नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) छात्रसंघ चुनाव को लेकर अंतिम दौर के प्रचार में वो सब कुछ देखने को मिला, जो राजनीति में अमूमन हर जगह दिखता है. राजनेताओं के अलावा इसमें सेलिब्रिटी व अराजक तत्व भी शामिल हो गए हैं. यानी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव सेलिब्रिटी और अपराधियों का काकटेल बन गया है.
कई अवसरों पर हंगामा और मारपीट हुई तो कई अवसरों पर बड़े चेहरे भी वोट मांगते दिखे. चर्चित महिला पहलवान साक्षी मलिक एनएसयूआई के कैंडिडेट के लिए वोट मांग रही हैं. पूर्व बॉक्सर विजेंदर सिंह NSUI कैंडिडेट के लिए वोट मांग रहे हैं. पंजाबी फिल्म अभिनेत्री सोनिया मान एनएसयूआई कैंडिडेट के लिए वोट मांग रही हैं. दूसरी तरफ भाजपा सांसद रवि किशन एबीवीपी कैंडिडेट के समर्थन में बीते दिनों एक कार्यक्रम में दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे थे. उन्होंने एबीवीपी के समर्थन में छात्रों से वोट देने की अपील की थी.
लोकसभा चुनाव से पहले नाक की लड़ाईः तीन साल बाद डीयू में हो रहे छात्र संघ चुनाव में छात्र हित मुद्दे के अलावा यह चुनाव एनएसयूआई और एबीवीपी के लिए नाक की लड़ाई है. एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया पहले ही कह चुके हैं कि यह चुनाव एनएसयूआई के लिए चुनौती है और इस चुनौती को वह पार करेंगे. इस चुनाव का परिणाम लोकसभा चुनाव में इंपैक्ट डालने का काम करेगा. भाजपा के लिए भी यह चुनाव बेहद ही जरूरी है. एबीवीपी की अगर इस चुनाव में जीत हुई तो संगठन को यह करने का मौका मिल जाएगा कि युवाओं का रुझान आज भी भाजपा के साथ है.
सेलिब्रिटीज ने किसके समर्थन में मांगा वोटः पूर्व बॉक्सर विजेंदर सिंह ने एनएसयूआई के उपाध्यक्ष अभि दहिया के समर्थन में वोट मांगते हुए कहा कि वह डीयू में चुनाव लड़ रहे अभि को आप सभी अपना समर्थन दे, तो पहलवान साक्षी मलिक ने अभि दहिया और अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया के समर्थन में वोट मांग. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के अलावा हमारे प्रदर्शन में इन्होंने साथ दिया. 22 सितंबर को इन्हें वोट करें. एबीवीपी के कैंडिडेट के समर्थन में भाजपा सांसद मनोज तिवारी और रवि किशन भी कॉलेज पहुंचकर वोट की अपील कर चुके हैं.
डूसू चुनाव में गुंडागर्दीः डूसू चुनाव प्रचार के दौरान गुंडागर्दी भी देखने को मिली. एबीवीपी ने एनएसयूआई पर आरोप लगाया कि एनएसयूआई की डीयू में गुंडागर्दी चरम पर है. मिरांडा हाउस में जबर्दस्ती गुंडे घुसे. एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा कि "कोड आफ कंडक्ट के अनुसार जितनी संख्या में प्रत्याशी के साथ लोगों को जाने की अनुमति है, उससे कई गुना अधिक छात्र वहां घुसे तथा छात्राओं के साथ बदसलूकी की. एनएसयूआई के पुरुष कार्यकर्ता मिरांडा हाउस में उस गेट से घुसे, जहां से केवल लड़कियों को ही जाने की अनुमति है. मिरांडा हाउस में चुनाव प्रचार के नाम पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित एनएसयूआई के गुंडे जबर्दस्ती घुस गए."
उन्होंने कहा कि इस मामले में वह पुलिस थाने में शिकायत देंगे.एनएसयूआई के मीडिया विभाग की तरफ से बयान दिया गया कि ABVP की कार्यशैली को देखा जाए तो उसका पूरा नाम अखिल भारतीय Violence परिषद होना चाहिए. NSUI ने कहा कि प्रोफेसर सभरवाल की हत्या करने का इतिहास रखने वाली ABVP देशभर में कैंपस हिंसा फ़ैलाने के लिए जानी जाती है. ये लोग कभी भाईचारे, सद्भाव और शांतिपूर्ण माहौल की बात करते नहीं मिलेंगे. एबीवीपी के गुंडों ने हमारे कैंडिडेट हितेश गुलिया पर हमला किया. गाड़ी पर हमला किया.
यूपी हरियाणा की गाड़ियां बड़ी संख्या में इस प्रचार में दिख रही हैं. डूसू चुनाव में प्रचार के दौरान डीयू के कॉलेज में बड़ी-बड़ी और मंहगी गाड़ियों का काफिला देखने को मिल रहा है. बीते दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय में जो हंगामा हुआ, उसमें पुलिस ने जितनी गाडियां जब्त कीं, उसमें अधिकतर यूपी और हरियाणा की हैं.
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