ETV Bharat / state

विधानसभा में अपने विधायकों से घिरी दिल्ली सरकार, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी और कैंसर संस्थान को छोड़ रहे डॉक्टर, जानें कारण

author img

By

Published : Aug 17, 2023, 5:26 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 6:51 PM IST

गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की सरकार अपने ही विधायकों के निशाने पर आ गई. पूर्व मंत्री ने सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलते हुए कहा कि पैसे की कमी के कारण डॉक्टर अस्पताल छोड़ रहे हैं. और भी बहुत कुछ कहा... पढ़ें

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार का राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान फंड की कमी से जूझ रहा है. हालत यह है कि दोनों अस्पतालों से डॉक्टर छोड़कर जा रहे हैं. इससे डॉक्टरों की कमी हो गई है और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. यह आरोप आम आदमी पार्टी के सीमापुरी विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्रपाल गौतम ने विधानसभा में लगाया.

गौतम ने गुरुवार को इस मुद्दे को उठाते हुए विधानसभा में कहा कि दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट हो या राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल. यहां के कितने डॉक्टर छोड़कर चले गए. जो डॉक्टर कॉन्टैक्ट्र पर नौकरी कर रहे थे, वो सब सुविधाओं की कमी के चलते नौकरी छोड़कर जा रहे हैं. यह बंद होने के कगार पर है.

फंड की कमी से नहीं चल रहा अस्पताल: पूर्व मंत्री राजेंद्रपाल गौतम ने कहा कि अस्पतालों से नौकरी छोड़कर जाने वाले डॉक्टर्स की सूची विधानसभा में भी मंगवाई जाए. अस्पतालों में उपकरण नहीं है, जिस वजह से डॉक्टर कुछ कर नहीं पाते. उन्हें समय पर वेतन देने के लिए सरकार के पास फंड नहीं है. पूरा हॉस्पिटल बंद होने के कगार पर है.

  • अस्पतालों में टेस्ट नहीं हो रहा, कैंसर अस्पताल, राजीव गांधी अस्पताल बंद होने की कगार पर है। केजरीवाल जी क्या इसी व्यवस्था को आप वर्ल्ड क्लास कहते हैं?

    AAP के विधायक ही आपकी व्यवस्था की पोल खोल रहे। शर्म करो ! pic.twitter.com/kbuLzHXAab

    — BJP Delhi (@BJP4Delhi) August 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि फंड की कमी के कारण यहां एक्स-रे मशीन कैथ लैब और सीटी स्कैन सहित तमाम चिकित्सा उपकरण भी खराब पड़े हैं. डॉक्टर और नर्स को भी तीन-तीन महीने के बाद एक महीने का वेतन मिलता है. 650 बेड की क्षमता वाला यह अस्पताल मात्र ढाई सौ बेड की क्षमता से ही चल पा रहा है. उसमें भी अब अव्यवस्थाएं होने के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों की सूची
इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों की सूची

पिछले कई महीनों से नहीं मिल पा रही सुविधा: अस्पताल में कुछ महीनों से कई मशीनें बंद है. पिछले छह महीने से दोनों कैथ लैब खराब होने से हार्ट के मरीजों की स्टंटिंग, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी भी बंद है. दोनों कैथ लैब खराब होने से हार्ट के मरीजों की छह महीने से स्टंटिंग, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी भी बंद रखी गई है. एक्स-रे मशीन कैथ लैब और सीटी स्कैन सहित तमाम चिकित्सा उपकरण भी खराब हैं.

जानें, डॉक्टर्स की हालत: अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख रहे डॉ. लालेंद्र उप्रेती ने बताया कि वेतन में देरी के अलावा सबसे बड़ी समस्या रेडियोलॉजी में उपकरणों का खराब होना है. इन्हें ठीक कराने के लिए कई बार लिखकर भी दिया, लेकिन मशीनें ठीक नहीं हुई. इस वजह से अपने विभाग में मरीजों का काम नहीं हो पाने से परेशान होकर अंत में इस्तीफा देना ही उचित समझा. डॉ. उप्रेती ने बताया कि वेतन मिलने में भी तीन तीन महीने का समय लगता था. मैं अस्पताल में ड्यूटी करने 25 किलोमीटर दूर नोएडा से आता था.

अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं
अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं

गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टर आदित्य शर्मा ने बताया कि वह जुलाई के मध्य में अस्पताल छोड़ चुके हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह अस्पताल में वेतन समय पर नहीं मिलना और मरीजों के इलाज से संबंधित बहुत सारी मशीनें खराब होना रहा. डॉ. आदित्य ने बताया कि डॉक्टरों को तीन महीने बाद एक महीने का ही वेतन मिल पाता है. इतना ही नहीं नर्सों को भी यहां समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनका भी अस्पताल से मोहभंग हो रहा है.

गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद देव पांच महीने पहले, गैस्ट्रो सर्जरी के डॉ. अमित कुमार पिछले साल अक्टूबर में और एनेस्थीसिया विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. विजिता पांडे ने 24 जुलाई को इस्तीफा दिया था.

मैंने अभी एक अगस्त को अस्पताल का अतिरिक्त प्रभार संभाला है. डॉक्टरों की कमी के चलते खाली पड़े विभागों का मामला संज्ञान में है. डॉक्टर और एचओडी की नियुक्तियों के लिए फाइल चला दी गई है. विभाग से स्वीकृति प्राप्त होते ही नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा. उम्मीद है कि महीने के अंत तक विभागों में डॉक्टरों की नियुक्ति कर ली जाएगी.

डॉ. आशीष गोयल, चिकित्सा अधीक्षक अतिरिक्त प्रभार, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ताहिरपुर

मरीजों की परेशानी: अस्पताल में एक्स रे, सीटी स्कैन और अन्य कई तरह की जांच न होने के चलते मरीजों को बाहर से निजी लैब से जाकर जांच करानी पड़ती हैं. जिनमें उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं. इनमें कुछ ऐसे मरीज भी होते हैं, जो बाहर से जांच नहीं करा पाते. ऐसे में उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: Cancer Disease: डीएससीआई में कैंसर के मरीजों को समय पर नहीं मिल पा रहा इलाज, जानिए क्या है वजह
स्थायी चिकित्सा निदेशक की नियुक्ति न होने से भी परेशानी: दो साल में 6 से ज्यादा चिकित्सा अधीक्षकों ने यहां प्रभार लेने और छोड़ने के बाद बुराड़ी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आशीष गोयल को राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया. पहले से ही बुराड़ी अस्पताल की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉक्टर आशीष भी अस्पताल में ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं. ऊपर से फंड की कमी भी उनके भी काम करने में आड़े आ रही है.

ये भी पढ़ें: Delhi State Cancer Institute: हाल-ए- दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान, आज लगेगा नंबर तो 30 दिन बाद होगा इलाज

Last Updated : Aug 17, 2023, 6:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.