ETV Bharat / international

Karachi Port Terminal : कराची पोर्ट टर्मिनल यूएई को सौंपेगा पाकिस्तान

author img

By

Published : Jun 20, 2023, 3:03 PM IST

Karachi Port Terminal
कराची पोर्ट

आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान कराची पोर्ट टर्मिनल (Karachi Port Terminal) यूएई को सौंपेगा. यह कदम आपातकालीन धन जुटाने के लिए पिछले साल बनाए गए कानून के तहत है.

कराची : पाकिस्तान ने कराची बंदरगाह टर्मिनलों (Karachi Port Terminal) को सौंपने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ एक सौदे को अंतिम रूप देने के लिए एक वार्ता समिति का गठन किया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि यह कदम आपातकालीन धन जुटाने के लिए पिछले साल बनाए गए कानून के तहत पहला अंतर-सरकारी लेनदेन हो सकता है.

वित्त मंत्री इशाक डार ने अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन पर कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की. निर्णय के अनुसार, कैबिनेट समिति ने कराची पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) और यूएई सरकार के बीच एक वाणिज्यिक समझौते पर बातचीत करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया.

कराची बंदरगाह टर्मिनलों को सौंपने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की एक नामित एजेंसी के साथ सरकार से सरकार की व्यवस्था के तहत एक मसौदा संचालन, रखरखाव, निवेश और विकास समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वार्ता समिति को भी अनुमति दी गई है.

एक रूपरेखा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए गठित वार्ता समिति की अध्यक्षता समुद्री मामलों के मंत्री फैसल सब्जवारी करेंगे. समिति के सदस्यों में वित्त और विदेश मामलों के अतिरिक्त सचिव, प्रधानमंत्री जहानजेब खान के विशेष सहायक, कराची पोर्ट टर्मिनल (केपीटी) के अध्यक्ष और केपीटी के महाप्रबंधक शामिल हैं.

पाकिस्तान अबू धाबी पोर्ट्स ग्रुप की सहायक कंपनी अबू धाबी पोर्ट्स (एडीपी) को टर्मिनलों को सौंपने के लिए एक समझौते पर पहुंचने का लक्ष्य रखता है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि यूएई सरकार ने पिछले साल पाकिस्तान इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल्स (पीआईसीटी) के प्रशासनिक नियंत्रण वाले कराची बंदरगाह टर्मिनलों को हासिल करने में रुचि दिखाई थी.

एडी पोर्ट्स ग्रुप का हिस्सा अबू धाबी पोर्ट्स यूएई में 10 बंदरगाहों और टर्मिनलों का मालिक या संचालन करता है. पिछले साल, गठबंधन सरकार ने अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन अधिनियम बनाया, जिसका उद्देश्य धन जुटाने के लिए राज्य की संपत्ति को फास्ट-ट्रैक आधार पर बेचना था.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ इसका सौदा समाप्त होने के बाद देश को अतिरिक्त धन की सख्त जरूरत है.

ये भी पढ़ें-

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.