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आरोपी को दोषी की तरह दिखाना गलत- दिल्ली हिंसा पर सुनवाई के दौरान HC की टिप्पणी

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Published : Mar 2, 2021, 10:08 PM IST

दिल्ली दंगों पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने चार्जशीट लीक होने के ट्रेंड पर सुनवाई करते हुए कहा कि चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी और दोषी में फर्क होता है. कोर्ट ने कहा कि यह हर आरोपी का मौलिक अधिकार है कि उसे अपने बचाव का मौका मिले.

कड़कड़डूमा कोर्ट
कड़कड़डूमा कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के 18 आरोपियों की खिलाफ दायर तीसरे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो जा रही है.



'परेशान करने वाला है चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड'
कोर्ट ने कहा कि संज्ञान लेने के पहले चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला है. मीडिया की रिपोर्टिंग खासकर सोशल मीडिया पर हमेशा इसकी चर्चा होती रहती है. कोर्ट ने कहा कि मीडिया खबरों को कवर करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए.

आरोपी को दोषी की तरह दिखाना गलत- HC
कोर्ट ने कहा कि आरोपी और दोषी में फर्क होता है. कोर्ट ने कहा कि यह हर आरोपी का मौलिक अधिकार है कि उसे अपने बचाव का मौका मिले. मीडिया कवरेज के लिए दिशानिर्देश जारी करना संभव नहीं है, लेकिन रिपोर्टिंग करते समय एक डिस्क्लेमर जरुर होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि पुलिस को पूरे तरीके से पक्षपाती बताना या आरोपी को दोषी की तरह दिखाना न्याय प्रणाली के लिए स्वस्थ संकेत नहीं हैं.


चार्जशीट सौंपने का आदेश
कोर्ट ने तीसरी पूरक चार्जशीट की कॉपी सभी आरोपियों को पेनड्राईव में सौंपने का निर्देश दिया. एक आरोपी आसिफ इकबाल तान्हा के साथ किए जा रहे बुरे बर्ताव के आरोपों के मामले पर तिहाड़ जेल प्रशासन से मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.


मीडिया ट्रायल का आरोप
सुनवाई के दौरान आरोपी उमर खालिद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट को शिकायत की कि कुछ मीडिया संस्थान मीडिया ट्रायल कर रहे हैं. उमर खालिद ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद उसके खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है. उसे दोषी की तरह पेश किया जा रहा है. उमर खालिद ने कहा कि आसिफ इकबाल, नताशा नरवाल, मैं, देवांगन कलीता और दूसरे आरोपियों के नाम हेडलाइंस में छापकर दिल्ली दंगों का बड़ा गुनाहगार बताया जा रहा है. हम बिना मौका मिले उन आरोपों का खंडन कैसे कर पाएंगे.


चार्जशीट कोर्ट में आने से पहले मीडिया में आ जाती है
सुनवाई के दौरान एक आरोपी खालिद सैफी ने कहा कि मुझे अभी तक नहीं मालूम कि मेरे खिलाफ आरोप क्या हैं. पुलिस कहती है कि मैं प्रदर्शन में शामिल था. वे मुझे आतंकी बताते हैं. पुलिस की चार्जशीट कोर्ट में आने से पहले मीडिया में जाती है. जब मीडिया में छप जाती है तो वे कोर्ट में आते हैं. इस पूरी प्रक्रिया पर विराम लगना चाहिए.


पुलिस पर लीक करने का आरोप
देवांगन कलीता और नताशा नरवाल की ओर से पेश वकील अदीत एस पुजारी ने कहा कि उन्हें चार्जशीट की कॉपी मिलनी चाहिए. तब जज ने पूछा कि क्या संज्ञान लेने के पहले दस्तावेज दिए जा सकते हैं. तब पुजारी ने कहा कि टीवी चैनल और अखबार चार्जशीट को उद्धृत करते हुए खबरें चला रहे हैं. तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि चार्जशीट मीडिया में लीक नहीं होना चाहिए. तब पुजारी ने कहा कि पुलिस ही लीक कर रही है.


कोर्ट में वीडियो प्ले किया गया
पिछले एक मार्च को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से वकील अमित प्रसाद ने एक वीडियो प्ले किया था. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों को हटाया गया था और उनका कनेक्शन काट दिया गया. उन्होंने चांद बाग के 33 सीसीटीवी कैमरों के लोकेशन के मैप दिखाया. तब कोर्ट ने कहा था कि क्या आप जो वीडियो दिखा रहे हैं वो चार्जशीट में हैं. कोर्ट ने अमित प्रसाद से पूछा कि क्या आपने इसकी अनुमति ली है. अमित प्रसाद ने कोर्ट को ग्राफिक्स के जरिये भीड़ के मूवमेंट के बारे में बताया.


सीसीटीवी तोड़ने वालों की हुई पहचान
पिछले 25 फरवरी को स्पेशल सेल ने तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. तीसरी पूरक चार्जशीट में फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाया गया है. चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई. दंगों की साजिश रचने वालों ने एक साजिश तहत दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे. सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है. इन दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. इन 18 में से एक आरोपी सफूरा जरगर के अलावा सभी आरोपी जेल में बंद हैं. सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.

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यूएपीए में चार्जशीट पर संज्ञान ले चुका है कोर्ट
बता दें कि 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

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