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साहा ने कहा- गुलाबी गेंद से विकेटकीपिंग करना नहीं होगा आसान

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Published : Nov 20, 2019, 11:31 PM IST

रिद्धिमान साहा ने दूसरे टेस्ट मैच से पहले कहा है कि,'गुलाबी गेंद को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है. अगर यह स्लिप के लिए चुनौतीपूर्ण है तो मेरे लिए भी है क्योंकि मैं भी स्लिप के बगल में खड़ा रहता हूं.'

रिद्धिमान साहा

कोलकाता: भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कहा है कि दिन-रात टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद से विकेटकीपिंग करना विकेटकीपरों के लिए चुनौतीपूर्ण है. भारतीय टीम शुक्रवार से ईडन गार्डन्स स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला दिन-रात टेस्ट मैच खेलेगी, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा.

साहा ने कहा, "गुलाबी गेंद को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है. अगर यह स्लिप के लिए चुनौतीपूर्ण है तो मेरे लिए भी है क्योंकि मैं भी स्लिप के बगल में खड़ा रहता हूं. इसके अलावा तेज गेंदबाज जब गेंद फेंकते हैं तो यह गेंद लहराती है. यह एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन मुझे चुनौती स्वीकार है. हम पेशेवर हैं."

रिद्धिमान साहा कैच पकड़ते हुए
रिद्धिमान साहा कैच पकड़ते हुए

भारतीय खिलाड़ियों में साहा और मोहम्मद शमी को ही घरेलू क्रिकेट में दिन-रात मैच खेलने का अनुभव है. दोनों खिलाड़ी 2016 में ईडन गार्डन्स में सीएबी के सुपर लीग फाइनल में दिन-रात क्रिकेट खेल चुके हैं.

उन्होंने कहा, "यह चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर गेंद को पकड़ते समय. हमें इससे तालमेल बिठाना होगा. गेंद नई है और यह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हो सकती है. यह बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है."

यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय पेस तिकड़ी शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा को इस गेंद से मदद मिलेगी, उन्होंने कहा, "गेंद गुलाबी हो या लाल. शमी के लिए यह वैसा ही रहेगा. शमी ने हाल के मैचों में अच्छा किया है. वह किसी भी परिस्थिती में अच्छा करते हैं. रांची में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. वह गति के साथ रिवर्स स्विंग हासिल करते हैं."

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कोलकाता: भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कहा है कि दिन-रात टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद से विकेटकीपिंग करना विकेटकीपरों के लिए चुनौतीपूर्ण है. भारतीय टीम शुक्रवार से ईडन गार्डन्स स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला दिन-रात टेस्ट मैच खेलेगी, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा.



साहा ने कहा, "गुलाबी गेंद को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है. अगर यह स्लिप के लिए चुनौतीपूर्ण है तो मेरे लिए भी है क्योंकि मैं भी स्लिप के बगल में खड़ा रहता हूं.  इसके अलावा तेज गेंदबाज जब गेंद फेंकते हैं तो यह गेंद लहराती है. यह एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन मुझे चुनौती स्वीकार है. हम पेशेवर हैं."



भारतीय खिलाड़ियों में साहा और मोहम्मद शमी को ही घरेलू क्रिकेट में दिन-रात मैच खेलने का अनुभव है. दोनों खिलाड़ी 2016 में ईडन गार्डन्स में सीएबी के सुपर लीग फाइनल में दिन-रात क्रिकेट खेल चुके हैं.



उन्होंने कहा, "यह चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर गेंद को पकड़ते समय. हमें इससे तालमेल बिठाना होगा. गेंद नई है और यह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हो सकती है. यह बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है."



यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय पेस तिकड़ी शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा को इस गेंद से मदद मिलेगी, उन्होंने कहा, "गेंद गुलाबी हो या लाल.  शमी के लिए यह वैसा ही रहेगा. शमी ने हाल के मैचों में अच्छा किया है. वह किसी भी परिस्थिती में अच्छा करते हैं. रांची में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. वह गति के साथ रिवर्स स्विंग हासिल करते हैं."


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