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जामा मस्जिद में अकेली लड़की के प्रवेश पर रोक के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग ने भेजा नोटिस

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Published : Nov 24, 2022, 2:17 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 4:10 PM IST

जामा मस्जिद में अकेली लड़कियों के प्रवेश पर रोक के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग (Delhi Women Commission) ने नोटिस भेजा है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Dcw swati maliwal) ने लड़कियों का प्रवेश रोकने के फैसले को बिलकुल गलत बताया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने जामा मस्जिद में अकेली लड़कियों का प्रवेश रोकने के फैसले को बिलकुल गलत बताया है. मालीवाल ने कहा है कि जितना हक एक पुरुष को इबादत का है उतना ही एक महिला को भी है. वे जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हैं, इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली ही नहीं पूरे देश में जाने जाने वाली जामा मस्जिद में अकेले लड़कियों के देखने (alone in jama masjid) जाने पर रोक लगा दी गई है. अब लड़कियों के अकेले जामा मस्जिद घूमने और आने पर पाबंदी रहेगी. जामा मस्जिद प्रशासन ने इस बारे में मस्जिद की दीवार पर नोटिस चस्पा कर दिया है. नोटिस के संबंध में अधिकारियों से बात करने की कोशिश का कोई परिणाम नहीं निकल रहा है.

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने शाही इमाम को भेजे अपने नोटिस में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने की कड़ी सिफारिश की है. आयोग ने जामा मस्जिद में 'बिना पुरुष साथियों के' महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाने का कारण पूछा है.

आयोग ने महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के विवरण के साथ साथ किसी मीटिंग में निर्णय लिए जाने की स्थिति में मीटिंग की कार्यवाही की प्रति मांगी है. इसके अलावा आयोग ने प्रतिबंध को हटाने के लिए अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जानकारी मांगी है. आयोग ने शाही इमाम से 28 नवंबर तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है.

शाही इमाम बुखारी ने कहा, मस्जिद में महिलाओं के नमाज की मनाही नहीं : जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने साफ किया है कि नमाज पढ़ने के लिए आने वाली महिलाओं को नहीं रोका जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि लड़कियां अपने प्रेमी के साथ मस्जिद में आती हैं. इसलिए ऐसी लड़कियों की एंट्री बैन की गई है. शाही इमाम ने कहा कि अगर कोई महिला जामा मस्जिद आना चाहती है तो उसे परिवार या पति के साथ आना होगा. अगर नमाज पढ़ने के खातिर आती है तो उसे नहीं रोका जाएगा.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल

मुगलकालीन है मस्जिद: दिल्ली की जामा मस्जिद को मुगलकालीन बताया जाता है. इस दौरान मध्य पूर्व के बुखारा इलाके के एक इमाम को लाकर इबादत के लिए रखा गया था. उन्हें शाही इमाम की पदवी दी गई थी. शाही इमाम बुखारी उसी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निर्देशन में जामा मस्जिद का प्रबंधन चलता है.

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Last Updated :Nov 24, 2022, 4:10 PM IST
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