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Sumit Mukherjee : पश्चिम बंगाल के सुमित ने देश का बढ़ाया गौरव, एशियन स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैंपियनशिप 2023 में जीता रजत पदक

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Published : Mar 18, 2023, 9:00 PM IST

पश्चिम बंगाल के सुमित मुखर्जी ने नेपाल के काठमांडू में संपन्न एशियन स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैंपियनशिप 2023 में रजत पदक अपने नाम कर भारत का गौरव बढ़ाया है. सुमित ने ईटीवी भारत से बात कर खेल में अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा की है.

sumit mukherjee
सुमित मुखर्जी

नई दिल्ली: हाल ही में नेपाल की राजधानी काठमांडू में संपन्न एशियन स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैंपियनशिप 2023 में दो भारतीयों ने पदक जीते. हरियाणा के अजब सिंह (36) ने स्वर्ण जबकि पश्चिम बंगाल के सुमित मुखर्जी (35) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. सुमित हुगली के चंदननगर निवासी हैं. बता दें कि ये प्रतियोगिता नेपाल के काठमांडू स्थित दशरथ स्टेडियम में आयोजित की गई थी. शीर्ष स्थानों के लिए लगभग 310 प्रतियोगियों ने भाग लिया. भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, नेपाल सहित नौ एशियाई देशों ने पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में प्रतियोगिता में भाग लिया.

स्ट्रेंथ लिफ्टिंग तीन इवेंट्स - बेंच प्रेस, हैक लीफ और बाइसेप कर्ल के संयोजन में की जाती है. इस प्रतियोगिता की राष्ट्रीय चैंपियनशिप मई 2022 में जबलपुर में हुई थी. उसके बाद 10 से 13 मार्च तक एशियन चैंपियनशिप हुई. वर्ल्ड चैंपियनशिप नवंबर 2023 में दुबई में होगी. सुमित को वर्ल्ड मीट में गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद है. चंदननगर निवासी सुमित मुखर्जी 2003 से बॉडीबिल्डिंग कर रहे हैं. बाद में 2021 में उन्होंने स्ट्रेंथ लिफ्टिंग का प्रशिक्षण शुरू किया.

sumit mukherjee
सुमित मुखर्जी

मुखर्जी ने जिले, राज्य और देश का प्रतिनिधित्व किया और कई पुरस्कार अपने नाम किए. मुखर्जी चंदननगर में एक मल्टीजिम भी चलाते हैं. बंगाल के क्रिकेटर इशान पोरेल और अभिषेक पोरेल कई अन्य लोगों में शामिल हैं, जो मुखर्जी के मल्टीजिम में प्रशिक्षण लेते हैं. फिलहाल उनका लक्ष्य दुबई में गोल्ड जीतना है और उसी के मुताबिक प्रैक्टिस कर रहे हैं. स्ट्रेंथ लिफ्टर सुमित मुखोपाध्याय ने ईटीवी भारत को बताया, वह प्रतियोगिताओं से पहले 4 घंटे अभ्यास करते हैं.

मुखर्जी ने इस खेल के खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी की अपील की. ​​मेरा लक्ष्य दुबई में 21 प्रतियोगियों के बीच स्वर्ण पदक जीतना है. हर तरह का अभ्यास जोरों पर चल रहा है. मैं गुरुवार को वापस आया. एक दिन के आराम के बाद मैंने दोबारा ट्रेनिंग शुरू की. मैंने बड़े भाई सौम्या मुखर्जी के नेतृत्व में शुरुआत की, लेकिन फिर बाली के विश्व चैंपियन अभिषेक गुप्ता ने मेरी बहुत मदद की. राज्य सरकार से एक ही अपील है कि वह इन खेलों के लिए भी सरकारी नौकरी प्रदान करें. मुखर्जी ने कहा कि, 'इस खेल को प्रशिक्षण और पौष्टिक भोजन की जरूरत है. बिना वित्तीय मदद के खेल को जारी रखना बहुत मुश्किल है'.

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