नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) की सदन की बैठक में विपक्ष के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. निगम को दी जाने वाली राशि को लेकर लगातार दिल्ली सरकार में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) और विधायक सौरभ भारद्वाज (MLA Saurabh Bhardwaj) द्वारा किए जा रहे बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ पक्ष के पार्षदों ने निंदा प्रस्ताव पारित (censure motion passed) किया. निंदा प्रस्ताव को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के पार्षद भड़क गए और दोनों पक्षों में जमकर नोकझोंक हुई. यहां तक की दो महिला पार्षदों में स्थिता हाथापाई में बदल गई.
बैठक के दौरान सत्यपाल सिंह ने कहा कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और विधायक सौरभ भारद्वाज द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेता निगम को दी जाने वाली राशि को लेकर लगातार गलत बयानी की जा रही है, जो अपने आप में बेहद शर्मनाक है और उनकी मानसिकता को दर्शाता है. दिल्ली सरकार निगम की राशि को दबाए बैठी है और जनता के बीच उल्टा दुष्प्रचार कर रही है इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी इन्हें कहा है कि कितना पैसा निगम को दिया है इसको लेकर एफिडेविट बनाकर हिसाब बताया जाए. इसको लेकर विपक्ष के पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया पार्षदों का कहना था कि दिल्ली सरकार ने निगम का सभी पैसा दे दिया है वहीं विपक्ष के नेता मनोज त्यागी ने कहा कि भाजपा शासित पूर्वी निगम पूरी तरह असफल साबित हुई है. यह लोग कोई काम नहीं कर पाए हैं और अपनी जेब मिटाने के लिए दिल्ली सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
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वहीं मनोज त्यागी ने कहा कि इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि निगम कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है और इधर-उधर से कर्ज मांग कर अपना काम चलाना पड़ रहा है. त्यागी ने कहा कि एक तरफ तो निगम के नेता आर्थिक तंगी की बात करते हैं दूसरी तरफ दिल्ली के ईमानदार लोग जब हाउस टैक्स देना चाहते हैं तो यह आज तक उन्हें यूपीक आईडी नहीं दे पा रहे हैं जिसके चलते लोग चाहकर भी हाउस टैक्स नहीं जमा कर पा रहे हैं. त्यागी ने कहा कि भाजपा शासित निगम के नेता उसे ऐसी हालत में ले जाना चाह रहे हैं, जहां से वह कभी ऊपर न पहुंच सके. जनता के लिए विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों की पेमेंट अटकी हुई है. आश्चर्य की बात यह है कि 190 करोड़ रुपये ठेकेदारों के निगम ने अभी तक भुगतान नहीं किया है. ऐसे हालातों में निगम का ठेका लेने को कोई भी ठेकेदार तैयार नहीं होगा फिर हम किस विकास की बात करेंगे. उन्होंने कहा की यूनीपोल को लेकर घोटाला हो या पार्किंग में गोलमाल यह किसी से छुपा नहीं है और भाजपा के नेता मिलीभगत के चलते इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.
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