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163 Crore Recovery From Kejriwal: AAP पार्टी से करोड़ों की रिकवरी के लिए अदालत में चली थी लंबी लड़ाई

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Published : Jan 12, 2023, 6:10 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 6:49 PM IST

आम आदमी पार्टी के संयोजक से विज्ञापन के नाम पर किए गए 163.6 करोड़ रुपये के खर्च की रकम की वसूली पर विपक्ष ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) पर हमला बोला है. सिसोदिया ने इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी थी. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सिसोदिया पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है.

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का सिसोदिया पर लगाए आरोप
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का सिसोदिया पर लगाए आरोप

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का सिसोदिया पर लगाए आरोप

नई दिल्लीः पार्टी के विज्ञापन के एवज में आम आदमी पार्टी के संयोजक के नाम 163.6 करोड़ रुपये की रिकवरी नोटिस पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों पर निशाना भी साधा है. इस पर बीजेपी भी हमलावर हो गई है. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक बार फिर झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के संयोजक के नाम पर सूचना एवं प्रसार निदेशालय ने कोर्ट के आदेश पर विज्ञापनों पर किए गए 163.6 करोड़ रुपए खर्च की वसूली का आदेश जारी किया है. इसमें बीजेपी या दिल्ली की अफसरशाही को कुछ लेना-देना नहीं है.

कपिल मिश्रा का कहना है कि निदेशालय के नोटिस के बारे में मनीष सिसोदिया ने मीडिया से झूठ बोला है. नोटिस सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के उल्लंघन के कारण भेजा गया है. सरकार के पैसों से आम आदमी पार्टी अपना प्रचार करते पकड़ी गई है. सिसोदिया शरारतपूर्ण तरीके से इस मामले को दिल्ली के अफसरों पर नियंत्रण के मामले से जोड़ रहे हैं.

विपक्ष का सिसोदिया पर हमलाः विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी आरोप लगाया है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जान-बूझकर इन सारे तथ्यों को छिपा रहे हैं और जनता को भ्रम में डालने की कोशिश कर रहे हैं. इस पर इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सच्चाई यह है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाने के बाद जनता के खून पसीने की कमाई को जिस तरह से विज्ञापन में उड़ाया, उसी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित समिति ने ही दिल्ली सरकार से कहा कि यह राशि आम आदमी पार्टी से वसूल की जाए. इस आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुकी है, लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली. इसीलिए अब इस वसूली का आदेश दिया गया है.

पार्टी से रिकवरी के लिए अदालत में चली थी लंबी लड़ाईः 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों के विज्ञापनों की सामग्री को लेकर गाइडलाइन बनाने के लिए एक समिति के गठन के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गठित इस समिति ने 17 सितंबर 2016 को यह निर्णय दिया था कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के नियमों का खुला उल्लंघन कर रही है. समिति ने पाया था कि दिल्ली सरकार वास्तव में आम आदमी पार्टी के प्रचार पर सारा खर्च कर रही है. दिल्ली सरकार के खर्चे पर उन राज्यों में विज्ञापन दिए गए हैं, जहां आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है.

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2017 में 97 करोड़ वसूली के दिए थे आदेशः समिति का कहना था कि यह राशि आम आदमी पार्टी से वसूल की जाए. इस समिति ने कहा था कि 97 करोड़ रुपए की राशि आम आदमी पार्टी से वसूल की जाए. दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल ने 29 मार्च 2017 को दिल्ली सरकार से कहा था कि वह 97 करोड़ रुपए आम आदमी पार्टी से वसूल करें. 2020 में भी इस राशि की वसूली के लिए पत्र लिखे गए थे. आम आदमी पार्टी ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली थी. इसके बाद यह मामला लगातार लंबित चल रहा था.

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Last Updated :Jan 12, 2023, 6:49 PM IST
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