प्रथा को तोड़ते हुए उनके लिए बाहर से खाना मंगाया जाता है साथ ही उसका अन्य दिनों की तरह ही ख्याल रखा जाता है.

200 किलो मीट और फ्रेश फ्रूट खाते हैं वन्यजीव
चिड़ियाघर में गाजीपुर मंडी से बड़े प्रजाति के वन्यजीवों के लिए भैंस का करीब 200 किलो मीट रोजाना आता है. अभी सर्दी का मौसम है और इसमें शेर, बाघ, तेंदुआ सहित अन्य बड़ी प्रजाति के वन्यजीवों को 10 से 12 किलो मीट खाने के लिए दिया जाता है. इसके अलावा शाकाहारी वन्यजीवों के लिए ताजे फल मंगवाए जाते हैं. वहीं चिड़ियाघर में हिमालय रेंज से आए पक्षियों के लिए तालाब में मछली दी जाती है. सुबह के समय जू कीपर द्वारा खाना परोसा जाता है. खाना खाने के बाद उन्हें स्नान कराया जाता है, जिसके बाद वे अपने बाड़े में टहलने के लिए निकलते हैं.

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