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29 अक्टूबर तक सुरक्षा को लेकर अपने सुझाव दाखिल कर दें बार एसोसिएशंस: हाई कोर्ट

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Published : Oct 25, 2021, 2:38 PM IST

हाई कोर्ट
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दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा को लेकर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी बार एसोसिएशंस को निर्देश दिया है कि वे 29 अक्टूबर को तक अपने सुझाव दाखिल कर दें.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की सभी निचली अदालतों में पर्याप्त सुरक्षा के मामले पर सुनवाई करते हुए निचली अदालतों की सभी बार एसोसिएशंस को निर्देश दिया है कि वे 29 अक्टूबर तक अपने सुझाव दाखिल कर दें. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि 29 अक्टूबर के बाद किसी को अपने सुझाव दाखिल करने का मौका नहीं दिया जाएगा.



सोमवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से ASG चेतन शर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं. 30 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में फायरिंग के मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली की सभी निचली अदालतों में पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती की जरूरत है.

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, केंद्र और दिल्ली सरकार और दिल्ली के सभी बार एसोसिएशनों को नोटिस जारी कर सुझाव मांगा था. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुझाव देने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि ये गंभीर मसला है और इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.

चीफ जस्टिस ने कहा कि वकीलों की जब चेकिंग की जाती है तो हमेशा विरोध होता है. ये विरोध इसलिए नहीं कि वे नहीं चाहते कि उनकी चेकिंग हो बल्कि सभी जल्दबाजी में रहते हैं. इसलिए इस मसले पर भी विचार करने की जरूरत है. कोर्ट परिसरों में पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती की जरूरत है. पर्याप्त संख्या में CCTV कैमरे लगाए जाएं जो 24 घंटे चालू रहें.

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कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट समेत सभी कोर्ट परिसरों में फुलप्रूफ सुरक्षा की जरूरत है. हाईटेक मेटल डिटेक्टर और बैगेज स्कैनर लगाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा था कि अंडर व्हीकल सर्विलांस सिस्टम्स (UVSS) की जरूरत है और कोर्ट में तैनात पुलिसकर्मियों की उचित ट्रेनिंग की जरूरत है. कोर्ट ने सभी पक्षों को अपने सुझाव दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सभी सुझाव दिल्ली पुलिस कमिश्नर से भी साझे किए जाएं.

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सुनवाई के दौरान दिल्ली बार काउंसिल की ओर से वकील अजयेंद्र सांगवान ने कहा था कि दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा सुप्रीम कोर्ट की तरह ही होनी चाहिए. बता दें कि 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट रूम में फायरिंग हुई, जिसमें गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की मौके पर मौत हो गई थी. रोहिणी कोर्ट के कोर्ट नंबर 207 में एडिशनल सेशंस जज गगनदीप सिंह की कोर्ट में ये घटना घटी. वकील की वर्दी में आए दो लोगों ने गैंगस्टर जितेंद्र गोगी पर गोली चलाई. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की फायरिंग में दोनों हमलवार भी मारे गए.

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