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दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर कड़कड़डूमा कोर्ट में आज सुनवाई

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Published : Sep 6, 2021, 6:34 AM IST

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट आज दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. बीते सुनवाई के दौरान उमर के वकील ने कहा था कि उसके खिलाफ चार्जशीट अमेजन प्राईम शो फैमिली मैन की स्क्रिप्ट की तरह है.

दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद
दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर आज सुनवाई करेगी. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत मामले की सुनवाई करेंगे.



पिछले 3 सितंबर को सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश त्रिदिप पायस ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि दिल्ली हिंसा को लेकर उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट न्यूज चैनलों के रात नौ बजे के न्यूज स्क्रिप्ट की तरह है. पायस ने कहा था कि यूएपीए के मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पूरा चार्जशीट अमेजन प्राईम शो फैमिली मैन के स्क्रिप्ट की तरह लगता है. पुलिस को समझना चाहिए कि वो चार्जशीट लिख रहे हैं न कि फैमिली मैन की स्क्रिप्ट.

उन्होंने कहा कि चार्जशीट में आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं है. पायस ने कहा था कि चार्जशीट जांच अधिकारी की कल्पना का नतीजा है. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद की ओर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक बताने की कोशिश की गई.

पिछले 23 अगस्त को सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदिप पायस ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ 6 मार्च 2020 को FIR दर्ज की गई और गिरफ्तारी 13 सितंबर 2020 को हुई. दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद की ये पहली गिरफ्तारी थी. इस मामले में उमर खालिद से पहली पूछताछ 30 जुलाई 2020 को हुई. जब भी उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया वो बिना देरी किए पहुंचा. खालिद पूछताछ के लिए गुवाहाटी से दिल्ली आया.

उमर खालिद नोटिस पर आया था, जब उसे गिरफ्तार किया गया. उसे कहीं से गिरफ्तार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि उमर खालिद को दूसरे FIR नंबर 101 में 1 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया. उस मामले में उसे जमानत मिल चुकी है.

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पायस ने कोर्ट को खालिद के अमरावती वाले भाषण को दिखाया. उन्होंने वीडियो दिखाने के बाद कहा कि वीडियो इसलिए दिखाना पड़ा क्योंकि इससे साफ हो सके कि आरोप राजद्रोह के लायक नहीं हैं. आयोजकों ने उमर खालिद को बुलाया था, जिसमें रिटायर्ड आईपीएस अफसर भी आमंत्रित थे. पायस की दलीलें जब लंबी चलीं तो कोर्ट ने कहा कि हमें इस केस की सुनवाई रोकनी होगी, क्योंकि कई मामलों पर आदेश पारित करना है. कोर्ट ने पायस से पूछा कि आपको और कितना समय चाहिए तो पायस ने कहा कि एक घंटे. उसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 3 और 6 सितंबर को करने के आदेश दिये.

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पिछले 27 जुलाई दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपना जवाब दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान त्रिदिप पेस ने इस जवाब को पढ़ने के लिए समय देने की मांग की. पिछले 15 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.

बता दें कि क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 100 पेजों की चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी औऱ ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की. इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए. इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है. चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे.

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उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात में गिरफ्तार कर लिया था. 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पन्नों का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंची थी.

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