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पीएम मोदी से सवाल करने वाली पत्रकार से ऑनलाइन उत्पीड़न, व्हाइट हाउस ने कहा- 'अस्वीकार्य'

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Published : Jun 27, 2023, 1:07 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में पीएम मोदी से डब्ल्यूएसजे की जर्नलिस्ट ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सवाल किया था. पीएम मोदी ने उसी वक्त पत्रकार को जवाब दे दिया था, लेकिन बाद में उस पत्रकार को सोशल मीडिया पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. इस मामले की व्हाइट हाउस ने कड़ी निन्दा की और इस तरह के मामले को 'अस्वीकार्य' बताया.

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वाशिंगटन : व्हाइट हाउस ने यहां राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने पर सोशल मीडिया पर एक अमेरिकी पत्रकार पर हो रहे हमलों की निंदा की है और इसे 'पूरी तरह से अस्वीकार्य' बताया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की संवाददाता सबरीना सिद्दीकी ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में सवाल करते हुए पूछा था कि उनकी सरकार इस दिशा में सुधार के लिए क्या कदम उठाने पर विचार कर रही है.

संयुक्त पत्रकार सम्मेलन के एक दिन बाद संवाददाता को मोदी से सवाल पूछने के लिए सोशल मीडिया पर कोसा जाने लगा और कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वह पूर्व नियोजित तरीके से सवाल पूछ रही थीं. कुछ ने तो महिला पत्रकार को 'पाकिस्तानी इस्लामिस्ट' कहा. रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने एक प्रश्न के उत्तर में सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "हमें उस उत्पीड़न की खबरें मिली हैं. यह अस्वीकार्य है. और हम किसी भी परिस्थिति में कहीं भी पत्रकारों के किसी भी तरह के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते हैं. यह लोकतंत्र के उन सिद्धांतों के लिहाज से अनैतिकतापूर्ण है जो पिछले सप्ताह राजकीय यात्रा के दौरान प्रदर्शित किये गये."

सिद्दीकी के प्रश्न के उत्तर में मोदी ने लोकतंत्र के मामले में भारत के रिकॉर्ड का पुरजोर बचाव करते हुए कहा था कि उनकी सरकार का मूल आधार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' है. उन्होंने कहा था कि भारत एक लोकतंत्र है. और जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है. हमारी रगों में लोकतंत्र है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरीन ज्यां-पियरे ने कहा, "हम व्हाइट हाउस में इस प्रशासन के तहत प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसीलिए हमने पिछले सप्ताह संवाददाता सम्मेलन रखा था." उन्होंने कहा, "हम किसी पत्रकार को धमकाने या उनके उत्पीड़न के किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं जो केवल अपना काम करने की कोशिश करते हैं."

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क्या प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने प्रेस की आजादी और मानवाधिकार जैसे विषयों पर बातचीत की थी? इस प्रश्न के जवाब में ज्यां-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन किसी वैश्विक नेता या किसी राष्ट्र प्रमुख से मानवाधिकारों के मुद्दे पर बातचीत से कभी संकोच नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि दोनों नेताओं द्वारा, न केवल राष्ट्रपति (बाइडन), बल्कि प्रधानमंत्री (मोदी) द्वारा भी संवाद करना आप सभी के लिए और सवाल पूछने वाले पत्रकारों के लिए भी महत्वपूर्ण है." इस बीच दक्षिण एशियाई पत्रकार संघ (एसएजेए) ने सिद्दीकी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपशब्दों के इस्तेमाल की निंदा करते हुए महिला पत्रकार के प्रति समर्थन जताया है. संगठन ने कहा कि प्रेस की आजादी किसी भी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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