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सौरभ भारद्वाज बोले- एलजी ने निगम प्रशासन का अनुभव रखने वालों की बजाए भाजपा कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बनाया

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Published : Jan 8, 2023, 10:39 PM IST

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आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज

आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एमसीडी में प्रोटेम मेयर चुनाव को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने चुनी हुई सरकार को बायपास करके बेइमानी से भाजपा के चेयरमैन-स्टैडिंग कमेटी सदस्य बनाने के लिए मास्टर प्लान बनाया.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी ने गैर कानूनी तरीके से निगम प्रशासन का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ की बजाए भाजपा कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बनाया. संविधान का आर्टिकल 243R कहता है कि एल्डरमैन वो लोग होंगे, जिन्हें निगम प्रशासन का खास अनुभव होगा, विशेषज्ञ हों. केंद्र सरकार के उपराज्यपाल ने चुनी हुई सरकार को बायपास करके बेइमानी से भाजपा के चेयरमैन-स्टैडिंग कमेटी सदस्य बनाने के लिए मास्टर प्लान बनाया.

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने भाजपा के जिला स्तर के नेताओं के साथ प्लान बनाया कि जोन के अंदर चैयरमेन भाजपा का बन जाए. नैतिकता के पहाड़ पर चढ़कर सीएम केजरीवाल को गाली देने वाले एलजी, भाजपा के कार्यकर्ताओं के ढूंढ कर ले आए. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के चयन मापदंड के अनुसार सत्या शर्मा की बजाए नीमा भगत को एमसीडी का पीठासीन अधिकारी होना चाहिए. लेकिन इसमें भी बेइमानी की गई. भाजपा और उपराज्यपाल प्रोटेम मेयर को लेकर बेइमानी इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उसके जरिए मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव एक साथ करवाना चाहते हैं. जिससे आम आदमी पार्टी 5 साल तक कोर्ट में लड़ती रहे और भाजपा बेईमानी से पांच साल एमसीडी में सरकार चलाती रहे. कांग्रेस ऐसा सिर्फ़ दिखाती है कि वो भाजपा को रोकना चाहती है. जबकि एमसीडी में मेयर चुनाव से वॉकआउट कर भाजपा को सीधे फायदा देने की कोशिश है.

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भारद्वाज ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उपराज्यपाल के ऑफिस से सप्ताह में लगभग 3 बार प्रेस रिलीज आती है. उसके अंदर बहुत अमर्यादित भाषा का प्रयोग मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेताओं के विषय में अक्सर उपराज्यपाल के यहां से किया जाता है. हैरानी की बात तब है जब उपराज्यपाल नैतिकता के ऐसे पहाड़ पर चढ़कर प्रेस रिलीज देते हैं जैसे उनसे बड़ा संविधान का रक्षक नहीं है. उनका राजनीति से कोई लेना-देना ही नहीं है. एनिमल वेलफेयर बोर्ड के अंदर कुछ नाम ऐसे दे दिए गए, जिनका एनिमल वेलफेयर से ज्यादा लेना-देना नहीं था. इसीलिए उन्होंने वो नाम वापस कर दिए और खूब खरी-खोटी उन्होंने चुनी हुई सरकार को सुनाई. हम उन नामों पर चर्चा करेंगे जिन नामों को एलजी ने गैर कानूनी तरीके से एल्डरमैन काउंसलर के तौर पर नामित किया है.

उन्होंने कहा कि संविधान के आर्टिकल 243R और S कहता है कि ये वो लोग होंगे, जिनके पास नगर निगम प्रशासन के अंदर विशेष जानकारी और अनुभव होगा. इसमें बड़े अधिकारी होंगे, जिनके पास निगम का बड़ा अनुभव होगा. दिल्ली के अंदर एलजी जिन 10 हीरों को ढूंढ कर लाए हैं, उनमें पहले विनोद कुमार बवाना से हैं. इन्हें नरेला जोन से नॉमिनेट किया है. यह भारतीय जनता पार्टी बवाना के डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज थे. किसान मोर्चा दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे है. दूसरे लक्ष्मण आर्या किसान मोर्चा के मंत्री रहे हैं.

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भारतीय जनता पार्टी की इकाई राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रकल्प के सह संयोजक रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एमएलए का चुनाव लड़ा. नरेला जोन से चुने गए मुकेश मान स्टेट प्रभारी भारतीय जनता पार्टी पंजाब और उत्तराखंड से रहे हैं. इसके अलावा अन्य नाम भी भाजपा से जुड़े हैं. भारद्वाज ने कहा कि एलजी नैतिकता के पहाड़ पर चढ़कर चुने हुए मुख्यमंत्री को गालियां देते हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं यह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी दिल्ली संगठन के अलग-अलग पदों पर रहने वाले लोग आपको कहां से मिले. मैं तो सोचता था कि उपराज्यपाल बहुत बड़ा पद होता होगा. प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति से नीचे किससे बात करते होंगे. यह तो जिला स्तर के नेताओं से बात करके, नामों को लिस्ट बनाकर दे रहे हैं. इनका क्या पद और क्या मर्यादा है ? इन्होंने मर्यादा को तार-तार कर दिया ?

सौरभ ने कहा कि दिल्ली वालों के लिए यह बेहद शर्म की बात है कि इस तरह से उपराज्यपाल पद का गलत दुरुपयोग कर रहे हैं. इन्होंने एक और झूठ बोला कि दोनों महिला पार्षदों के पास 15-15 साल का अनुभव है. जबकि इनके पास सिर्फ 10-10 साल का अनुभव है.

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